तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक मदन मित्रा के भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भगवान राम मुसलमान थे. इस पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया की है और इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया.
दरअसल, बंगाली में दिए गए भाषण में मित्रा ने पहले एक हिंदू श्लोक का पाठ किया और फिर बीजेपी की हिंदू धर्म की व्याख्या पर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियां हिंदू धर्म को निशाना बनाने के बजाय बीजेपी नेतृत्व की हिंदू धर्म की समझ पर सवाल उठाने के उद्देश्य से थीं.
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इसकी कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, 'TMC विधायक मदन मित्रा का ये घोर आपत्तिजनक दावा कि प्रभु श्री राम मुस्लिम थे, हिंदू नहीं. ये हिंदू आस्था का जानबूझकर अपमान है. TMC इसी स्तर तक गिर चुकी है कि वह हर रोज हिंदुओं के विश्वासों हमला करती है.'
क्या है सरनेम
मित्रा ने कथित तौर पर एक व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने दिल्ली में एक वरिष्ठ बीजेपी नेता को चुनौती दी थी कि साबित करें भगवान राम हिंदू हैं. 'मैंने कहा, मुझे बताओ राम का उपनाम क्या है?'
मित्रा ने कहा, 'मैंने उनसे कहा, साबित करके दिखाओ कि राम हिंदू हैं. मुझे राम का उपनाम बताओ.'
उन्होंने आगे बताया कि वहां मौजूद कोई भी उनके सवाल का जवाब नहीं दे सका. उन्होंने दावा किया कि सुवेंदु अधिकारी समेत बीजेपी के नेता भी जवाब देने में नाकाम रहे.
राम जेठ मलानी वाले दावे पर कसा तंज
मित्रा ने आगे आरोप लगाया कि एक हिंदू साधु ने उन्हें बताया कि भगवान राम का उपनाम राम जेठमलानी था, जिसका उन्होंने अपने भाषण में उपहास किया. मित्रा ने कहा, 'क्या कोई हिंदू इस पर विश्वास करेगा? क्या वे ऐसे लोगों पर विश्वास करके पूजा करने जाएंगे?'
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी टिप्पणियां भाजपा की हिंदू धर्म की सतही समझ का उपहास करने के लिए थीं.
मित्रा ने आगे कहा कि उन्हें राजनीतिक परिणामों का कोई डर नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं यह कह रहा हूं, मैं मदन मित्रा हूं. आप इसे पूरे भारत में फैला सकते हैं. बीजेपी क्या करेगी? क्या वे मुझे पीटेंगे?' उन्होंने भाग्य और कर्तव्य के बारे में तर्क देने के लिए भगवद गीता के संदर्भों का भी हवाला दिया.