ईसाई धर्म
ईसाई धर्म (Christian Religion) एक अब्राहमिक एकेश्वरवादी धर्म है जो नासरत के यीशु के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित है. यह दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है (World’s Largest Religion), जिसके लगभग 2.5 अरब अनुयायी हैं (Christianity Followers). इसके अनुयायी, ईसाई के रूप में जाने जाते हैं, जो 157 देशों और क्षेत्रों में आबादी के बहुमत में हैं. ईसाई मानते हैं कि यीशु ईश्वर का पुत्र है, जिसका मसीहा के रूप में आने की भविष्यवाणी हिब्रू बाइबिल (Old Testament) और न्यू टेस्टामेंट (New Testament) में क्रॉनिकल में की गई थी.
विभिन्न ईसाई संप्रदायों के पंथ आम तौर पर यीशु को ईश्वर का पुत्र मानते हैं, जिन्होंने सेवा की, पीड़ित हुए, और एक क्रॉस पर मृत्यु हुई, लेकिन मानव जाति के उद्धार के लिए वे फिर से जीवित हुए, जिसे गुड न्यूज कहा जाता है. यीशु के जीवन और शिक्षाओं का वर्णन मैथ्यू, मार्क, ल्यूक और जॉन के चार प्रामाणिक सुसमाचार हैं (Jesus Death and Resurrection).
यहूदिया के रोमन प्रांत में, पहली शताब्दी के हेलेनिस्टिक यहूदी धर्म में ईसाई धर्म दूसरे यहूदी संप्रदाय मंदिर के रूप में शुरू हुआ. यीशु से प्रेरित शिष्य और उनके अनुयायी प्रारंभिक उत्पीड़न के बावजूद, लेवेंट, यूरोप, अनातोलिया, मेसोपोटामिया, दक्षिण काकेशस, मिस्र और इथियोपिया में फैले हुए थे. इसने जल्द ही अन्य जातियों को आकर्षित किया, जिसके कारण यहूदी रीति-रिवाजों से ये अलग हुआ, और यरूशलेम के पतन के बाद, ईस्वी सन् 70 में इसने मंदिर-आधारित यहूदी धर्म को समाप्त कर दिया (History of Christianity).
ईसाई धर्म की चार सबसे बड़ी शाखाएं कैथोलिक चर्च (1.3 बिलियन/50.1%), प्रोटेस्टेंटवाद (920 मिलियन/36.7%), पूर्वी रूढ़िवादी चर्च (230 मिलियन) और ओरिएंटल ऑर्थोडॉक्स चर्च (62 मिलियन) हैं. पश्चिम में कमी आने के बावजूद, ईसाई धर्म प्रमुख धर्म बना हुआ है, जिसकी लगभग 70% आबादी ईसाई धर्म की अनुयायी है. ईसाई धर्म दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले महाद्वीपों, अफ्रीका और एशिया में बढ़ रहा है (Christianity Demographics).
Christmas 2025 में क्रिसमस ट्री जल्दी हटाने से bad luck क्यों माना जाता है? Epiphany, 5–6 January और Candlemas से जुड़ी परंपराएं जानें.
क्रिसमस का त्योहार आज पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन 17वीं सदी में ब्रिटेन और अमेरिका में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था. उस समय के प्रोटेस्टेंट शासकों ने इसे गैर-धार्मिक और अनैतिक माना था.
जिंगल बेल्स, जो क्रिसमस का सबसे प्रसिद्ध गीत है, पहली बार 1850 में मेडफ़ोर्ड, मैसाचुसेट्स में प्रस्तुत किया गया था. इसे जेम्स लॉर्ड पियरपॉन्ट ने लिखा था और 1857 में 'वन हॉर्स ओपन स्लेज' के नाम से प्रकाशित किया गया.
क्रिसमस ट्री की परंपरा यूरोप से शुरू होकर भारतीय गली-मोहल्लों तक पहुंची है. यह पेड़ न केवल धार्मिक प्रतीक है बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखता है. इसकी सजावट में विभिन्न प्रतीक शामिल हैं जो खुशी, समृद्धि और सकारात्मकता दर्शाते हैं.
Christmas Tree की परंपरा बाइबिल से नहीं बल्कि यूरोपीय लोककथाओं और संस्कृति से जुड़ी है. जानिए 25 December को Christmas Tree सजाने का इतिहास और मतलब.
क्रिसमस स्टार, जिसे स्टार ऑफ बेथलहम भी कहा जाता है, ईसा मसीह के जन्म की बाइबिल कथा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह सितारा ज्योतिषियों को नवजात यीशु तक पहुंचाने का मार्गदर्शन करता है. इतिहास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके कई संभावित कारण बताए गए हैं, लेकिन यह धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से आशा, मार्गदर्शन और नई शुरुआत का प्रतीक बना हुआ है.
