मनीष तिवारी, राजनेता
मनीष तिवारी (Manish Tewari) एक भारतीय वकील और राजनीतिज्ञ हैं. वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं और 17वीं लोकसभा में आनंदपुर साहिब का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह 2012 से 2014 तक सूचना और प्रसारण मंत्री और 2009 से 2014 तक लुधियाना से सांसद रहे हैंCongress Leader Manish Tewari).
मनीष तिवारी का जन्म 8 दिसंबर 1965 को लुधियाना, पंजाब में हुआ था (Manish Tewari date of Birth). उनके पिता वी.एन. तिवारी, पंजाबी भाषा के लेखक और पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और मां अमृत तिवारी एक दंत चिकित्सक थी. 1984 में चंडीगढ़ के सेक्टर 24 में सुबह की सैर के दौरान उनके पिता की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. उनकी मां का 2018 में हृदय गति रुकने से निधन हो गया. मनीष तिवारी के नाना सरदार तीरथ सिंह एक वकील और पंजाब राज्य में कांग्रेस की सरकार में मंत्री थे (ManishTewari Family).
तिवारी ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की (Manish Tewari Education).
मनीष तिवारी ने मार्च 1996 में एक पारसी लड़की नाजनीन शिफा से शादी की और इनके एक बेटी है जिसका नाम इनका तिवारी है (Manish Tewari Wife and Daughter).
तिवारी 1988 से 1993 तक भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के अध्यक्ष थे . और 1998 से 2000 तक भारतीय युवा कांग्रेस (I) के अध्यक्ष थे. वे 2004 के लोकसभा चुनाव हार गए लेकिन शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार को हराकर 2009 का लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा. मार्च 2014 में वे हृदय रोग से परेशान रहे और अपने खराब स्वास्थ्य के कारण संसदीय चुनाव लड़ने की अनिच्छा व्यक्त की. उनकी जगह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू ने ले ली है (Manish Tewari Political Career).
पेशे से वकील तिवारी, वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली के उच्च न्यायालयों के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा में प्रैक्टिस करते हैं (Manish Tewari Advocat).
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @ManishTewari है. उनके फेसबुक पेज का नाम Manish Tewari है. वह इंस्टाग्राम पर manishtewarimp यूजरनेम से एक्टिव हैं.
संसद में चुनाव सुधारों पर बहस हो रही है. ईवीएम पर सवाल उठाने वाले विपक्ष के कई नेता अब बैलेट पेपर्स से चुनाव करवाने की डिमांड कर रहे हैं. सवाल उठता है कि क्या बिजली सेक्टर अगर ठीक से काम नहीं कर रहा है तो हम सुधार करेंगे, उसे और रोशन और पारदर्शी बनाएंगे या लालटेन युग में जाने की मांग करेंगे?
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने SIR की प्रक्रिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि 'किसी एक संसदीय क्षेत्र ये विधानसभा क्षेत्र में आप SIR करा सकते है पर पूरे प्रदेश में और देश में आप SIR नहीं करा सकते. संविधान उसकी इजाजत नही देता.'
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने SIR पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा है कि 'चुनाव आयोग के पास PAN राज्य में SIR कराने के लिए कोई कानूनी औचित्य नहीं है. PAN राज्य में SIR कराने के मामले में चुनाव आयोग की कोई वैधानिक क्षमता नहीं है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने EVMs पर भरोसे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि ईवीएम पर लोगों का भरोसा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. इस वजह से छह राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए विपक्षी दल यह मांग कर रहे हैं कि चुनाव को पेपर बैलट के माध्यम से कराया जाए.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने संवैधानिक अधिकारों के लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि सांसदों को संविधान ने न्यायपालिका में गड़बड़ी समझने पर इम्पीचमेंट मोशन चलाने का संवैधानिक अधिकार दिया है. इम्पीचमेंट मोशन पर जज इन्क्वायरी एक्ट के तहत जांच होती है. यह संवैधानिक प्रक्रिया सांसदों के अधिकारों की रक्षा करती है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने EVM और लोकतंत्र पर भरोसे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि 'लोकतंत्र भरोसे पर चलता है, और भरोसा ये है कि जब 98 करोड़ लोग 5-7 घंटे धूप में खड़े होते है, उस वोटर को ये भरोसा होना चाहिए कि वो जो वोट डाल रहा है वो सही जगह जा रहा है.'
