Rape Murder Guilty Gurmeet Ram Rahim Singh Furlough: अब तो सच में हद हो गई. रेपिस्ट कातिल बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा एक बार फिर जेल से बाहर आ गया. दो-दो कत्ल और दो-दो रेप के मामलों में जिसे डबल सजा मिली हो, अगर वो हर दूसरे महीने जेल से छुट्टी मनाने के लिए यूं बाहर आए तो कैसी सजा और कैसा कानून? पर क्या किया जाए जब सरकार और कानून ही किसी पर कृपा बरसाने लगे, तो किससे शिकवा गिला करें और किससे इंसाफ मांगे?
सचमुच, जेल न हो गई सराय खाना हो गया. कानून न हुआ तमाशा हो गया. सजा न हुई किश्तों की दिहाड़ी हो गई. कौन कहता है कानून सबके लिए बराबर होता है. छोटा, बड़ा, अमीर गरीब, कमजोर ताकतवर में फर्क नहीं करता. इस एक अकेले शख्स ने सारे मुहावरों को झूठा साबित कर दिया. इसने ये भी साबित कर दिया, कि भले ही कोई रेप करे, किसी का कत्ल करे. 20-20 साल की दो दो उम्र कैद की सजा झेले, तो भी जेल के बाहर आजाद रहा जा सकता है.
अपने देश में शायद कोई ससुराल भी इतनी जल्दी नहीं आता जाता होगा. पर इस बंदे ने सचमुच ससुराल वाली जेल की कहावत को बार-बार सच किया है. अभी इसी साल 28 जनवरी को पूरे एक महीने की छुट्टी मनाने के बाद भाई साहब वापस जेल पहुंचे थे. लेकिन महज 40 दिनो के अंदर ही एक जमाने के रॉक स्टार बाबा जो लव चार्जर भी थे, जेल यानी ससुराल से एक बार फिर बाहर आ गए.
जी हां, अभी इसी साल 28 जनवरी को ही पूरे एक महीने के लिए जनाब पेरोल पर बाहर आए थे. 28 फरवरी को वापस जेल लौटे और फिर 40 दिन के अंदर अंदर 9 अप्रैल 2025 को एक बार फिर से इन अनोखे बाबा पर हरियाणा सरकार और अदालत दोनों फिदा हो गई और अपने रॉकस्टार को फिर से 21 दिनों की जेल से आजादी दे दी. महज 40 दिन के अंदर-अंदर एक बार फिर से लव चार्जर चार्ज होने ससुराल से बाहर आ गए हैं.
कमाल तो ये है कि फिलहाल हरियाणा या उसके आसपास कोई चुनाव भी नहीं है. क्योंकि अब से पहले बाबा अक्सर चुनावी खेल खेलने जेल से बाहर आया करते थे. पर इस बार कि उनकी आजादी उन्हें उसी डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस को मनाने को मिली है, जिस डेरा सच्चा सौदा के अंदर ही रहते हुए इसने दो दो कत्ल कराए और दो महिलाओं के साथ रेप किया. डेरा सच्चा सौदा का स्थापना दिवस 29 अप्रैल को है. सरकार और कानून की कृपा से अब ये बाबा अगले 21 दिनों तक जेल की बजाए इसी डेरा सच्चा सौदा में ही रहेगा.
यहां उसका क्या भौकाल है ये किसी से छुपा नहीं है. उसी भौकाल को कायम रखते हुए बाहर आते ही फिल्मों के शौकीन रॉकस्टार ने एक नया वी़डियो भी जारी कर दिया. इस कातिल और बलात्कारी नई रिहाई की दास्तान आपको सुनाएं उससे पहले बस इस लिस्ट पर एक नज़र डाल लीजिए. फिर बताइएगा कि आजादी के बाद से अब तक क्या कोई इतनी बार इतने कम वक्त में जेल के बाहर छुट्टी मनाने आया है. इस लिस्ट पर नज़र डालने से पहले इतना याद रखियेगा कि बाबा के नाम पर कलंक इस गुरमीत राम रहीम को दो लड़कियों का बलात्कार और एक पत्रकार के कत्ल के इल्जाम में सितंबर 2017 में 20-20 साल की दो दो उम्रकैद की सजा हुई है यानी अभी इसे जेल गए सात साल भी पूरे नहीं हुए हैं. ये रही लिस्ट...
20 अक्टूबर 2020- मां से मिलने के लिए एक दिन की पेरोल
12 मई 2021- बीपी चेक कराने के लिए एक दिन की पेरोल
17 मई 2021- मां से दोबारा मिलने के लिए एक दिन की पेरोल
3 जून 2021- पेट दर्द उठा, तो सात दिन की पेरोल
13 जुलाई 2021- एम्स में दिखाने के लिए पेरोल
7 फरवरी 2022- 21 दिन की फरलो
17 जून 2022- 30 दिन की पेरोल
अक्टूबर 2022- 40 दिन की पेरोल
21 जनवरी 2023- 40 दिन की पेरोल
20 जुलाई 2023- 30 दिन की पेरोल
20 नवंबर 2023- 21 दिन की पेरोल
19 जनवरी 2024- पूरे 50 दिन की पेरोल
13 अगस्त 2024- 21 दिन की फरलो
1 अक्टूबर 2024 - 20 दिन की फरलो
28 जनवरी 2025- 30 दिन की पैरोल
9 अप्रैल 2025- 21 दिन की फरलो (डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस के लिए)
कायदे से देखें तो 20-20 साल की दो दो उम्रकैद की सजा पाने वाला गुरमीत राम रहीम पिछले सात सालों में ही 255 दिन से ज्यादा पेरोल और फरलो के नाम पर आजादी के मजे ले चुका है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक इस वक्त पूरे देश में लगभग छह लाख कैदी अलग अलग जेलों में बंद हैं. इन छह लाख में से लगभग पौने दो लाख ऐसे कैदी हैं जो सजायाफ्ता हैं यानी जिनके गुनाहों का हिसाब हो चुका है और उन्हें सजा सुनाई जा चुकी है. दावा है कि पूरे देश की जेलों में घूम आइये, और बस एक ऐसा कैदी दिखा दीजिए जो पिछले सात सालों में 255 दिन से ज्यादा पेरोल और फरलो के नाम पर जेल से बाहर भेजा गया हो. शर्तिया गुरमीत राम रहीम के अलावा दूसरा नाम ढूंढ़ने से आपको नहीं मिलेगा.
