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लेखिका ममता बोलीं- शब्दों के कारीगर नहीं आढ़तिए बने शब्दकार, दिखा नहीं पाते सपने'

लेखिका ममता बोलीं- शब्दों के कारीगर नहीं आढ़तिए बने शब्दकार, दिखा नहीं पाते सपने'

साहित्य आजतक के तीसरे दिन के सत्र ‘शब्द और सपने’ में व्यास सम्मान विजेता लेखिका ममता कालिया, व्यास सम्मान विजेता लेखिका चन्द्रकान्ता और लेखक प्रो गोपेश्वर सिंह ने शिरकत की. तीनों लेखकों ने ‘शब्द और सपने’ पर विस्तार से अपनी बातें रखीं. लेखिका ममता कहती हैं कि आज के समय के शब्दकार के अंदर सपने दिखाने की सामर्थ्य कम हुई. हम शब्दों के कारगीर नहीं उनके आढ़तिए बने गए हैं. आढ़तिया चीजों को बोरे में रखता है, वहां सपने नहीं होते है. वीडियो देखें.

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