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असम-मिजोरम हिंसा: सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ FIR, बोले- न्यूट्रल एजेंसी को क्यों नहीं सौंपी जांच

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ मिजोरम पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. सीएम हिमंता ने एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मामला किसी तटस्थ एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा गया है.

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो-PTI)
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जारी है अमस-मिजोरम सीमा विवाद
  • तनाव खत्म होने के लिए हो रही बातचीत
  • 200 पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी FIR

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ मिजोरम पुलिस ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है. मिजोरम पुलिस की जांच पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम हिमंता ने कहा है कि वे जांच में शामिल होंगे. उन्होंने एफआईआर के बाद यह भी कहा है कि क्यों पूरे प्रकरण की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी को क्यों नहीं सौंपी जा रही है. उन्होंने कहा कि वे इस बात को मिजोरम के सीएम जोरमथंगा के सामने भी उठा चुके हैं.

शनिवार को किए गए एक ट्वीट में सीएम हिमंता ने जिक्र किया, 'किसी भी जांच में शामिल होने में मुझे बहुत खुशी होगी. लेकिन मामला एक तटस्थ एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है, खासकर तब, जब घटना की जगह असम के संवैधानिक क्षेत्र के भीतर है? हम यह पहले ही सीएम जोरमथंगा को बता चुके हैं.'

हिमंता बिस्वा सरमा पर 26 जुलाई को अंतरराज्यीय सीमा पर हालिया झड़पों को लेकर हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के आरोप में शुक्रवार को मिजोरम पुलिस ने मामला दर्ज किया था. अब सीएम हिमंता जांच को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है कि जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी को करना चाहिए. 

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सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का ट्वीट.

असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ क्यों दर्ज हुआ केस?

मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेनगटे शहर के बाहरी इलाके में हुई हिंसक झड़प को लेकर असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, राज्य पुलिस के चार वरिष्ठ अधिकारियों और दो और अधिकारियों के खिलाफ शुक्रवार को आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन नेहलिया के मुताबिक हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश, सहित विभिन्न आरोपों के तहत सीएम और अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

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200 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR

सीमावर्ती शहर के पास मिजोरम और असम पुलिस बलों के बीच मुठभेड़ के बाद राज्य पुलिस ने सोमवार देर रात वैरेंगटे पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की है. इसके अलावा, 200 अज्ञात असम पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए थे. रविवार को पूछताछ के लिए चार पुलिस अधिकारियों और दो प्रशासनिक अधिकारियों को तलब किया गया है.
 

असम के आरोप, मिजोरम सरकार ने दिया जवाब

अब इस सीमा विवाद पर मिजोरम सरकार ने भी स्पष्टीकरण पेश किया है. असम सरकार द्वारा जोर देकर कहा गया था कि सीमा पर कुछ विस्फोटक पदार्थ मिले थे, उन्होंने इसे साजिश का हिस्सा बताया था और इसके लिए मिजोरम को जिम्मेदार बता दिया था. लेकिन अब मिजोरम सरकार ने इस एंगल को सिरे से खारिज कर दिया है.

राज्य सरकार ने जारी बयान में कहा है कि विस्फोटक पदार्थ मिले जरूर थे, लेकिन वो 26 जुलाई को नहीं बल्कि 21 जुलाई को मिले थे. सरकार के मुताबिक कुछ विस्फोटक पदार्थ चम्फाई जिले में बरामद किए गए थे. लेकिन उस केस में आरोपी को तभी गिरफ्तार कर लिया गया था, ऐसे में उसका सीमा विवाद से कोई कनेक्शन नहीं है.

वहीं अब इस मामले में जांच को लेकर भी विवाद खड़ा हो रहा है. असम सीएम हिमंता लगातार कह रहे हैं कि इस घटना की जांच किसी तटस्थ एजेंसी द्वारा होनी चाहिए. लेकिन मिजोरम सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि इस मामले की जांच किसी और से करवाने की मांग हो रही है.  

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असम-नागालैंड सीमा पर तनाव कम करने की हो रही कोशिश
 

अब एक तरफ असम-मिजोरम सीमा पर तो तनाव चल ही रहा है, नागालैंड संग भी स्थिति ठीक नहीं है. इस विवाद पर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा है कि असम-नागालैंड सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है. दोनों मुख्य सचिवों ने राज्यों की सेनाओं को सीमावर्ती स्थानों से अपने-अपने आधार शिविरों में तुरंत वापस लेने के लिए एक समझौता किया है. माना जा रहा है कि दोनों राज्यों के बीच जारी सीमा विवाद इस समझौते के बाद थम जाएगा.

 

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