कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद के रूप में लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. 4 अगस्त 2025 को महुआ मोइत्रा और कीर्ति आजाद से विवाद के बाद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में TMC के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा दे दिया.
कानून के क्षेत्र से राजनीति में आए कल्याण बनर्जी अपने वाक्पटु भाषणों, त्वरित प्रतिक्रियाओं और संगठनात्मक कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं.
कल्याण बनर्जी मूल रूप से पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वकील के तौर पर की और पश्चिम बंगाल की राजनीति में धीरे-धीरे सक्रिय हुए. वह 2004 में पहली बार हावड़ा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने 2009, 2014 और 2019 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की. उनकी लोकप्रियता का मुख्य कारण उनका जनता से जुड़ा रहना, जमीनी मुद्दों को संसद में उठाना और तृणमूल कांग्रेस के प्रति निष्ठा है.
संसद में हल्का-फुल्का पल देखने को मिला, जब टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बीच मजेदार बातचीत हुई. टीएमसी सांसद ने घुसपैठियों को लेकर सवाल किया तो नितिन गडकरी ने ऐसा जवाब दिया कि ठहाके लगने लगे.
टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी और बीजेपी नेता नितिन गडकरी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही है जहां कल्याण बनर्जी मजाक में नितिन गडकरी से घुसपैठ के मुद्दे पर सवाल पूछते हुए कहते है कि एक भी मिला क्या जिसके जवाब में नितिन गडकरी कहते है कि आपको जिम्म्दारी देते है.
टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी का बीजेपी नेता नितिन गडकरी के साथ एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है. इस वीडियो में वे नितिन कडकरी से घुसपैठियो पर सवाल पूछते हुए नजर आए और कहा कि 'नितिन जी, राजनाथ जी, मोदी जी के पास एक ही मुद्दा है, कि पश्चिम बंगाल में घुसपैठिये है, एक भी मिला क्या.'
संसद भवन में टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मकर द्वार के पास घुसपैठियों को लेकर सवाल किया. उन्होंने मज़ाकिया लहज़े में पूछा कि क्या बंगाल में कोई घुसपैठिया मिला है. इसके बाद दोनों ने हँसी-मजाक किया और एक-दूसरे के कान में कुछ कहा, जिससे वे ठहाके लगाने लगे.
लोकसभा में आज उस समय हल्का-फुल्का का माहौल बन गया जब टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सूट और टाई पहनकर पहुंचे. स्पीकर ओम बिरला ने उन पर चुटकी ली, जिस पर सदन हंसी से भर गया. लेकिन इसके बाद बनर्जी ने चुनाव सुधार पर बोलते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर कड़े सवाल दागे.
पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले राजभवन और TMC के बीच विवाद तेज हो गया है. तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर राजभवन में 'बीजेपी के गुंडों' को पनाह देने और 'हथियार बांटकर TMC कार्यकर्ताओं पर हमले करवाने' जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.
पश्चिम बंगाल में TMC और राज्यपाल के बीच टकराव बढ़ा. कल्याण बनर्जी के आरोपों पर Governor Bose ने राजभवन खोलकर ओपन चैलेंज दिया. चुनाव से पहले विवाद गरमाया.
सांसद कल्याण बनर्जी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. वह पश्चिम बंगाल के सेरामपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और टीएमसी के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. इस घटना ने राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.
पश्चिम बंगाल के टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को सीआईएसएफ सुरक्षा के बिना दानकुनी आने की चुनौती दी है.
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी और सुकांत मजूमदार को CISF या CRPF सुरक्षा के बिना दानकुनी आने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा के जनता से मिलना ही असली जुड़ाव है. बीजेपी ने बयान को लोकतंत्र विरोधी बताया.
केंद्र सरकार ने पीएम-सीएम और मंत्रियों को जेल में 30 दिन बिताने पर पद से हटाने वाले कानून के लिए बिल पेश किया है. लेकिन इस बिल में कानूनी, राजनीतिक और कई व्यावहारिक अड़चनें भी हैं. कानून कुदरती इंसाफ के पैमानों पर भी नहीं टिकता.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है, पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि “वह महिला मेरे विषय का हिस्सा ही नहीं हैं और उनका स्तर बहुत नीचे है. उनके बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है.”
ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी असंतोष के मद्देनजर अभिषेक बनर्जी को दिल्ली में तैनात कर दिया है. कल्याण बनर्जी और सुदीप बंद्योपाध्याय का पत्ता काट कर नई टीम को जिम्मेदारी सौंप दी गई है - ताकि पश्चिम बंगाल चुनाव में 2021 जैसी चुनौतियों को टाला जा सके.
लोकसभा में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ कल्याण बनर्जी का पुराना झगड़ा रहा है और दोनों नेताओं ने कई मौकों पर एक-दूसरे की खुलकर आचोलना की है. लेकिन कल्याण बनर्जी की तरफ से पर्सनल अटैक के बाद महुआ ने उनके खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया था.