रवीन्द्रनाथ टैगोर पहले व्यक्ति थे जिन्होंने गांधीजी को 'महात्मा' कहा था, जिसका संस्कृत में अर्थ 'महान आत्मा' होता है. उनके बुद्धिमान विचारों और विश्वासों के कारण लोग उनका सम्मान करते थे और उन्हें 'महात्मा गांधी' कहते थे. देश के प्रति उनका समर्पण और उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने के प्रयासों से दुनिया भर के भारतीयों को उन पर बहुत गर्व है (Mahatma Gandhi).
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को वर्तमान भारतीय राज्य गुजरात के एक तटीय शहर पोरबंदर में हुआ था. वह एक हिंदू परिवार में पले-बढ़े थे. उनके पिता करमचंद उत्तमचंद गांधी पोरबंदर राज्य के एक नेता थे. दक्षिण अफ्रीका में, वह शांतिपूर्ण विरोध आंदोलन का नेतृत्व करने वाले पहले व्यक्ति थे, जिसने उन्हें अन्य प्रदर्शनकारियों से अलग कर दिया. महात्मा गांधी ने अन्याय का विरोध करने के लिए एक अहिंसक दृष्टिकोण, सत्याग्रह का विचार भी पेश किया. उन्होंने अपने जीवन के 20 वर्ष दक्षिण अफ़्रीका में भेदभाव से लड़ने में समर्पित कर दिए.
'अहिंसा' के उनके विचार की व्यापक रूप से प्रशंसा की गई और दुनिया भर के कई प्रभावशाली लोगों ने इसका अनुसरण किया. वह एक अदम्य व्यक्ति बन गए जिन्हें किसी भी स्थिति में हराया नहीं जा सकता था. महात्मा गांधी ने खादी या जूट जैसे कपड़ों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 'खादी आंदोलन' की शुरुआत की. यह आंदोलन बड़े 'असहयोग आंदोलन' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसने भारतीय वस्तुओं की वकालत की और विदेशी वस्तुओं को हतोत्साहित किया. गांधीजी ने कृषि का पुरजोर समर्थन किया और लोगों को खेती में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने भारतीयों को शारीरिक श्रम अपनाने के लिए प्रेरित किया और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया, उनसे अपनी जरूरतों को पूरा करने और सरल जीवन जीने का आग्रह किया. उन्होंने विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करने और भारतीयों के बीच स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए चरखे का उपयोग करके सूती कपड़े बुनना शुरू किया.
भारत की आज़ादी की लड़ाई के दौरान गांधीजी को अपने अनुयायियों के साथ कई बार कारावास का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका मुख्य लक्ष्य हमेशा अपनी मातृभूमि की आजादी था. जेल में रहते हुए भी उन्होंने कभी हिंसा का रास्ता नहीं चुना.
महात्मा गांधी ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया. जब वे यरवदा जेल में थे, तब 'छुआछूत' के खिलाफ उनके प्रयासों ने, जहां उन्होंने इस प्राचीन सामाजिक बुराई के खिलाफ भूख हड़ताल की, आधुनिक समय में उत्पीड़ित समुदाय के उत्थान में बहुत मदद की. उन्होंने समाज में शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य और समानता के महत्व पर भी जोर दिया.
इन गुणों ने उन्हें एक महान आत्मा वाले व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया और गांधी से महात्मा बनने में उनके परिवर्तन को उचित ठहराया. उन्होंने 'भारत छोड़ो आंदोलन' सहित कई स्वतंत्रता आंदोलनों का नेतृत्व किया, जो बेहद सफल रहा. उनकी मृत्यु शांति और लोकतंत्र की ताकतों के लिए एक बड़ी क्षति थी, जिससे राष्ट्र के जीवन में एक महत्वपूर्ण खालीपन आ गया.
एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी नेता गोपाल कृष्ण गोखले ने महात्मा गांधी की राजनीतिक विचारधारा और नेतृत्व दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया. गांधीजी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे.
महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका जीवन अपने देश और उसके लोगों की सेवा के लिए समर्पित था और वह भारतीय नेतृत्व के एक अंतरराष्ट्रीय प्रतीक बन गए. आज भी, वह अपने मूल्यों और सिद्धांतों से दुनिया भर के युवाओं को प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहते हैं.
