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पहले हंसी-मजाक और फिर SIR को बताया 'वोट डिलीट करने का टूल', लोकसभा में कल्याण बनर्जी के अलग अंदाज

लोकसभा में आज उस समय हल्का-फुल्का का माहौल बन गया जब टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सूट और टाई पहनकर पहुंचे. स्पीकर ओम बिरला ने उन पर चुटकी ली, जिस पर सदन हंसी से भर गया. लेकिन इसके बाद बनर्जी ने चुनाव सुधार पर बोलते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर कड़े सवाल दागे.

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कल्याण बनर्जी आज सदन में सूट पहनकर पहुंचे तो ओम बिरला ने चुटकी ली. (Photo- Screengrab)
कल्याण बनर्जी आज सदन में सूट पहनकर पहुंचे तो ओम बिरला ने चुटकी ली. (Photo- Screengrab)

लोकसभा में मंगलवार का दिन हल्के-फुल्के अंदाज और तीखे राजनीतिक आरोपों से भरा दिखा. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी जब सदन में सूट और टाई पहनकर पहुंचे तो सभी की नजरें उन पर टिक गईं. स्पीकर ओम बिरला ने मुस्कुराते हुए कहा, "कल्याण बनर्जी आज सूटेड-बूटेड लग रहे हैं, टाई भी लगा रखी है." बनर्जी भी मुस्कराए और माहौल कुछ देर के लिए हल्का हो गया.

लेकिन चर्चा का असली तापमान तब बढ़ा जब कल्याण बनर्जी ने चुनाव सुधार पर बोलना शुरू किया. उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि SIR अब बीजेपी के हाथ में "वोट डिलीट करने का हथियार" बन गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग लाखों वोटर हटाने की बात कर रहा है और बीजेपी इसे जीत की तरह मना रही है.

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टीएमसी सांसद ने कहा, "चुनाव आयोग किसी नागरिक की नागरिकता तय करने की अथॉरिटी नहीं है. बिहार में आपने घुसपैठियों का मुद्दा उठाया. एक भी नहीं मिला. अगर विदेशी आ रहे हैं तो यह गृह मंत्री और प्रधानमंत्री की विफलता है."

BJP पर "बंगाली हेटर" पार्टी होने का आरोप

टीएमसी सांसद ने मिजोरम का जिक्र करते हुए कहा कि वहां बाहरी लोगों की एंट्री सरकार ने खुद तय कराई, लेकिन बंगालियों को रोहिंग्या बताकर टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि BJP "बंगाली हेटर" पार्टी है और इसी मानसिकता के चलते विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी गई थी.

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पीएम मोदी के "बंकिम दा" कहने पर भड़के टीएमसी सांसद

कल्याण बनर्जी ने पीएम मोदी के एक बयान पर भी हमला किया, जिसमें उन्होंने बंकिम चंद्र को "बंकिम दा" कहा था. सांसद ने कहा, "जब उनका जन्म हुआ था, तब मोदी जी की तीन पीढ़ियां भी नहीं थीं. क्या उन्हें सरदार पटेल भी दादा लगते हैं?"

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मतुआ समुदाय का मुद्दा उठाते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा कि जिस समुदाय से केंद्र सरकार के एक मंत्री आते हैं, वही लोग भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हुए हैं क्योंकि SIR की प्रक्रिया ने उन्हें असुरक्षा में डाल दिया है.

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