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पहाड़ों पर बारिश से बुरा हाल, खतरे के निशान के करीब नदियां

पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत में जमकर बारिश हो रही है. एक ओर पहाड़ों पर बारिश के कारण पारा गिरा है तो वहीं नई दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में लोगों को जाम-पानी भरने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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हरिद्वार की फाइल फोटो
हरिद्वार की फाइल फोटो

उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण अब यहां के मैदानी इलाकों में खतरे की घंटी बजने लगी है. पहाड़ों से नदियां उफान भर कर ऋषिकेश में विकराल रूप धारण किये हुए है. मोक्ष दायनी गंगा का रूप बेहद डरावना बना हुआ है. वेग और उफान में गंगा खतरे के निशान पर बह रही है.

यहां अगर कुछ समय ये बारिश ऐसे ही जारी रही तो गंगा का पानी मैदानी इलाकों और खासकर उसके तटीय क्षेत्रों में रहने वाले इलाकों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

ऋषिकेश में गंगा अपने चरम वेग पर है यहां के सारे घाट पानी मे डूब चुके हैं कुछ दिन पहले जिन घाटों पर कई लोग पूजा अर्चना और गंगा की आरती किया करते थे वह सभी पानी मे समा चुके हैं.

इस बारिश के कारण नदियां नाले उफान भर रहे हैं ऐसे में टिहरी डैम के पानी का लेवल भी काफी बढ़ चुका है और वहां से पानी छोड़ना लगातार जारी है और पानी छूटने से ऋषिकेश के हालात और खराब हो सकते हैं.

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इन दिनों ऋषिकेश और हरिद्वार में सावन के महीने में कावड़ यात्रा के कारण भारी मात्रा में भक्त गंगा में डुबकी लगाने व जल भरने आते हैं और ऐसे में गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ने से खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि शिवभक्त इसी वेग में गंगा स्नान करने के लिए जल में उतरेंग, ऐसे में सिर्फ सावधानी ही बचाव हो सकती है.

हालांकि, स्थानीय प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीमें यहां तैनात की जा चुकी हैं. लगातार गश्त कर पुलिस के द्वारा लोगों को सचेत भी किया जा रहा है क्योंकि अभी भी काफी संख्या में लोग गंगा घाटों के किनारे रहते हैं.

ऐसे में प्रशासन के लिए ये एक बड़ी चुनौती है कि यात्रियों और शिवभक्तों के साथ आम जनता को भी सावधान कर उनकी सुरक्षा पूर्ति की जा सके, और किसी अनहोनी से बचा जा सके. बहरहाल, मौसम विभाग ने अभी एक बार फिर से 48 घंटे का अलर्ट जारी कर चिंताओं की लकीरें प्रशाशन के माथे पर खींच दी हैं.

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