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'हम भारतीय हैं, हमारे कर्मचारी भी भारतीय...', हाईकोर्ट में तुर्की से जुड़ी Celebi एविएशन की दलील

सेलेबी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है, क्योंकि इस फैसले के कारण कंपनी के एयरपोर्ट ऑपरेटरों के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट रद्द किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सेलेबी पिछले 17 वर्षों से बिना किसी दाग के काम कर रही है. उन्होंने अदालत को बताया कि सेलेबी एक भारतीय कंपनी है, और इसके 10,000 कर्मचारी भारतीय हैं.

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Celebi Aviation ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी दलीलें दीं (Representative image)
Celebi Aviation ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी दलीलें दीं (Representative image)

दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को ग्राउंड हैंडलिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी सेलेबी की याचिका पर सुनवाई हुई. इस याचिका में कंपनी ने सरकार द्वारा उसकी सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) रद्द करने के फैसले को चुनौती दी है. सेलेबी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है, क्योंकि इस फैसले के कारण कंपनी के एयरपोर्ट ऑपरेटरों के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट रद्द किए जा रहे हैं.

रोहतगी ने कहा कि सेलेबी पिछले 17 वर्षों से बिना किसी दाग के काम कर रही है. उन्होंने अदालत को बताया कि सेलेबी एक भारतीय कंपनी है, और इसके 10,000 कर्मचारी भारतीय हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब इन कर्मचारियों को अन्य ग्राउंड ऑपरेटरों के साथ काम पर लगा दिया गया है. उन्होंने दलील दी, “कर्मचारी तो वही रहेंगे, पर देश की कंपनी को बाहर कर दिया गया है.” 

विमान सुरक्षा नियमों का किया उल्लेख

उन्होंने विमान सुरक्षा नियमों का उल्लेख करते हुए बताया कि पुराने नियम 1937 के थे, फिर 2011 में नए नियम बने और अब नियम 12 (Rule 12) लागू है. रोहतगी ने कहा कि जब भी कोई कठोर निर्णय लिया जाता है, तब प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत लागू होते हैं और नियम 12 के तहत कंपनी को सुनवाई का अवसर देना आवश्यक था.

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सेलेबी के वकील ने यह भी कहा कि उन्हें न तो किसी तरह की सूचना दी गई, न ही आरोपों के बारे में बताया गया. उन्होंने ने कहा, “मैं कारणों की प्रति नहीं मांग रहा, पर मैं अंधेरे में हूं. मुझे यह जानने का हक है कि मुझ पर आरोप क्या है.” 

इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या कानून में यह स्पष्ट है कि दस्तावेज दिए जाने चाहिए, जिस पर रोहतगी ने जवाब दिया कि नियमों के अनुसार उन्हें कम से कम आरोपों की जानकारी मिलनी चाहिए थी.

गुरुवार को भी जारी रहेगी सुनवाई

रोहतगी ने यह भी तर्क दिया कि यदि समस्या तुर्की मूल के लोगों को लेकर थी, तो वह उन्हें हटा सकते थे. उन्होंने कहा, “अगर बताया होता तो समाधान निकल सकता था. लेकिन मुझे अवसर ही नहीं दिया गया.” 

अदालत ने उन्हें कानूनी दलीलों तक सीमित रहने की सलाह दी, जिस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वे कोई विशेष निर्देश नहीं मांग रहे हैं, सिर्फ यह बता रहे हैं कि नियमों का पालन नहीं किया गया. इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई कल गुरुवार के लिए स्थगित कर दी. अब सेलेबी की ओर से दलीलें आगे जारी रहेंगी.

तुर्की ने पाकिस्तान का दिया साथ तो भारत सरकार ने लिया एक्शन 

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बता दें कि सीजफायर उल्लंघन के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया था. इसके बाद भारत ने तुर्की का विरोध शुरू हो गया. इस क्रम में भारत सरकार ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी सेलेबी एविएशन का सिक्योरिटी क्लियरेंस का करार तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उठाया गया, जिसकी पुष्टि एक आधिकारिक आदेश में की गई. 

भारत के इस एक्शन के बाद तुर्की की कंपनी Celebi ने स्पष्ट किया था कि उसका स्वामित्व 65% अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के पास है, जो कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, यूएई और पश्चिमी यूरोप जैसे देशों से हैं. इस 65% में से 15% हिस्सेदारी एक डच कंपनी ‘Alpha Airport Services BV’ के पास है, जबकि तुर्की के Celebioglu परिवार के दो सदस्यों- जान और कैनन Celebioglu के पास संयुक्त रूप से 35% हिस्सेदारी है, दोनों किसी भी राजनीतिक संगठन से जुड़े नहीं हैं.

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