Does God Exist debate में Javed Akhtar ने बताया क्यों 25 December को मनाया जाता है Christmas. इतिहास, Roman festivals और Jesus birth date से जुड़ी पूरी कहानी.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत दौरे पर आ रहे हैं, जिसके बाद उनके धर्म को लेकर चर्चा की जा रही है. ईसाई धर्म तीन सम्प्रदाय में बंटा हुआ है. कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स ईसाई. पुतिन ऑर्थोडॉक्स ईसाई धर्म का पालन करते हैं, जो कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट से अलग है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे संगठन को व्यक्तियों के एक निकाय के रूप में मान्यता दी जाती है. संघ की 1925 में स्थापना हुई थी. क्या आपको लगता है कि ब्रिटिश सरकार इसका रजिस्ट्रेशन करती?
लखनऊ के पास धर्मांतरण का ऐसा जाल बुना गया है, जिसने ग्रामीण इलाकों में खौफ और सवाल दोनों खड़े कर दिए हैं. दावा है कि इलाज और मदद के नाम पर हिंदुओं को धीरे-धीरे धर्म बदलने पर मजबूर किया जा रहा है. मोहनलालगंज से लेकर निगोहां तक, चमत्कार की सभा अब धर्म परिवर्तन का जरिया बन गई है.
गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2024 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों को पासपोर्ट और वीजा की अनिवार्यता से छूट दी गई है. यह आदेश हजारों लोगों, खासकर पाकिस्तान से आए हिंदुओं के लिए बड़ी राहत है.
सामूहिक धर्मांतरण के लगातार प्रोपेगैंडा के बावजूद, भारत में ईसाई कुल जनसंख्या का केवल 2.3% ही हैं. दिलचस्प बात यह है कि 1971 की जनगणना के रिकॉर्ड बताते हैं कि ईसाइयों की संख्या 2.6% थी. आधिकारिक तौर पर देखें तो ईसाइयों की जनसंख्या में गिरावट आई है.
शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने गुरुवार रात मधु तांडी के घर पर एक हीलिंग सर्विस मीटिंग आयोजित की, जहां उन्होंने कथित तौर पर उनके परिवार को ईसाई बनाने की कोशिश की. घटना के बारे में पता चलने के बाद एक स्थानीय निवासी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
Uttar Pradesh के Pilibhit में 3000 सिखों को ईसाई बनाने का दावा, स्थानीय गुरुद्वारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है. पोप की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. आइए जानते हैं कि पोप के उत्तराधिकारियों में कौन से नाम सबसे आगे नजर आ रहे हैं.
पोप को ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा धार्मिक गुरु कहा जाता है और उनके पास धार्मिक, प्रशासनिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक शक्तियां होती हैं. उनकी शक्तियों का दायरा काफी बड़ा है. लेकिन यह आधुनिक समय में कुछ सीमाओं के साथ आता है. वह पूरी दुनिया का आध्यात्मिक नेतृत्व करते हैं.
बॉलीवुड एक्टर सनी देओल की फिल्म जाट ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रखी है. लेकिन इस बीच, ईसाई समुदाय ने जाट फिल्म को बैन करने की मांग की है. फिल्म में दिखाए गए चर्च वाले सीन पर ईसाई समुदाय ने आपत्ति जताई है और उसे बैन करने की मांग की है. देखें मूवी मसाला.
यह घटनाक्रम वक्फ बिल के संसद से पारित होने के एक दिन बाद सामने आया है. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी ने वक्फ विधेयक के समर्थन में ईसाई समुदाय और केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल का हवाला देते हुए विपक्ष पर तंज कसा था.
'आजतक' से बात करते हुए पीड़ित महिला ने बताया कि उसे और उसके परिवार को पादरी बजिंदर सिंह और उनके सहयोगियों से धमकियां मिल रही हैं. पीड़िता ने बताया कि उसके पति को भी फंसाने की कोशिश की जा रही है.
बजिंदर सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उनपर मोहाली में एक महिला और अन्य लोगों के साथ मारपीट करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. महिला ने कई आरोप लगाए हैं. लेकिन ये पहला मामला नहीं है जब बजिंदर का नाम विवादों से जुड़ा हो. इसकी एक लंबी लिस्ट है.
पंजाब में चर्चों और मिनिस्ट्रीज की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जहां ‘चंगाई’ और ‘चमत्कार’ के नाम पर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए आकर्षित किया जा रहा है. क्या ये धार्मिक स्वतंत्रता है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी है?