इजरायल और हमास के बीच युद्ध लगातार जारी है. इसको लेकर भारत के राजनीतिक दलों की अलग-अलग राय है. एक ओर बीजेपी इजरायल के साथ खड़ी दिखाई देती है तो वहीं विपक्षी दल फिलिस्तीन के साथ हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी सुप्रीमो ने भी फिलिस्तीन के समर्थन में बयान दिया था, जिस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी है.
असम सीएम ने बुधवार को कहा कि शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को गाजा भेजेंगे. हिमंता से जब मिडिल-ईस्ट में चल रहे संघर्ष पर पवार की राय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि शरद पवार सुप्रिया मैडम को हमास के लिए लड़ने भेजेंगे."
हिमंता बिस्वा की यह टिप्पणी शरद पवार के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जब उन्होंने कहा था कि भारत के पहले के प्रधानमंत्री भी फिलिस्तीन के साथ मजबूती से खड़े थे. प्रधानमंत्री मोदी के इजराइल को समर्थन को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए एनसीपी चीफ ने कहा कि उन्होंने वास्तविक मुद्दे की अनदेखी की.
शरद पवार ने क्या कहा था?
पवार ने कहा था, "पूरी जमीन फिलिस्तीन की है और इजरायल ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. वह जगह, जमीन और घर, सब कुछ फिलिस्तीन का था और बाद में इजरायल ने उस पर कब्जा कर लिया. इजरायल एक बाहरी व्यक्ति है और जमीन मूल रूप से फिलिस्तीन की है." उन्होंने कहा था कि एनसीपी उन लोगों के साथ खड़ी है जो मूल रूप से इजरायल के रहने वाले हैं.
BJP ने की थी पवार के बयान की निंदा
शरद पवार की इस टिप्पणी की बीजेपी की ओर से भी निंदा की गई थी. सीएम हिमंता से पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि यह बहुत परेशान करने वाला है जब शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल में आतंकवादी हमले पर भारत के रुख पर "बेतुके बयान" देते हैं.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने एक ट्वीट में कहा था, ''पवार जी उसी सरकार का हिस्सा थे, जिसने बाटला हाउस मुठभेड़ पर आंसू बहाए थे और भारतीय धरती पर आतंकी हमले होने पर सोए थे.''