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नड्डा की नई टीम का खास चेहरा, पसमांदा बिरादरी से आने वाले AMU के पूर्व VC बने BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी नई टीम घोषित कर दी है. इस टीम में कई पुराने चेहरों के पद बरकरार रखे गए हैं. वहीं कई नए चेहरे भी शामिल किए गए हैं.

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डॉ. तारिक मंसूर को बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है
डॉ. तारिक मंसूर को बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को अपनी नई टीम का ऐलान किया. बीजेपी की इस नई टीम में जहां अधिकांश पुराने चेहरों को बरकरार रखा गया है, तो वहीं कुछ नए चेहरों को भी जगह मिली है. यूपी से पार्टी के कई नेताओं को इस टीम में जगह दी गई है. इस टीम में सबसे ज्यादा चर्चा विधान परिषद के सदस्य (MLC) और पार्टी के मुस्लिम चेहरे तारिक मंसूर (Tariq Mansoor) और डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल की हो रही है. 

कौन हैं तारिक मंसूर

प्रोफेसर तारिक मंसूर अभी उत्तर प्रदेश में बीजेपी (UP BJP) के विधान परिषद सदस्य हैं. एमएलसी बनने से पहले वह 6 साल (7 मई 2017 से 02 अप्रैल 2023) तक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)के वाइस चांसलर रहे. प्रो. तारिक मंसूर के पहले से ही भाजपा और आरएसएस के नेताओं के साथ करीबी संबंध रहे हैं. जब उन्होंने एएमयू के शताब्दी वर्ष समारोह में पीएम मोदी को बुलाया था तो काफी हंगामा भी हुआ था. प्रो. मंसूर के बेटे की शादी में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिरकत की थी. 

2019 में जब सीएए और एनआरसी को लेकर देश में कई जगहों पर बवाल हो रहा था तो उस दौरान अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा था. तब डॉ. मंसूर ने वाइस चांसलर के रूप में कैंपस के अंदर पुलिस फोर्स बुला ली थी और यह पहली बार हुआ जब एएमयू कैंपस के अंदर पुलिस आई.

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पसमांदा बिरादरी से आते हैं मंसूर

मंसूर मुस्लिमों में कुरैशी बिरादरी से आते हैं और कुरैशी को मुस्लिम समुदाय में पसमांदा कहा जाता है. बीजेपी इस पसमांदा समुदाय तक पहुंचने के लिए कई कार्यक्रम भी कर रही है. कुछ समय पहले पीएम मोदी ने भोपाल में कहा था कि अगर हम मुसलमान भाई-बहनों की तरफ देखते हैं, पसमांदा मुसलमानों को वोटबैंक की राजनीति करने वालों ने जीना मुश्किल करके रखा हुआ है उनको तबाह करके रखा है. दरअसल,  मुसलमानों में पसमांदा मुस्लिम सामाजिक और आर्थिक के साथ ही राजनीतिक और शैक्षणिक रूप से भी काफी पिछड़े हैं. देश में मुसलमानों की कुल आबादी में करीब 85 फीसदी पसमांदा हैं जबकि15 फीसदी उच्च जाति के मुसलमानों की आबादी है. दलित और बैकवर्ड मुस्लिम, पसमांदा वर्ग में आते हैं.

चार दशकों का अनुभव

AMU की वेबसाइट के मुताबिक, डॉ. मंसूर पहले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ में सर्जरी विभाग में प्रोफेसर थे. पीएम मोदी को लेकर जब बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के रिलीज़ हुई थी तो उन्होंने बीबीसी की आलोचना करते हुए इसे 'एजेंडा-संचालित पत्रकारिता' बताया था. लगभग चार दशकों के अपने शिक्षण, अनुसंधान, क्लिनिकल और प्रशासनिक अनुभव के साथ, उनके पास 107 पब्लिकेशन हैं और उन्होंने 58 पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों की थीसिस का पर्यवेक्षण किया है.

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डॉ. मंसूर को प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2023 के लिए भारत सरकार की पद्म पुरस्कार समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया था. वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य भी रह चुके हैं. इसके अलावा भारतीय प्रबंधन संस्थान (लखनऊ) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में शामिल रहे हैं. वह मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन (अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार) के शासी निकाय और अल्पसंख्यक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय निगरानी समिति, शिक्षा मंत्रालय में भी डॉ. मंसूर पदासीन रहे हैं. इसके अलावा वह शिक्षा मंत्रालय में भी विभिन्न समीतियों में काम कर चुके हैं.

यूपी से मिली इन नेताओं को जगह

वहीं जेपी नड्डा ने यूपी से जिन नेताओं को टीम में जगह दी है उनमें डॉ. मंसूर के अलावा डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल, अरुण सिंह, सांसद सुरेंद्र नागर, राजेश अग्रवाल, सांसद रेखा वर्मा और यूपी के संगठन महामंत्री रहे सुनील बंसल का नाम शामिल हैं. इसके अलावा यूपी से रेखा वर्मा और लक्ष्मीकान्त वाजपेयी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. कुछ मिलाकर यूपी से 6 बीजेपी नेताओं को संगठन में जगह मिली है.

कौन हैं डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल 

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गोरखपुर से चार बार विधायक रह चुके डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल इस समय भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं. राधा मोहन दास अग्रवाल 2022 के यूपी चुनाव में गोरखपुर से टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. उनकी नाराजगी की खबरें आई और तब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो उन्हें खुले मंच से टिकट ऑफर किया था, लेकिन उन्होंने खुद का पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता बताते हुए हाईकमान का निर्णय स्वीकार कर लिया.

इसका उन्हें इनाम भी मिला और पार्टी ने उन्हें 2023 में राज्यसभा का टिकट दे दिया. सितंबर 2022 में उन्हें लक्षद्वीप में भाजपा के प्रभारी और केरल में भाजपा के सह-प्रभारी के रूप में नियुक्त किया.वह बाल रोग विशेषज्ञ भी हैं. अग्रवाल ने 1976 में एमबीबीएस और 1981 में बाल रोग विज्ञान में एमडी किया था.

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नड्डा ने जिन चेहरों को टीम से हाटाया

राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से दो-दो नेताओं की छुट्टी कर दी गई है. कर्नाटक में अपना ही चुनाव हारने वाली सीटी रवि की महासचिव पद से छुट्टी कर दी गई है. वहीं, असम के बीजेपी सांसद दिलीप सैकिया भी महासचिव पद से हटाए गए हैं. इसके साथ ही राष्ट्रीय सचिव पद से हरीश द्विवेदी हटाए गए हैं. उपाध्यक्ष रहे दिलीप घोष और भारतीबेन शायल को नई टीम में शामिल नहीं किया गया है.

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