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सड़कों की हालत बदतर, प्रेग्नेंट महिला को कपड़े में टांगकर अस्पताल ले गए गांव वाले, सामने आया वीडियो

मध्यप्रदेश के हरदा जिले के मन्नासा गांव में सड़क न होने से लोगों को एक गर्भवती महिला को कपड़े के बने स्ट्रेचर में बैठाकर 5 किमी तक ले जाना पड़ा. फिर 10 किमी मोटरसाइकिल से सफर कर वह अस्पताल पहुंची, जहां उसने बच्ची को जन्म दिया। महिला और बच्ची स्वस्थ हैं. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

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प्रेग्नेंट महिला को झोले में डालकर अस्पताल ले गए गांव वाले (Photo: ITG)
प्रेग्नेंट महिला को झोले में डालकर अस्पताल ले गए गांव वाले (Photo: ITG)

मध्यप्रदेश के हरदा जिले में एक वन ग्राम में सड़क न होने से गर्भवती महिला को कपड़े में टांगकर ले जाने का वीडियो सामने आया है. गांव से 15 किलोमीटर दूर रहटगांव के सरकारी अस्पताल में महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. महिला और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं.

भले ही सरकार गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत कुछ और है. हरदा जिले के रहटगांव तहसील के ग्राम मन्नासा का यह वीडियो सरकार के दावों की पोल खोल रहा है. वीडियो देखने से अंदाजा लगा सकते हैं कि जो रास्ता है उस पर जब लोग मोटर साइकल नहीं चला सकते तो फिर चार पहिया वाहन कैसे चलेगा.

बरसात के मौसम ने तो हालात और भी भयावह बना दिए हैं. गांव तक पहुंचने वाला रास्ता कीचड़ से भरा और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों से होकर गुजरता है. स्थिति यह है कि न कोई वाहन वहां जा सकता है और न ही लोग आसानी से पैदल सफ़र कर सकते हैं.

स्वास्थ विभाग के सीएमएचओ एच पी सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया था, लेकिन रास्ता नहीं होने से एंबुलेंस नहीं जा सकी. जिसके बाद कुछ देर तक गर्भवती महिला पैदल चलती रही. उसके बाद जब दर्द बढ़ा तो ग्रामीण ने झोली बनाकर उसे करीब 5 किलोमीटर तक आमबा गांव तक लाए. इसके बाद वहां से 10 किलोमीटर तक का सफर मोटर साइकल से किया. करीब 10.30 बजे अस्पताल में भर्ती होने के बाद महिला ने 11 बजे एक बालिका को जन्म दिया.

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उधर गर्भवती महिला के पति अखिलेश सरियाम ने आजतक से मोबाइल पर बात करते हुए कहा कि गांव की सड़क खराब है, जहां पर पैदल चलना भी मुश्किल है. 108 एंबुलेंस नहीं आई जबकि 5 किलोमीटर के बाद आंबा तक एंबुलेंस आ सकती थी. इस संबंध में सीएमएचओ एच पी सिंह का कहना है कि यदि इस मामले में किसी ने लापरवाही बरती तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जबकि आशा कार्यकर्ता को पुरस्कृत किया जाएगा.
 
 

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