गुरमीत राम रहीम (प्रमुख, समूह डेरा सच्चा सौदा)
गुरमीत राम रहीम सिंह इंसान (Gurmeet Ram Rahim Singh Insan), जिन्हें MSG के नाम से भी जाना जाता है, 1990 से भारतीय सामाजिक समूह डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख हैं (Head of Dera Sacha Sauda). 2017 के बलात्कार की सजा से पहले, वह एक धार्मिक नेता, अभिनेता, गायक, लेखक, गीतकार, निर्देशक और संगीतकार थे. उन्हें पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या में शामिल होने का भी दोषी ठहराया गया था. 25 अगस्त 2017 को, राम रहीम को एक विशेष सीबीआई अदालत ने बलात्कार का दोषी ठहराया था (Ram Rahim conviction in rape case). उन्हें सजा सुनाने के बाद डेरा सच्चा सौदा के सदस्यों ने खूब हिंसा की थी, जिसमें कई लोग मारे गए और घायल हुए. 28 अगस्त 2017 को, राम रहीम को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. जनवरी 2019 में, उन्हें और तीन अन्य को पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या का दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वह अन्य हत्याओं के लिए भी अभियोजन का सामना कर रहे थे.
28 मई 2024 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए ये फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख और चार अन्य को हत्या मामले में बरी कर दिया है. इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने रंजीत सिंह हत्याकांड में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
गुरमीत सिंह का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरुसर मोडिया गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था (Ram Rahim age). उनके पिता मगहर सिंह एक जमींदार थे, और उनकी मां नसीब कौर एक गृहिणी थीं (Ram Rahim parents). सात साल की उम्र में, गुरमीत को शाह सतनाम सिंह (Shah Satnam Singh) ने डेरा सच्चा सौदा संप्रदाय में दीक्षित किया गया था. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख शाह सतनाम सिंह ने 1990 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद गुरमीत राम रहीम को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया. 23 सितंबर 1990 को राम रहीम 23 साल की उम्र में डेरा के नेता बने.
राम रहीम और उनकी पत्नी हरजीत कौर ((Ram Rahim’s wife) की दो बेटियां, अमरप्रीत और चरणप्रीत और एक बेटा, जसमीत है (Ram Rahim’s children). राम रहीम ने अपनी विश्वासपात्र प्रियंका तनेजा को भी अपनी बेटी के रूप में गोद लिया, और 2009 में उसे हनीप्रीत नाम दिया (Priyanka Taneja alias Honeypreet).
गुरमीत ने कई संगीत एल्बम और फिल्में रिलीज की हैं. उन्हेंने आमतौर पर अपनी फिल्मों में खुद ही मुख्य भुमिकाएं निभाई. हालांकि उनकी फिल्मों को आलोचकों और प्रशंसकों ने पूरी तरह से नाकार दिया, लेकिन उनके प्रोडक्शन हाउस ने दावा किया कि उनमें से कई ने ₹1 बिलियन की कमाई की थी (Ram Rahim’s film career).
धर्म की आड़ में अधर्म का खेल खेलने वाले ढोंगी बाबाओं की लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है. कभी चमत्कार और उपदेशों के नाम पर लोगों की आस्था से खेला गया तो कभी धर्म के चोले में कुकर्मों का अड्डा सजाया गया. नतीजा ये कि आज कई बाबा जेल की सलाखों के पीछे कराह रहे हैं.
राम रहीम को दो साध्वियों से बलात्कार और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के मामलों में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वह 2017 से सुनारिया जेल में बंद है. विशेष सीबीआई अदालत ने उसे दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म के लिए 20-20 वर्ष की सजा सुनाई थी, जबकि 2019 में छत्रपति हत्याकांड में भी उसे दोषी ठहराया गया.
राम रहीम एक बार फिर 40 दिनों की पेरोल पर जेल से बाहर आ गया है. पिछले तीन महीनों में यह दूसरा मौका है जब उसे पेरोल मिली है. पिछले आठ सालों में वह पेरोल और फरलो की छुट्टियों के कारण एक साल से भी ज्यादा समय जेल से बाहर खुली हवा में रहा है.
रेप और मर्डर के दोषी बाबा राम रहीम एक बार फिर 40 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आ गया है. पिछले 8 सालों में वो 375 दिन जेल से बाहर रह चुका है. यानी करीब एक साल से भी ज्यादा वक्त वो आजाद घूमता रहा. जानिए कैसे पैरोल और फरलो के नाम पर कानून का मज़ाक बना रहा है ये 'खास' कैदी.
यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर सुनारिया जेल से बाहर आ गया है. मंगलवार सुबह वह 40 दिन की पैरोल लेकर पुलिस सुरक्षा में सिरसा डेरा के लिए रवाना हुआ.
हरियाणा की राजनीति में डेरों की भूमिका पर एक नजर, जिसमें सिर्फ राम रहीम ही नहीं, बल्कि अन्य डेरों का भी अहम प्रभाव है। चुनावी मौसम में राम रहीम की पैरोल और डेरा सच्चा सौदा के 'नाम चर्चा' ने इस मुद्दे को और उछाल दिया है। जानिए क्यों हरियाणा में डेरों का राजनीतिक दलों पर गहरा असर है और कैसे ये राजनीतिक दलों की मजबूरी बन चुके हैं।
सचमुच, जेल न हो गई सराय खाना हो गया. कानून न हुआ तमाशा हो गया. सजा न हुई किश्तों की दिहाड़ी हो गई. कौन कहता है कानून सबके लिए बराबर होता है. छोटा, बड़ा, अमीर गरीब, कमजोर ताकतवर में फर्क नहीं करता. इस एक अकेले गुरमीत राम रहीम ने सारे मुहावरों को झूठा साबित कर दिया है.
