उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा मामले में एसआईटी की पूछताछ के लिए सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क थाने पहुंचे थे, यहां पर एसआईटी ने उनसे कई सवाल पूछे और इसके बाद वे बाहर निकले. इससे पहले उन्होंने कहा, "मैं कानून और संविधान में विश्वास रखता हूं. न्यायपालिका में मेरी आस्था है. आज मेरी तबियत ठीक नहीं थी, मेरे डॉक्टर ने मुझे आराम करने की सलाह दी है, लेकिन इसके बावजूद मैं वहां (थाने) जा रहा हूं ताकि पुलिस प्रशासन को यह न लगे कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं..."
23 मार्च को गिरफ्तार किए गए जमा मस्जिद कमेटी के सदस्य जफर अली ने पूछताछ के दौरान SIT को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की संलिप्तता के बारे में बताया था. इसके बाद पुलिस ने अपनी केस डायरी में 24 नवंबर की हिंसा जामा मस्जिद के सदर जफर अली और जियाउर्रहमान बर्क की साजिश का जिक्र किया था.
मकान की हुई थी नपाई
पिछले दिनों जांच टीम ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मकान की नपाई पूरी की. इस दौरान भारी पुलिस फोर्स की तैनाती थी, जिससे नपाई के दौरान कोई व्यक्ति माहौल ना खराब कर सके.
मकान के निर्माण के मामले में कई बार सांसद बर्क को नोटिस जारी किया जा चुका है. इस मामले में नवनिर्माण हुआ है या नहीं यह जांच करने के लिए एसीडएम द्वारा जांच कमेटी बनाई गई थी. 22 मार्च तक जांच टीम को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन 22 मार्च तक अपनी रिपोर्ट नहीं दे सकी थी जांच टीम.
अब 5 अप्रैल को संसद के मामले में सुनवाई होगी. इससे पहले अपनी रिपोर्ट तैयार करके जांच कमेटी एसडीएम को रिपोर्ट देगी. इससे पहले फरवरी में प्रशासन ने मामले में बर्क द्वारा जवाब दाखिल करने को लेकर एक बार और समय मांगा था तो अर्थदंड लगाया गया. एसडीएम वंदना मिश्रा ने सांसद बर्क पर 500 रुपये का अर्थदंड लगाया था.
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संभल हिंसा मामले में बर्क की बढ़ेंगी मुश्किलें
संभल हिंसा मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क नामजद अभियुक्त हैं. पिछले दिनों एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया था कि सांसद बर्क से पूछताछ के लिए जल्द ही 41 (ए) का नोटिस जारी किया जाएगा. ताकि यह पता चल सके कि सांसद ने हिंसा से पहले और बाद में किससे क्या बातचीत की थी. वहीं, संभल हिंसा मामले में पुलिस ने सदर जफर अली को गिरफ्तार कर मुरादाबाद जेल भेज दिया है.