गांधी जी अनुशासन की अपनी दृढ़ भावना के लिए जाने जाते थे. उन्होंने महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने में आत्म-अनुशासन के महत्व पर जोर दिया, एक सिद्धांत जिसे उन्होंने अहिंसा के अपने दर्शन को बढ़ावा देने में लागू किया. अपने जीवन के माध्यम से, उन्होंने प्रदर्शित किया कि कठोर अनुशासन से किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति हो सकती है, बशर्ते हम प्रतिबद्ध और समर्पित रहें. इन गुणों ने उन्हें एक श्रद्धेय और सम्मानित नेता के रूप में स्थापित किया, जिसका प्रभाव उनके जीवनकाल से कहीं अधिक तक फैला हुआ है. उनके आदर्श न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में गूंजते रहते हैं.
आज का दंगल रोजगार के कानून पर चल रही सियासी जोर आजमाइश को लेकर है. 20 साल पहले बने मनरेगा कानून को मोदी सरकार खत्म करके नया जी-राम-जी कानून बना रही है. लोकसभा में आज ही ये बिल पारित होने वाला है. उससे पहले 6 घंटे की चर्चा रखी गई है. इस विधेयक पर चर्चा हंगामेदार होने की उम्मीद है क्योंकि विपक्ष पहले दिन से इस कानून में से महात्मा गांधी का नाम हटाने और राज्यों के सिर पर 40 फीसदी का बोझ डालने का विरोध कर रहा है. दरअसल अब रोजगार गारंटी कानून को लेकर सियासत बापू बनाम रामजी के नाम की हो चुकी है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज से राम राज वाली फिलॉसफी वाले कानून को खत्म करके जय श्रीराम वाला जी राम जी कानून लाकर धार्मिक राजनीति का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.
समाजवादी पार्टी के नेता राजीव राय का कहना है कि गांधी जी के नाम को मिटाने की कोशिशों और इसके खिलाफ विपक्ष के विरोध पर केंद्रित है. देश की आज़ादी में योगदान न देने वाले लोगों द्वारा महापुरुषों के नाम मिटाने के प्रयासों की आलोचना की गई है. बताया गया है कि गांधी भारत के दिल, दिमाग और मस्तिष्क में हमेशा जीवित रहेंगे और किसी भी ताकत द्वारा उन्हें मिटाना संभव नहीं है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का कहना है कि सरकार द्वारा हर योजना का नाम बदलने की प्रवृत्ति समझ से परे है क्योंकि इससे केंद्र सरकार को अतिरिक्त वित्तीय खर्च उठाना पड़ता है. माननीय सदस्यों से आग्रह है कि बिना व्यापक चर्चा और सदन की सहमति के जल्दबाजी में कोई विधेयक पास नहीं होना चाहिए. यह विधेयक वापस लिया जाना चाहिए और उसकी जगह सरकार को एक नया विधेयक प्रस्तुत करना चाहिए. महात्मा गांधी की भावना भी यही थी कि गहन जांच पड़ताल और पर्याप्त चर्चा के बाद ही कोई विधेयक प्रस्तुत होना चाहिए. इसलिए इसे स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए और किसी की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा या पूर्वाग्रह के आधार पर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये पोस्ट फर्जी है. पुतिन ने अपने संदेश में ऐसी कोई बात नहीं की है. उन्होंने सिर्फ महात्मा गांधी के सिद्धांतों की तारीफ की है.
एक दिन क्लास में रज्जू भैया की एक बलिष्ठ एंग्लो इंडियन लड़के से तकरार हो गई थी. मुद्दा थे- महात्मा गांधी. उस लड़के ने कहा था, ‘गांधीजी पूरी तरह से गलत हैं’, जब तक और कोई कुछ सोचता, फौरन रज्जू भैया ने कहा “नहीं, गांधीजी एकदम सही हैं”. बस यह बात उस लड़के को चुभ गई. उसने अचानक गुस्से में आकर रज्जू भैया के चेहरे पर दो पंच जड़ दिए. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.
महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पहुंचे राष्ट्रपति पुतिन ने बापू को महान दार्शनिक बताया. पुतिन ने कहा कि गांधीजी के सिद्धांतों और मूल्यों का रूस और भारत आज इंटरनेशनल स्टेज पर सम्मान करते हैं और सहयोग करते हैं.
राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.
नागपुर में राष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव के दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि महात्मा गांधी ने 'हिंद स्वराज' में लिखा था कि ब्रिटिशों ने भारत की एकता को लेकर झूठा नैरेटिव गढ़ा था. उन्होंने कहा कि भारत का 'राष्ट्र' अवधारणा प्राचीन, सांस्कृतिक और पश्चिमी नेशन मॉडल से बिल्कुल अलग है, और विविधता में एकता ही इसकी असली ताकत है.
