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ISRO 24 को अपने बाहुबली रॉकेट से लॉन्च करेगा सबसे भारी अमेरिकी कम्यूनिकेशन सैटेलाइट

इसरो का LVM3-M6 मिशन 24 दिसंबर 2025 को सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा. यह अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile का ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट ले जाएगा, जो सामान्य स्मार्टफोन को स्पेस से सीधे ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. यह LVM3 का छठा ऑपरेशनल मिशन और अब तक का सबसे भारी कॉमर्शियल पेलोड है.

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सैटेलाइट के साथ लॉन्च के लिए तैयार है LVM3-M6 रॉकेट. (Photo: ISRO)
सैटेलाइट के साथ लॉन्च के लिए तैयार है LVM3-M6 रॉकेट. (Photo: ISRO)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने जा रहा है. 24 दिसंबर 2025 को सुबह 8:54 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3 रॉकेट का छठा ऑपरेशनल उड़ान भरने वाला है. इस मिशन का नाम है LVM3-M6/ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन.

यह एक पूरी तरह कॉमर्शियल मिशन है, जिसमें अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile का ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट लॉन्च किया जाएगा. यह मिशन इसरो की कॉमर्शियल शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के माध्यम से किया जा रहा है.

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ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट का वजन लगभग 6.5 टन है, जो लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में तैनात होने वाला सबसे बड़ा कॉमर्शियल संचार सैटेलाइट होगा. साथ ही, यह LVM3 रॉकेट द्वारा भारतीय धरती से लॉन्च किया जाने वाला अब तक का सबसे भारी पेलोड भी है.

LVM3 रॉकेट क्या है?

इसरो द्वारा विकसित LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3), जिसे पहले GSLV Mk-III कहा जाता था, भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है. इसे अक्सर बाहुबली रॉकेट भी कहा जाता है. यह तीन स्टेज वाला रॉकेट है...

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ISRO LVM3-M6 BlueBird Block-2 launch

  • दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन मोटर्स (S200)
  • एक लिक्विड कोर स्टेज (L110)
  • एक क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25)

इसकी ऊंचाई 43.5 मीटर है, लिफ्ट-ऑफ वजन 640 टन और यह जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में 4 टन तक का पेलोड ले जा सकता है. लो अर्थ ऑर्बिट में इसकी क्षमता करीब 10 टन है.

LVM3 ने पहले कई महत्वपूर्ण मिशनों को सफलता दी है, जैसे चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और दो वनवेब मिशनों में 72 सैटेलाइट्स का प्रक्षेपण. इसका पिछला मिशन LVM3-M5 था, जो 2 नवंबर 2025 को CMS-03 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया.

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ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट की खासियत

अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile द्वारा बनाया गया यह सैटेलाइट अगली पीढ़ी का कम्युनिकेशन सैटेलाइट है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सामान्य स्मार्टफोन को सीधे स्पेस से सेलुलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. यानी, बिना किसी एक्स्ट्रा डिवाइस या टावर के दूर-दराज के इलाकों में भी 4G/5G इंटरनेट इस्तेमाल किया जा सकेगा.

इस सैटेलाइट में करीब 2,400 स्क्वायर फीट का बड़ा फेज्ड ऐरे एंटीना है, जो लो अर्थ ऑर्बिट में तैनात होने वाला सबसे बड़ा कॉमर्शियल ऐरे होगा. यह पहले ब्लूबर्ड सैटेलाइट्स से 3.5 गुना बड़ा है. 10 गुना ज्यादा डेटा कैपेसिटी देगा. पीक स्पीड 120 Mbps तक हो सकती है.

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AST SpaceMobile की योजना है कि ऐसे 45-60 सैटेलाइट्स की कॉन्स्टेलेशन बनाकर दुनिया भर में कवरेज दी जाए, खासकर ग्रामीण और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में.

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मिशन का महत्व

यह मिशन भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करेगा. इसरो अब विदेशी कॉमर्शियल सैटेलाइट्स लॉन्च करने में विश्वसनीय पार्टनर बन चुका है. वनवेब के बाद AST SpaceMobile दूसरी बड़ी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कंपनी है जो LVM3 का इस्तेमाल कर रही है.

यह लॉन्च इसरो की कॉमर्शियल क्षमता को बढ़ाएगा. भारत को ग्लोबल स्पेस मार्केट में मजबूत स्थिति देगा. लॉन्च की लाइव स्ट्रीमिंग इसरो और AST SpaceMobile के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होगी.

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