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने संसद में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव सुधार के लिए राजीव गांधी द्वारा बड़े कदम की बात की, जिसमें मतदाताओं की उम्र 21 से घटा कर 18 की गई थी. साथ ही उन्होनें बताया कि उस समय वह NSUI के अध्यक्ष थे और NSUI की मांग पर राजीव गांधी ने करोड़ो युवाओं को मत का अधिकार दिया.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने संसद में देश के लोकतंत्र पर बात की. उन्होनें कहा कि यह चुनाव जीतना और सरकार बनाना केवल एक शुरुआत है. इससे पहले बहुत लोग आए और बाद में भी कई लोग आएंगे. पर अगर ये देश बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो ही आने वाली पीढ़िया ये कहेंगी कि हमारे पूर्वज हमारे लिए धरोहर छोड़ कर गए है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने EVM पर बात करते हुए देश के लोकतंत्र और चुनाव आयोग पर हमला बोला है. उन्होनें कहा कि 'भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है और इसकी विश्वसनीयता बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है. आज EVM को लेकर जो संदेह और प्रश्न चिन्ह उठे हैं वे हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़े सवाल हैं.'
लोकसभा में चुनाव सुधार पर बहस के दौरान मनीष तिवारी ने चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया, ईवीएम पारदर्शिता और एसआईआर की वैधता पर सवाल उठाए. अखिलेश यादव ने यूपी उपचुनावों में निष्पक्षता की कमी और चुनाव आयोग की निष्क्रियता का आरोप लगाया.
मनीष तिवारी ने चुनाव सुधार पर चर्चा करते हुए कहा कि लोकतंत्र के दो मुख्य भागीदार 98 करोड़ मतदाता और राजनीतिक दल हैं. उन्होंने बताया कि देश में चुनाव आयोग की स्थापना एक न्यूट्रल अंपायर की आवश्यकता को देखकर हुई थी. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 78 साल में सबसे बड़ा चुनाव सुधार राजीव गांधी की सरकार ने किया था, जब मतदान की उम्र 18 वर्ष कर दी गई. मनीष तिवारी ने कहा कि आज चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं और 2023 में बने चुनाव कानून में सुधार आवश्यक है.
'रुपया ICU में है...', कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का सरकार पर तंज.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने दक्षिण और पूर्वी एशिया में नेताओं के खिलाफ जनता के बढ़ते विरोध का हवाला देते हुए वंशवादी राजनीति पर सवाल उठाए. बीजेपी ने उनके बयान को राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष हमला बताया और इसे भुनाने की कोशिश की.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष समारोह से पहले देशभर में अलग अलग तबके के नुमाइंदों और नेताओं से संवाद की नई पहल करने जा रहा है. संघ अपनी विचारधारा से परे जाकर कई दलों और क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित करने जा रहा है - लेकिन, जिन नेताओं से परहेज की बात सामने आई है, वो काफी अजीब है.
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई बहस में शशि थरूर और मनीष तिवारी शामिल नहीं थे. कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में दोनों नेताओं को जगह नहीं मिली. खबर है कि शशि थरूर कांग्रेस की राजनीतिक लाइन के लिए ऑपरेशन सिंदूर पर अपना स्टैंड बदलने को तैयार नहीं हुए - और, मनीष तिवारी का मामला भी ऐसा ही लगता है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी से लेकर शशि थरूर और राजीव शुक्ला के बयान को देखें तो पूरी तरह से राहुल गांधी के बयान से विपरीत नजर आ रहा है. राहुल गांधी जहां ट्रंप के दावे का समर्थन कर रहे हैं, तो थरूर, मनीष तिवारी और राजीव शुक्ला की लाइन अलग है.
मनीष तिवारी और शशि थरूर दोनों ही उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद को समर्थन देने के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा पर गए थे. हालांकि, यह कांग्रेस नेतृत्व को रास नहीं आया और लोकसभा में बहस के लिए कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में इन दोनों सांसदों का नाम नहीं था.
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर संसद में चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई, लेकिन सुप्रिया सुले से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में खड़े नजर आए. इसके अलावा कांग्रेस ने चर्चा के लिए अपने जिन नेताओं के नाम दिए हैं, उसमें मनीष तिवारी और शशि थरूर के नाम नहीं शामिल हैं.
इस वीडियो में कांग्रेस सांसद प्रियंका को संसद के भीतर जाते देखा जा सकता है. इस बीच संसद के प्रवेश द्वार पर मनीष तिवारी को खड़ा देखा जा सकता है. वह प्रियंका को देखकर मुस्कुराते हुए उनसे बात करते हैं. इसके बाद प्रियंका संसद के भीतर चली जाती हैं.
लोकसभा मे सोमवार से ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की चर्चा जारी है और मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के साथ इसका अंत होगा, जबकि बीते दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत की थी और उनके बाद कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई ने पार्टी का पक्ष रखा था.
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है. इस दौरान दोनों पक्ष बातें रख रहे हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता शशि थरूर ने मौन तंत्र बोलकर मुद्दे पर चुप्पी का संकेत दिया. मनीष तिवारी ने 'भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ' पोस्ट किया. इस पोस्ट के सामने आने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर सवाल उठाए और विवाद हुआ.