अब सवाल ये है कि देश की जेलों में बड़े बड़े तोप और पहुंच वाले कैदी भी बंद हैं. तो फिर गुरमीत राम रहीम के ऊपर ही पेरोल और फरलो की ये कृपा क्यों? तो याद रखिये गुरमीत का बलात्कारी और कातिल चेहरा सामने आने से पहले एक चेहरा वो भी था जिसे बाबा नाम दिया गया था. उसके दरबार में बड़े बड़े धुरंधर माथा टेकने और हाजरी लगाने आते हैं. तब बाबा का आशीर्वाद बरसता था. अब उसी बाबा को रिटर्न गिफ्ट में मिल रहा है. वैसे ये गिफ्ट चुनावी मौसम में कुछ ज्यादा मिलता है. और अपने यहां तो हर मौसम चुनावी मौसम होता है. कभी निगम चुनाव, कभी पंचायत चुनाव, कभी विधान सभा, कभी लोकसभा... यहां तक कि उप चुनाव.
20 जनवरी 2024 से लेकर इस सबसे ताजा 21 दिन के पेरोल को मिलाकर राम रहीम कुल 142 दिनों तक जेल से बाहर रहा. यानि 365 दिनों वाले 1 साल में 142 दिन राम रहीम ने जेल के बाहर आजादी मनाई. कायदे से नियम से कहता है कि एक साल में चार महीने से ज्यादा कोई कैदी पेरोल या फरलो के नाम पर बाहर नहीं रह सकता. लेकिन राम रहीम के नाम पर यहां भी नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. जनवरी 2024 से 9 अप्रैल 2025 तक राम रहीम को 5 बार पेरोल या फरलो पर जेल से छोड़ा गया.
जबकि 24 अक्टूबर 2020 से लेकर अब तक कुल 13 मर्तबा राम रहीम को पेरोल या फरलो पर आजादी दी जा चुकी है. इस तरह वो अब तक 326 दिन जेल के बाहर आजाद रहा. यानि लगभग पूरा एक साल. देश की अलग अलग जेलों में बंद मौजूदा या पहले का कोई भी दूसरा ऐसा कैदी नहीं है जिसे इतने कम वक्त में पेरोल और फरलो के नाम पर इतनी लंबी लंबी छुट्टियां दी गई हों. राम रहीम से पहले फिल्म स्टार संजय दत्त को भी फऱलो या पेरोल पर रिहाई को लेकर सवाल उठे थे. अपनी पूरी सजा के दौरान संजय दत्त फिर भी 160 दिन की ही पेरोल या फरलो की आजादी हासिल कर चुके थे. संजय दत्त की इस आजादी को लेकर जब मीडिया में शोर उठा तो बाद में पेरोल या फरलो के नाम पर उनकी आजादी पर ब्रेक लगा दी गई थी.
दिल्ली के चर्चित जेसिका लाल मर्डर केस के मुजरिम मनु शर्मा को भी अपने वक्त में पेरोल और फरलो पर बार-बार रिहाई देने को लेकर सवाल उठे थे. पेरोल पर रिहाई के दौरान एक बार मनु शर्मा को अपने दोस्तों के साथ एक नाइट क्लब में डांस करते पाया गया था. तब ये खबर मीडिया में काफी सुर्खियां बनी थी. इसके बाद से मनु शर्मा की रिहाई पर भी ब्रेक लगा दी गई थी. हालांकि बरसों जेल में रहने के बावजूद मनु शर्मा भी राम रहीम के 7, 8 सालों का भी रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए. क्योंकि राम रहीम ने 7,8 सालों में ही पेरोल और फरलो पर इतनी आजादी हासिल कर ली जो मनु शर्मा के हिस्से में आई ही नहीं.
अब जाहिर है जब शख्सियत देख कर पेरोल और फरलो का इस तरह मजाक बनेगा तो लोग सवाल तो पूछेंगे ही. लिहाजा लोग राम रहीम को पेरोल देने के हरियाणा सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाने लगे हैं. एक तरफ जेल में बेशुमार कैदी अपनी सजा पूरी होने के बावजूद बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, दूसरी तरफ सरकार बार-बार राम रहीम को पेरोल देती जा रही है. सवाल यही है कि अगर सरकार को इससे कोई फायदा नहीं है तो राम रहीम पर इतनी मेहरबानी क्यों? हालांकि हरियाणा सरकार ने इसे एक रुटीन अफेयर करार दिया है. सरकार का कहना है कि पेरोल हर मुजरिम का हक है और राम रहीम भी दूसरे मुजरिमों से अलग नहीं है.