scorecardresearch
 
Advertisement

'ये कवि कविता नहीं...' वो 4 लाइन जिनसे लेखक ने समझाया साहित्य का सरोकार

'ये कवि कविता नहीं...' वो 4 लाइन जिनसे लेखक ने समझाया साहित्य का सरोकार

साहित्यकारों के सबसे बड़े महाकुंभ साहित्यआजतक के सत्र साहित्य का सरोकार में लेखक नीलोत्पल मृणाल, लेखक रत्नेश्वर सिंह और लेखक उमा शंकर चौधरी ने शुक्रवार को शिरकत की. तीनों लेखकों ने साहित्या क्या और उसके सरोकार विषय पर विस्तार से बात की. कार्यक्रम की शुरुआत लेखक नीलोत्पल मृणाल ने "ये कवि कविता नहीं, अपने समय की चिंता लिखो. सब लिखते हैं गहरा समंदर, तुम डूबे को तिनका लिखो. आंखा में शोला दिखा नहीं है, तुमने अभी सच लिखा नहीं है. राजमहल पर क्या लिखते हो, किस गांव का रास्ता लिखो." कविता कहकर साहित्य के सरोकार के बारे में समझाया. वीडियो देखें.

Advertisement
Advertisement