वारदात में बाबा राम रहीम की बार-बार पैरोल पर सवाल उठाए गए हैं. पिछले सात सालों में राम रहीम 255 दिन से ज्यादा जेल से बाहर रहा है. हरियाणा सरकार ने पैरोल नियमों में बदलाव किया, जिससे राम रहीम को फायदा हुआ. कई लोगों का मानना है कि कानून सबके लिए बराबर नहीं है और राजनीतिक रसूख वाले लोगों को विशेष सुविधाएँ मिलती हैं.
राम रहीम को 21 दिन का फर्लो मिला है। वह सिरसा स्थित अपने डेरे में रहेगा. रेप और हत्या के दोषी राम रहीम 7 साल में 13वीं बार जेल से बाहर आया है. केंद्र सरकार ने 1878 करोड़ की लागत से पंजाब और हरियाणा में जीरकपुर बाईपास सड़क परियोजना को मंजूरी दी है. 19 किलोमीटर लंबा यह बाईपास जीरकपुर से पंचकूला तक जाएगा. देखें पंजाब से जुड़ी बड़ी खबरें.
रेप और हत्या के मामले में सजायाफ्ता राम रहीम को बार-बार परोल और फर्लो कैसे मिल रही है. 7 साल में 13वीं बार राम रहीम जेल से बाहर आया है. इस बार वो 21 दिनों के लिए अपने डेरे में रहेगा. कानून की नजर में सभी बराबर होने के बावजूद राम रहीम को विशेष छूट पर सवाल उठ रहे हैं.
राम रहीम को बार-बार परोल मिलने पर सवाल उठे हैं. हरियाणा सरकार पर मेहरबानी का आरोप लगा है. 7 साल में तेरहवीं बार राम रहीम जेल से बाहर आया है. 21 दिनों तक वह अपने डेरे में रहेगा. कानून की नज़र में सबको बराबर माना जाता है, लेकिन राम रहीम के मामले में विशेष कृपा दिखाई दे रही है. देखें.
राम रहीम को बार-बार परोल और फरलो पर जेल से बाहर आने की सुविधा मिल रही है. हरियाणा सरकार की मेहरबानी से राम रहीम को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं. इस पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या कानून सबके लिए बराबर नहीं है. देखें.
रेप और हत्या के दोषी राम रहीम को 13वीं बार जेल से बाहर आने का मौका मिला है. इस बार उसे 21 दिन की फरलो मिली है. पिछले 7 साल में राम रहीम 300 दिन से ज्यादा जेल से बाहर रहा है. हरियाणा सरकार का कहना है कि यह सब नियम के मुताबिक होता है.
यह तेरहवीं बार है, जब राम रहीम को हरियाणा सरकार ने राहत दी है. वो दिल्ली चुनाव से पहले 30 दिन की पैरोल पर बाहर आया था.
हरियाणा के रोहतक में सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम पर सूबे की सरकार एक बार फिर मेहरबान होती दिखी है. रेप के दोषी राम रहीम को हरियाणा सरकार ने फिर 21 दिन की फरलो दे दी है
डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है. वो इतनी जल्दी जल्दी जेल से बाहर आता है कि यकीन ही नहीं होता. अभी पिछले 13 अगस्त को ही 21 दिनों की छुट्टी मनाने एक जमाने का रॉक स्टार बाबा यानी लव चार्जर जेल से बाहर आया था. 21 दिनों तक धूम धाम से अपना बर्थ डे मनाया. फिर 3 सितंबर को अगली बार बाहर आने के लिए वापस जेल चला गया. इस बार अंदर मन नहीं लग रहा था. इसलिए जेल में बैठे-बैठे फिर से छुट्टी की अर्जी लगा दी.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर पैरोल दी गई. कत्ल और रेप के लिए जिसे 20-20 साल की दो-दो सजाए मिली, वो हर तीसरे हफ्ते छुट्टियां मनाने जेल से बाहर आ जाता है. ये कानून पर कई गंभीर सवाल उठाता है. देखें वारदात.
क्यों न देश में ऐसा कानून बना दिया जाए कि एक डाक्युमेंट पेश करने पर जिससे यह साबित हो सके कि इस व्यक्ति को देश में चुनाव लड़ना या लड़वाना है उसे जेल से बाहर आने की छूट मिल सके. आखिर कोर्ट भी यह मान चुका है कि चुनाव लड़ना या लड़वाना कैदी का अधिकार है इसके लिए उसे पैरोल पर बाहर भेजा जाना चाहिए.
राम रहीम को फिर मिली 30 दिन की पैरोल मिल गई है. ये पैरोल ऐसे वक्त मिली है जब दिल्ली विधानसभा और हरियाणा नगर निगम चुनाव है. विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं. हालांकि, सरकार का कहना है कि यह एक रूटीन प्रक्रिया है जो कानूनी अधिकारों के तहत दी गई है.
पंजाब सरकार ने हाल ही में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ एक पुराने कानूनी मामले में अभियोजन शुरू करने की मंजूरी दी है. यह मामला 2015 में शुरू हुआ था और अब इसे फिर से सक्रिय किया गया है. डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता और गुरमीत राम रहीम के वकील ने इस घटनाक्रम पर क्या कहा, जानने के लिए देखें वीडियो.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. पंजाब सरकार ने राम रहीम के खिलाफ 2015 के बेअदबी के तीन मामलों में केस चलाने की मंजूरी दे दी है.