'IC 814: द कंधार हाईजैक' 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के अपहरण पर आधारित एक वेब सीरीज है. इसे अनुभव सिन्हा ने निर्देशित किया है और एड्रियन लेवी और त्रिशांत श्रीवास्तव ने लिखा है. मैचबॉक्स शॉट्स और बनारस मीडियावर्क्स के तहत सरिता पाटिल और संजय राउत्रे द्वारा निर्मित है. इसमें नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, विजय वर्मा, दीया मिर्जा और अरविंद स्वामी जैसे कलाकारों की टोली है (IC 814 web Series).
सीरीज का प्रीमियर 29 अगस्त 2024 को नेटफ्लिक्स पर हुआ था.
विमान के अपहरणकर्ताओं को इस तरह से दिखाया गया है कि इस सीरीज को लेकर विभिन्न वर्गों से नाराजगी है, खासकर उनके नामों को कथित रूप से बदलकर 'भोला' और 'शंकर' कर दिया गया है, जो पारंपरिक रूप से भगवान शिव से जुड़े हैं. इस चित्रण को ऐतिहासिक तथ्यों के विरूपण के रूप में देखा गया है. आलोचकों का कहना है कि यह आतंकवादियों की वास्तविक पहचान को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है, जिससे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचती है.
मानवेंद्र सिंह जसोल ने IC 814 हाइजैक पर बड़ा खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत का एक विमान एनएसजी कमांडोज़ के साथ हवा में था, लेकिन दुबई ने ऑपरेशन की परमिशन नहीं दी. उन्होंने लाल सूटकेस के आरोप को निराधार बताया और कहा कि आतंकी सूची में 105-107 नाम थे. जसोल ने बताया कि सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए आतंकियों को रिहा किया.
नेटफ्लिक्स की सीरीज 'IC814: द कंधार हाईजैक' में आतंकियों के नाम बदल दिए लेकिन कोई कट नहीं लगे और एक तरफ उनकी फिल्म को अभी तक रजामंदी नहीं मिली. इसपर कंगना से पूछा गया कि क्या ये सेंसर बोर्ड के 'डबल स्टैंडर्ड' हैं?
दीया को पिछले दशक के सेकंड हाफ में दमदार रोल मिलने शुरू हुए. वो राजकुमार हिरानी की 'संजू'. अनुभव सिन्हा की 'थप्पड़', तापसी पन्नू की फिल्म 'धक धक' और अपने शो 'काफिर' में नजर आईं. दीया को लगता है कि उनके लुक्स की वजह से भी उन्हें बहुत दमदार रोल नहीं मिले.
विजय ने अपना करियर 2012 में आई फिल्म 'चित्तगोंग' से शुरू किया था और वो 'मानसून शूटआउट', 'पिंक' और 'राग देश' जैसी कई फिल्मों में नजर आ चुके थे. लेकिन ऑस्कर के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री 'गली बॉय' में नजर आने से पहले वो काफी स्ट्रगल कर रहे थे.
दिसंबर 1999 में हुए कंधार हाईजैक के समय भारत की तरफ से आतंकियों से नेगोशिएशन गई टीम को अजित डोवाल लीड कर रहे थे, जो अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के पूर्व चीफ ए. एस. दुलत ने बताया है कि कंधार में जिस तरह नेगोशिएशन किया गया, डोवाल उससे खुश नहीं थे.
1999 में आईसी 814 के अपहरण की कहानी में नवविवाहित कपल इप्सिता और बिपिन मेनन का अनुभव हमें दिखाता है कि कैसे उन्होंने कंधार के उस बड़े संकट में साहस और धैर्य से सामना किया. यह कहानी नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है. पढ़ें हाईजैक की कहानी मेनन कपल की कहानी.
नेटफ्लिक्स की सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाइजैक' में राजीव ठाकुर के काम को खूब सराहा जा रहा है. अब एक्टर ने बताया है कि वो शो को मना करने वाले थे.
अब्दुल लतीफ एडम मोमिन एक कथित आईएसआई एजेंट था, जिसके बारे में माना जाता है कि उसने भारतीय इतिहास में सबसे लंबे समय तक अपहरण अभियान की रसद (लॉजिस्टिक्स) तैयार की थी. रफीक मोहम्मद, जिसे "हेल्पर" के रूप में काम सौंपा गया था, वह भी लतीफ का सहयोगी था.
शाहिद कपूर के पिता पंकज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के सीनियर एक्टर हैं. उन्होंने अपने बेटे शाहिद कपूर के बच्चों मीशा और जैन के बारे में बात की. एक्टर ने बताया कि वो अपने पोते-पोती को खूब बिगाड़ रहे हैं.
डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई और इसपर विवाद छिड़ गया. ऐसे में दो दिलचस्प सवाल उठते हैं- क्या 1999 की कंधार हाईजैकिंग पर पहले कोई फिल्म नहीं बनी? अगर बनी है तो उनपर विवाद क्यों नहीं हुआ? आइए बताते हैं इन सवालों का जवाब...
