कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. वह सरकार से लगातार पूछ रहे हैं कि पूरे ऑपरेशन के दौरान भारत के कितने एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंचा है. इस पर अब पार्टी की तरफ से पवन खेड़ा ने प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पाकिस्तान के कितने प्लेन गिरे. वह हमारी फौज ने हमें बता दिया है और हम उससे आश्वस्त हैं. पाकिस्तान के कितने एयरबेस नष्ट किए गए. वह हमारे DGMO ने हमें बता दिया है. हमें हमारी फौज पर पूरा भरोसा है. हमें भरोसा नहीं है तो हमारे राजनीतिक नेतृत्व पर. उन्हें जवाब देना होगा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को किसके दबाव में अचानक रोक दिया? उन्हें जवाब देना पड़ेगा?
खेड़ा ने कहा कि विदेश मंत्री कहते हैं कि उन्होंने ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को बता दिया था. शायद हाफिज सईद, मसूद अजहर और पहलगाम के आतंकी इसी वजह से बच निकले. आप पाकिस्तान को बता सकते हैं लेकिन पुंछ के नागरिकों को नहीं बता सकते. वो भी बच जाते. हम सरकार से पूछेंगे कि आपने किस दबाव में आकर फौज को रोका. फौज बहुत कुछ हासिल कर सकती थी. डोनाल्ड ट्रंप सात बार बोल रहे हैं कि उन्होंने मध्यस्थता करके वॉर रुकवाया, सीजफायर करवाया. ट्रेड रोकने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया. तो क्या हम सिंदूर का सौदा होने देंगे और सवाल नहीं पूछेंगे?
उन्होंने कहा कि जब डीजीएमओ बता चुके हैं कि पाकिस्तान के कितने एयरक्राफ्ट मार गिराए गए तो हम दोबारा-दोबारा क्यों पूछेंगे. हमें फौज पर भरोसा है लेकिन सरकार पर भरोसा नहीं है. वे कुछ बताते नहीं है, सर्वदलीय बैठक में आते नहीं है. हमें सरकार बताए कि वे ट्रंप की बातों का जवाब क्यों नहीं दे रही. क्या मोदी जी को अमेरिका का वीजा कैंसिल होने का डर है? आप प्रधानमंत्री हैं आपका वीजा कैंसिल नहीं होगा. हम आपको आश्वासन देते हैं कि आपका (पीएम) वीजा कैंसिल नहीं होगा.
बीजेपी की ओर से पाकिस्तानी सेना चीफ आसिम मुनीर के साथ राहुल गांधी का आधा चेहरा लगाए जाने के सवाल पर खेड़ा ने कहा कि ये तो सरकार बताए कि उनका मुनीर से क्या रिश्ता है, जो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर उनका प्रचार कर रहे हैं. हम तो उनको नहीं पहचानते. अभी देश में गंभीर माहौल है, देश की सुरक्षा का सवाल है तो सरकार का जवाब देना चाहिए. आपको जवाब देना चाहिए कि पाकिस्तान के साथ इस संघर्ष में एक भी देश आपके साथ क्यों नहीं खड़ा हुआ. आईएमएफ ने युद्ध के बीच में पाकिस्तान को लोन कैसे दे दिया. ये स्थिति कैसे आ गई कि कोई आपके साथ नहीं खड़ा था और आप विश्वगुरु बनने की बात करते हो.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व से सवाल पूछना विपक्ष का धर्म होता है. क्योंकि विपक्ष देश की जनता के सवाल पूछता है और इस धर्म को निभाने से हम पीछे नहीं हटेंगे. अब ये सरकार का धर्म है कि वह सवालों के उत्तर दे कि भारत को अचानक सीजफायर से कितना नुकसान पहुंचा है. सरकार को अब ये बताना होगा.