तौकीर रजा खान (Maulana Tauqeer Raza) उत्तर प्रदेश के नेता और मौलवी हैं. वे बरेली सुन्नी मुसलमानों के धार्मिक नेता हैं और उत्तर प्रदेश में स्थित राजनीतिक दल इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद (IEMC) के संस्थापक हैं. वे सुन्नी इस्लाम के बरेलवी आंदोलन के संस्थापक अहमद रजा खान बरेलवी के परपोते हैं. उनहोंने देवबंदियों द्वारा भेदभाव का आरोप लगाते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से नाता तोड़ दिया था. बाद में वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जदीद) के प्रमुख बने.
सितंबर 2025 में उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘I Love Muhammad’ अभियान के समर्थन में हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा हुई, जिसके बाद बरेली पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा खान और उनके सात साथियों समेत कुल 39 लोगों को गिरफ्तार किया.
मौलाना तौकीर रजा को उनके राज्य के हथकरघा विभाग के उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किया गया था. मुजफ्फर नगर दंगों के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 2016 में उन्होंने मुसलमानों के बीच एकता बनाने के प्रयास में देवबंद का दौरा किया. इसके लिए उनके अपने संप्रदाय के मौलवियों ने उनकी आलोचना की.
मौलाना रजा खान बरेलवी एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके दो बड़े भाई, सुभान रजा खान और अहमद रजा खान बरेलवी की दरगाह-ए-आला हजरत के सज्जादानशीन थे.
बरेली हिंसा के मामले में तौकीर रजा के करीबियों की संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई जारी है. मोहम्मद आरिफ की सोलह दुकानें वाली दो मंजिला इमारत को प्राधिकरण ने जमीदोज किया. दुकानदारों को पहले सामान निकालने की मोहलत दी गई. छब्बीस सितंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में यह कार्रवाई हुई है.
बरेली में छब्बीस सितंबर को हुई हिंसा के मामले में आरोपित मौलाना तौकीर रजा के करीबी मोहम्मद आरिफ की मार्केट और मैरेज हाल पर बरेली विकास प्राधिकरण द्वारा बुलडोजर कार्रवाई की गई. मोहम्मद आरिफ की सोलह दुकानों वाली दो मंजिला इमारत को प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया. दुकानदारों को सामान निकालने के लिए कुछ घंटे की मोहलत दी गई थी, जिसके बाद बुलडोजर ने कार्रवाई शुरू की.
उत्तर प्रदेश के बरेली में मौलाना तौकीर रजा के करीबियों के खिलाफ बरेली विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार बुलडोजर कार्रवाई की है. मोहम्मद आरिफ के दो मंजिला अवैध मार्केट को ध्वस्त किया गया, जिसमें दो दर्जन से अधिक दुकानें शामिल थीं. पूरे इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है ताकि अफरातफरी और भीड़ न हो.
बरेली में मौलाना तौकीर रजा के पांच सहयोगियों के खिलाफ ई-चार्जिंग स्टेशनों पर बिजली चोरी का खुलासा हुआ और 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली नोटिस जारी की गई है. छापेमारी, गिरफ्तारी और अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की.
बरेली में हुए बवाल मामले में कार्रवाई और सियासत दोनों जारी हैं. योगी सरकार मौलाना तौकीर रजा के करीबियों पर लगातार शिकंजा कस रही है. इसी कड़ी में मौलाना के करीबी डॉक्टर नफीस के अवैध मैरिज हॉल रजा पैलेस पर बुलडोजर चलाया गया. वहीं, सपा नेताओं को बरेली आने से रोका गया.
उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के मामले में मौलाना तौकीर रजा की 'दंगा ब्रिगेड' पर खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस घटना में कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर हिंसा भड़काने, पुलिस पर हमला करने और अवैध हथियार रखने के आरोप हैं. पुलिस ने तमंचे भी बरामद किए हैं.
'आई लव मोहम्मद' पोस्टर को लेकर कानपुर से शुरू हुआ विवाद देश में फैल गया और बरेली में भी हिंसा हुई. मौलाना तौकीर रजा के व्यवहार को गैर-जिम्मेदराना बताया गया, जिसके बाद दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया. सियासी नेताओं ने भी भड़काऊ बयाजबाजी करके दंगे की आग में घी डालने का काम किया.
बरेली हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपी नदीम ने पूछताछ में बताया कि दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश रची थी. भीड़ को 'सर तन से जुदा' जैसे भड़काऊ नारे लगाकर उकसाया गया था. पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी तौकीर रजा की पार्टी के नेता नदीम ने बाहर से भी अपराधी बुलाए थे, जिनके पास अवैध हथियार थे.
बरेली हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार, 19 सितंबर से ही हिंसा की साजिश रची जा रही थी. मौलाना तौकीर रजा ने 26 सितंबर को हिंसक प्रदर्शन की योजना बनाई थी, जिसके तहत पेशेवर अपराधियों और गौतस्करों को बुलाया गया था. ड्रोन फुटेज में करीब 30 लोग हथियारों से लैस दिखे. साजिश के तहत ही नमाज का वक्त भी अचानक बदल दिया गया था.
उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा के पीछे मौलाना तौकीर रजा की 'दंगा ब्रिगेड' का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में नफीस, नदीम, इदरीश, इकबाल, शमशाद और तजिम जैसे किरदार शामिल हैं, जिन्होंने हिंसा भड़काने में अलग-अलग भूमिका निभाई.
उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के मामले में मौलाना तौकीर रजा की 'दंगा ब्रिगेड' का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस घटना में नफीस, नदीम, शमशाद, ताजम, इदरीश और इकबाल सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर हिंसा भड़काने, पुलिस पर हमला करने और अवैध हथियार रखने के आरोप हैं. पुलिस ने एंटी-राइट गन और तमंचे बरामद किए हैं.
बरेली में मौलाना तौकीर रज़ा को नजरबंद रखने के बावजूद एक विरोध प्रदर्शन हुआ. पुलिस ने बताया कि उन्हें पेट्रोल बम और पत्थर मिले. उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया, जिससे बरेली को सांप्रदायिक हिंसा से बचाया जा सका. पुलिस की तत्परता के बावजूद, पत्थरबाजी की घटनाएँ हुईं. यह सवाल उठा कि जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिदों से निकलकर शहर में आग लगाने की तैयारी क्यों की गई.
उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले शुक्रवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है. इस मामले में अब तक 72 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तीन अपराधियों को एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया है. गिरफ्तार किए गए लोग हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं और कह रहे हैं कि वे तौकीर रजा के बहकावे में आ गए थे.
बरेली हिंसा में आरोपी तौकीर रजा के भाई तौसीफ रजा ने पुलिस पर आरोप लगाया है. उसने कहा है कि 'बरेली शरीफ में मुसलमानों को मुसलमान होने की सामूहिक सजा दिए जाने का आरोप लगाया गया है.' और इन हालात के मद्देनजर बेगुनाह मुसलमानों की गिरफ्तारी रोकने, मनमानी दबिशें बंद करने, मुकदमे वापस लेने और बुलडोजर कार्रवाई रोकने की मांग की गई है.
उत्तर प्रदेश में 'आई लव मुहम्मद' के नाम पर कई शहरों में अशांति फैलने के बाद बरेली में जो कुछ भी हुआ, उसमें किसी बड़ी साजिश के होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. दंगा करने वालों पर पुलिस ने कड़ा एक्शन लिया है. सीसीटीवी की मदद से अन्य दंगाइयों की पहचान भी की जा रही है. देखें रिपोर्ट.
उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन की बड़ी कार्रवाई जारी है. मौलाना तौकीर रजा समेत 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तौकीर रजा के करीबियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया है. उनके संगठन का दफ्तर सील कर दिया गया है. तौकीर रजा के दामाद मोहसिन के घर पर भी कार्रवाई की कोशिश हुई, लेकिन स्टे ऑर्डर के कारण वह बच गए.
उत्तर प्रदेश में कट्टरपंथियों और माफिया के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार का जीरो टॉलरेंस रहा है. इसके बावजूद 'आई लव मुहम्मद' विवाद को लेकर कुछ जिलों में विशेषकर बरेली में बलवा करने की कोशिश हुई.
बरेली में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर से जुड़े विवाद के बाद हुई हिंसा पर पुलिस की कार्रवाई जारी है. इस उपद्रव में अब तक कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मौलाना तौकीर रजा के करीब 29 लोग शामिल हैं. पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा के दफ्तर को भी सील कर दिया है. जांच के बाद मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया है.
देश के कई शहरों में "आई लव मोहम्मद" के नाम पर हिंसा और तनाव की स्थिति बनी हुई है. उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के बाद मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार किया गया है. उन पर 26 सितंबर को भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. एफआईआर के अनुसार, मौलाना तौकीर रजा ने कथित तौर पर कहा था, "शहर का माहौल बिगाडना है, चाहे इसमें पुलिसवालों की हत्या भी करनी पड़े."
'आई लव मुहम्मद' के नाम पर निकाले जा रहे जुलूस का खमियाजा आम लोगों को न भुगतना पड़े इसके लिए सभी सरकारों को सोचना चाहिए. यह सर्वविदित तथ्य है कि दंगाई नेताओं के झांसे में आकर आम लोग हिंसक हो जाते हैं. नेता तो किनारे हो जाते हैं और आम लोगों को जेल का चक्कर काटना पड़ता है. मौलाना तौकीर रजा जैसे लोगों पर सख्त कार्रवाई से आम लोगों को परेशान होने से बचाया जा सकता है.
बरेली जिला हाल ही में हुए बवाल के कारण चर्चा में है. इस उपद्रव का कारण बने मौलाना तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता है. 15 साल पहले भी, यानी 2 मार्च 2010 को, तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद बरेली में दंगा भड़क गया था. तब कुहाड़ापीर इलाके में बारावफात के जुलूस के दौरान हुई इस हिंसा के बाद शहर में एक महीने तक कर्फ्यू लगा रहा था. दंगाइयों ने हिंदू व्यापारियों की 30 से अधिक दुकानों को निशाना बनाया और आग लगा दी थी.