'IC 814' शो में हाईजैकर पूरी घटना के दौरान अपने रियल नामों की बजाय, कोड नेम इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं. ये नाम हैं- बर्गर, चीफ, शंकर और भोला. सोशल मीडिया पर लोग आरोप लगा रहे हैं कि ये आतंकवादियों के रियल नाम छिपाने की कोशिश है.
25 साल पहले 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 की हाईजैकिंग चर्चा में बनी हुई है. दरअसल नेटफ्लिक्स पर सीरीज के रूप में आई IC-814 में हाईजैकिंग से जुड़े हर पहलू को दिखाने की कोशिश की गई है. लेकिन इस हाईजैकिंग से जुड़े दो लाल बैग और एक ब्लैक सूटकेस का रहस्य अब भी काफी हद तक अनसुलझा है. आइए जानते हैं कि इन लाल बैग और ब्लैक सूटकेस में क्या रखा हुआ था?
1999 में एयर इंडिया की फ्लाइट IC-814 को हाईजैक किए जाने की घटना फिर चर्चा में है. नेटफ्लिक्स पर अनुभव सिन्हा निर्देशित 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' वेबसीरीज आई है. इसमें नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा और पंकज कपूर मुख्य भूमिका में हैं. यह सीरीज कैप्टन देवी शरण की साल 2000 में पब्लिश किताब 'फ्लाइट इनटू फियर' के कंटेंट पर लिखी गई है.
IC-814 में सफर करने वाले राकेश कटारिया ने हाइजैक का जिक्र करते हुए कहा, "जब हम काठमांडू से बैठे तो हमको दिल्ली आना था. रास्ते में जब प्लेन हाइजैक हो गया, तो हमने सोचा कि यह कोई इवेंट हो रहा है लेकिन बाद में हमको महसूस हुआ कि हमारा प्लेन हाइजैक हुआ है."
नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई अनुभव सिन्हा निर्देशित वेब सीरीज 'IC 814- द कंधार हाइजैक' ने 1999 की उस घटना को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है. लेकिन लोगों को शायद ही पता है कि इस विमान में एक भारतीय जासूस भी फंस गया था, जिसने अगर अपने जूनियर की इंटेल को गंभीरता से लिया होता तो संभवत: यह हाइजैक नहीं हुआ होता.
इस घटना के समय गोपालस्वामी पार्थसारथी पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त थे. उन्होंने बताया कि हाइजैक हुए प्लेन के लाहौर आने पर, वह वहां जाने के लिए तैयार थे. उन्हें इस्लामाबाद से लाहौर तक जिस प्लेन में जाना था, पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे जानबूझकर लेट कराया.
IC814 Show से जुड़े विवाद के बाद Netflix ने लिया यह अहम फैसला...क्या है IC814 हाईजैक की पूरी कहानी? जानिए इस वीडियो में.
कंधार विमान हाईजैक कांड पर बनी नेटफ्लिक्स ओटीटी सीरीज IC-814 को लेकर बवाल मचा है. इस सीरीज में पांचों पाकिस्तानी आतंकवादियों के असली नाम नहीं बताये गए हैं. आरोप ये भी है कि पाकिस्तानी आईएसआई को क्लीन चिट दी गई है और सरकार की छवि भी खराब तरीके से पेश की गई है. हालांकि नेटफ्लिक्स ने इसमें कुछ बदलाव की बात कही है. लेकिन मेकर्स ने आतंकियों की असली पहचान क्यों छुपाई?
IC-814 की हाईजैकिंग की कहानी नेटफ्लिक्स पर सीरीज के रूप में आई है.'IC-814: The Kandahar Hijack' नाम से आई इस सीरीज पर विवादों में है. वहीं इस मामले की पीड़िता ने चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर आदि आतंकियों के कोड नाम पर क्या कुछ कहा. देखें VIDEO
कंधार विमान हाईजैक कांड पर बनी नेटफ्लिक्स ओटीटी सीरीज IC-814 को लेकर घमासान मचा है. इस सीरीज में पांचों पाकिस्तानी आतंकवादियों के असली नाम नहीं बताये गए हैं. आरोप ये भी है कि पाकिस्तानी आईएसआई को क्लीन चिट दी गई है और सरकार की छवि भी खराब तरीके से पेश की गई है. हालांकि नेटफ्लिक्स ने इसमें कुछ बदलाव की बात कही है.
कंधार विमान हाईजैक कांड पर बनी नेटफ्लिक्स ओटीटी सीरीज IC-814 को लेकर घमासान मचा है. इस सीरीज में पांचों पाकिस्तानी आतंकवादियों के असली नाम नहीं बताये गए हैं. बीजेपी समेत हिंदूवादी संगठनों ने सवाल उठाया कि जान बूझकर आतंकवादी वारदात का सच छिपाया गया है. पाकिस्तानी आईएसआई को क्लीन चिट दी गई है और सरकार की छवि भी खराब तरीके से पेश की गई है. हालांकि नेटफ्लिक्स ने इसमें कुछ बदलाव की बात कही है. लेकिन ऐसे में सवाल यही कि क्या वेबसीरीज में आतंक के चेहरे पर डाला गया पर्दा? देखें दंगल.