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ईडन गार्डन्स में 14 नवंबर से शुरू होने वाले पहले टेस्ट के लिए CAB ने गांधी-मंडेला की याद में खास सोने का टॉस सिक्का जारी किया है. यह मुकाबला फ्रीडम ट्रॉफी के लिए खेला जाएगा. छह साल बाद ईडन में टेस्ट की वापसी को लेकर दर्शकों में उत्साह चरम पर है, जबकि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े कदम उठाए गए हैं.
केरल के त्रिशूर के गुरुवायूर नगर पालिका में अनावरण की गई महात्मा गांधी की प्रतिमा पर राष्ट्रपिता का अपमान करने का आरोप लगाते हुए त्रिशूर जिला कलेक्टर के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई गई है.
मोहन दास करमचंद गांधी कांग्रेस के अधिवेशनों में तो जाते ही थे, उन्हें संघ के एक शिविर में भी जाने का मौका मिला. गांधीजी संघ के अनुशासन और जातिरहित व्यवस्था से काफी प्रभावित थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है वो कहानी जब डॉ हेडगेवार ने गांधीजी को संघ का सिस्टम समझाया.
टॉलीवुड एक्टर श्रीकांत अयंगर के महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक बयान पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस मामले में कांग्रेस एमएलसी वेंकट बलमूर ने हैदराबाद में एक्टर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. वेंकट बलमूर ने चेतावनी देते हुए कहा, 'ऐसे पैरासाइट्स को मारने के लिए हम जैसे लोगों को एंटीबायोटिक्स बनना पड़ता है.'
दुनिया भर में युद्ध, आतंकवाद, नफरत और आर्थिक संकट जैसी विस्फोटक स्थितियां बनी हुई हैं. ऐसे में महात्मा गांधी के विचार पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक हो गए हैं. दुनिया को आज उनकी अहिंसा से सीख लेनी चाहिए. नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में अराजकता, भ्रष्टाचार और फरेब की राजनीति ने युवा पीढ़ी को हिंसा पर उतारू कर दिया है.
अमित शाह ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में खादी और स्वदेशी के विचार महत्वपूर्ण थे. महात्मा गांधी ने इन विचारों के माध्यम से देश के जन-जन को जागरूक किया और अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा किया. उन्होंने अनेक गरीबों के जीवन में उजियारा फैलाने का काम किया. लंबे समय तक खादी और स्वदेशी दोनों विचारों को भुला दिया गया था. 2003 में, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गुजरात में खादी को पुनर्जीवित करने का एक बड़ा अभियान चलाया.
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने गांधी जयंती पर गांधीवादी सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए प्रार्थना की अपील की. इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र पर निशाना साधा था. वांगचुक को लद्दाख हिंसक प्रदर्शन के बाद एनएसए के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री मोदी श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली के राजघाट पहुंचे. उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
PM मोदी ने गांधी जयंती 2025 पर राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री को भी याद किया और ‘जय जवान जय किसान’ को दोहराया.
गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी राजघाट पहुंचे और बापू को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री ने बापू की समाधि पर नमन किया. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी तस्वीरों में दिखाई दिए. पूरा देश बापू की 156वीं जयंती पर उन्हें याद कर रहा है. राजघाट पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कई देशों के दूतावासों के अधिकारी और राजदूत भी थे.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को आंदोलनकारी के रूप में, अहिंसक क्रांति के अग्रदूत और सत्याग्रह के पुजारी के रूप में तो सब जानते हैं लेकिन उनके जीवन के आध्यात्मिक पहलू कम अहम नहीं है. गांधी के जीवन का एक सिरा भारत की सनातन परंपरा और अध्यात्म से भी उतना ही जुड़ा हुआ था, जितना कि आजादी के आंदोलन से. बल्कि अहिंसक क्रांति की प्रेरणा के लिए गांधी हमेशा अध्यात्म को अपना पावरहाउस मानते थे.
Happy Gandhi Jayanti 2025 wishes in Hindi: राष्ट्रपिता गांधी को दुनिया बापू के नाम से पहचानती है. महात्मा गांधी के विचार और अहिंसा का मार्ग आज भी प्रासंगिक है. गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को उनके विचार एवं संदेश शेयर करके बापू के जन्मदिन को खास बना सकते हैं.
गांधी जयंती से पहले सोमवार को लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. भारतीय उच्चायोग ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे अहिंसा के विचार पर हिंसक हमला बताया है.