भुवनेश्वर (Bhubaneswar), ओडिशा की राजधानी, अपने प्राचीन इतिहास, समृद्ध संस्कृति और आधुनिक विकास के अनोखे मेल के लिए जाना जाता है. “मंदिरों का शहर” कहे जाने वाले भुवनेश्वर का नाम आते ही यहां के भव्य मंदिर, पुरातात्विक स्थल और साफ-सुथरा शहरी ढांचा ध्यान में आता है. यह शहर भारत के सबसे पुराने योजनाबद्ध शहरों में से एक है, जिसे मशहूर वास्तुकार ओटो कोनिग्सबर्गर ने 1946 में डिज़ाइन किया था.
भुवनेश्वर का इतिहास 3,000 वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है. यहां स्थित लिंगराज मंदिर, मुक्तेश्वर मंदिर, रजनीराणा मंदिर और परशुरामेश्वर मंदिर भारतीय कारीगरी और कौलिन स्थापत्य का शानदार उदाहरण हैं. पुराने शहर का क्षेत्र आज भी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. शहर के ठीक पास स्थित धौली पहाड़ी को बौद्ध इतिहास में विशेष स्थान प्राप्त है, क्योंकि यहां अशोक महान के कलिंग युद्ध के बाद अहिंसा को अपनाने की कथा जुड़ी है.
आधुनिक विकास की बात करें तो भुवनेश्वर भारत के सबसे तेजी से बढ़ते स्मार्ट शहरों में शामिल है. आईटी उद्योग, शिक्षा, खेल और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र ने इसे युवाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है. शहर में स्थित आईआईटी भुवनेश्वर, उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (OUAT), और कई मेडिकल व इंजीनियरिंग संस्थान इसे पूर्वी भारत का शिक्षा केंद्र बनाते हैं.
हाल के वर्षों में खेल अवसंरचना में भी भारी विकास हुआ है. कलिंगा स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय हॉकी का प्रमुख केंद्र बन चुका है, जहां कई विश्व स्तरीय टूर्नामेंट आयोजित होते हैं. शहर की हरित सड़कें, व्यवस्थित यातायात, और उभरती मेट्रो परियोजनाएं इसे रहने योग्य और सुविधाजनक बनाती हैं.
ओडिशा के भुवनेश्वर में आज सुबह एक बार में भीषण आग लग गई, जिसके बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई. धुआं उठता देख स्थानीय लोग दहशत में आ गए. दमकल विभाग की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. गनीमत रही कि कोई आग की चपेट में नहीं आया.
ओडिशा में भुवनेश्वर के सत्य विहार इलाके में आज सुबह एक बार में लगी भीषण आग से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. बार से उठता घना काला धुआं दूर तक दिखाई दिया, जिसके बाद स्थानीय लोग और राहगीर दहशत में आ गए. सूचना मिलते ही ओडिशा फायर सर्विसेज की कई दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया.