अजरबैजान (Azerbaijan), जिसे ईरानी अजरबैजान भी कहा जाता है. यह उत्तर-पश्चिमी ईरान में एक ऐतिहासिक क्षेत्र है, जो इराक और तुर्की की सीमा बनाता है. साथ ही, ईरान के पश्चिम में, नखचिवन स्वायत्त गणराज्य, आर्मेनिया और उत्तर में अजरबैजान गणराज्य है (Azerbaijan Geographical Location).
2012 की जनसंख्या जनगणना के अनुसार, पूर्वी अजरबैजान के चार प्रांत की आबादी शामिल है जिसमें वेस्ट अजरबैजान की आबादी 3,080,576), ज़ंजन की 1,015,734) और अर्दबील की आबादी 1,248,488 है (Azerbaijan Population). अजरबैजान क्षेत्र में, जनसंख्या में मुख्य रूप से अजेरिस शामिल हैं. अजरबैजान में अधिकांश अजरबैजानियों ट्वेल्वर शिया इस्लाम के अनुयायी हैं (Azerbaijan Religion).
अजरबैजान ईरानी संस्कृति से प्रभावित है जबकि उनके गैर-ईरानी पड़ोसियों, विशेष रूप से काकेशियन और रूसियों से भी प्रभावित हुए हैं (Azerbaijan Culture).
अजरबैजान की अर्थव्यवस्था भारी उद्योग, खाद्य उद्योग, कृषि और हस्तकला पर आधारित है. ईरानी अजरबैजान में कृषि उद्योग तुलनात्मक रूप से उच्च वर्षा के कारण देश के कई अन्य हिस्सों में अपेक्षाकृत बेहतर है. यहां हस्तशिल्प ज्यादातर एक मौसमी उद्योग है जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दियों के समय में होता है जब कृषि का मौसम समाप्त हो जाता है (Azerbaijan Economy).
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस हमले के बाद चार दिनों तक दोनों देशों के बीच संघर्ष हुआ था. ये संघर्ष 10 मई को सीजफायर के साथ समाप्त हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट लिया था, जिस पर काफी विवाद भी हुआ.
अल्बानियाई प्रधानमंत्री एडी रामा ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और अजरबैजान के राष्ट्रपति अलीयेव के साथ बातचीत में डोनाल्ड ट्रंप के अल्बानिया-अजरबैजान युद्धविराम के गलत दावे पर चुटकी ली. इसका वीडियो वायरल है, जिसमें रामा की बातें सुनकर फ्रेंच राष्ट्रपति समेत दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष को ठहाके मारकर हंसते हुए नजर आ रहे हैं.
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन पहुंचे हैं. सम्मेलन से इतर उन्होंने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत को लेकर अहम दावा किया है.
अजरबैजान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के लिए चीन ने उनके आवेदन के पक्ष में समर्थन दोहराया जबकि भारत ने इसका विरोध किया. रिपोर्ट में भारत के रुख को शंघाई भावना के खिलाफ बताया गया.
कैस्पियन सागर का सिकुड़ना एक गंभीर संकट है, जो न केवल अजरबैजान, बल्कि ईरान, कजाकिस्तान, रूस और तुर्कमेनिस्तान के लिए भी खतरा है. तेल शिपमेंट, बंदरगाह और मछली पकड़ने जैसे आर्थिक गतिविधियों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. स्टर्जन और कैस्पियन सील जैसी प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. जलवायु परिवर्तन और मानवीय हस्तक्षेप इस संकट को बढ़ा रहे हैं.
कैस्पियन सागर का जलस्तर हर साल 20-30 सेमी घट रहा है. तेल शिपमेंट, पोर्ट्स और स्टर्जन मछलियों पर संकट. जानें क्यों सिकुड़ रहा है Caspian Sea.
गैंगस्टर मयंक सिंह का सीधा कनेक्शन अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से रहा है. कोर्ट में पेशी से पहले ATS मुख्यालय में उससे पूछताछ की जा रही है. अजरबैजान में रहकर वह बिश्नोई गैंग के लिए काम करता था और इसी गैंग ने उसे यहां शिफ्ट किया था.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्मेनिया और अजरबैजान की 35 साल पुरानी जंग को खत्म करवा दिया है. व्हाइट हाउस में ट्रंप की मौजूदगी में दोनों देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. दोनों देश आपस में दोस्ताना रिश्ते बढ़ाने को भी राजी हुए हैं. देखें दुनिया आजतक.
अजरबैजान और आर्मेनिया ने दशकों के संघर्ष को खत्म करते हुए, अमेरिका की मध्यस्थता से एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में हुए इस समझौते से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंध मज़बूत होंगे.
PAK पीएम शहबाज शरीफ ने बताया कि खानकेंडी में 17वें ECO शिखर सम्मेलन के अवसर पर आज ईरान के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की. हमने द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और हाल ही में इजरायल के अवैध आक्रमण के मद्देनजर क्षेत्रीय स्थिति पर भी चर्चा की.
अजरबैजान और रूस के बीच अच्छी दोस्ती रही है लेकिन पिछले साल के अंत से दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. दोनों ही देश अपने देशों में रह रहे एक-दूसरे के नागरिकों को परेशान कर रहे हैं. इस बीच में यूक्रेन की भी एंट्री हो गई है जिससे रूस और भड़क गया है.
हाल के सालों में आर्मेनिया भारत के करीब आया है और उसने भारत से सबसे अधिक रक्षा हथियार खरीदना शुरू किया है. दोनों देशों में बढ़ती करीबी के बीच खबर आ रही है कि चीन और आर्मेनिया करीब आ रहे हैं. दोनों देशों ने हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है.
पाकिस्तान में आतंकवादियों पर कार्रवाई के बाद चीन, तुर्की और अजरबैजान का पाकिस्तान को खुला समर्थन भारत के लिए एक नई चुनौती है. चीन ने पाकिस्तान को हथियार दिए. तुर्की ने भी भारत की पूर्व मदद के बावजूद पाकिस्तान को ड्रोन दिए. अब इनके खिलाफ भारत की क्या रणनीति हो सकती है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत के लिए अपना इरादा दुबारा जताया है. उन्होंने कश्मीर, जल संकट और आतंकवाद जैसे मुद्दों को समाधान करने पर जोर दिया, लेकिन भारत का रुख स्पष्ट है कि पाकिस्तान आतंकवाद छोड़े, और कब्जे वाले कश्मीर को भारत को वापस करे और अपना कब्जा खत्म करे.
भारत ने तुर्की और अज़रबैजान के उत्पादों और पर्यटन का बहिष्कार शुरू कर दिया है. भारतीय पर्यटकों ने तुर्की और अज़रबैजान के लिए वीज़ा आवेदन रद्द कर दिए हैं. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भी तुर्की और अज़रबैजान से आयात निर्यात बंद करने का फैसला लिया है. भारत ने दिल्ली हवाई अड्डे की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है.
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ भारत से संघर्ष के दौरान उसका समर्थन करने वाले मित्र देशों की यात्रा पर जाएंगे, जहां वह उनके समर्थन की सराहना करेंगे और आभार जताएंगे. साथ ही वह 29-30 मई को ताजिकिस्तान के दुशांबे में ग्लेशियरों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी भाग लेंगे.
भारत ने आर्मेनिया को आकाश 1-S मिसाइल सिस्टम देने का फैसला किया है. तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थन के जवाब में भारत का ये कदम रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है.
पाकिस्तान के खिलाफ भारत की लड़ाई में तुर्की और अजरबैजान दोनों ही देशों ने पाकिस्तान का सपोर्ट किया था. अब भारत अजरबैजान के दुश्मन और पड़ोसी आर्मेनिया को हथियार देने जा रहा है. तुर्की और अजरबैजान दोनों ही आर्मेनिया को हथियार देने के खिलाफ रहे हैं. ऐसे में भारत का आर्मेनिया को हथियार देने की प्लानिंग करना अहम माना जाता है.
पाकिस्तान के मददगार देशों पर ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. भारत के ट्रेडर एसोसिएशन ने तुर्किए-अजरबैजान से व्यापार रद्द कर दिया. OTT प्लेटफॉर्म पर भी वहां के शो पर बैन की मांग उठ रही है. देखें शतक आजतक.
दिल्ली में पाकिस्तान के सपोर्टर तुर्की और अजरबैजान पर व्यापारियों का गुस्सा फूटा. उन्होंने बहिष्कार की बात कही. दूसरी तरफ, दिल्ली में भारतीय सेना के समर्थन में बीजेपी ने तिरंगा यात्रा निकाली. इस दौरान, सीएम रेखा गुप्ता ने साफ कहा कि पाकिस्तान के दोस्तों का हर तरह से बॉयकॉट होगा. देखें शंखनाद.
भारत के छोटे व्यापारी ‘मेक इन इंडिया’ को साकार करने और आर्थिक मजबूती में लगे हुए हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने तुर्की और अज़रबैजान के सामानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है, जो भारत के रक्षा बलों के समर्थन में है. पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि यह फैसला भारत को आत्मनिर्भर और मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने में पूर्णतः समर्पित है.