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ऊपर से गोला-बारूद की बरसात, नीचे से पानी का सैलाब... भारत ने पाकिस्तान पर झोंक दिया हर हथियार

पाकिस्तान ने जब भारत के खिलाफ हमले की हिमाकत की, तो उसे हर तरफ से जवाब मिल गया.एक ओर आसमान से उसकी मिसाइलें और ड्रोन भारतीय फौजों की सतर्कता के आगे बेबस होकर गिर पड़े, तो दूसरी ओर जमीन पर भारत ने पानी का ऐसा सैलाब छोड़ दिया जिसने पाकिस्तान की नींव हिला दी.

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भारत ने पाकिस्तान पर की हर कोशिश नाकाम कर दी है
भारत ने पाकिस्तान पर की हर कोशिश नाकाम कर दी है

पाकिस्तान ने जब भारत के खिलाफ हमले की हिमाकत की, तो उसे हर तरफ से जवाब मिल गया.एक ओर आसमान से उसकी मिसाइलें और ड्रोन भारतीय फौजों की सतर्कता के आगे बेबस होकर गिर पड़े, तो दूसरी ओर जमीन पर भारत ने पानी का ऐसा सैलाब छोड़ दिया जिसने पाकिस्तान की नींव हिला दी. गुरुवार को पाकिस्तान की ओर से किए गए सैन्य हमलों का भारतीय सुरक्षा बलों ने सिर्फ करारा जवाब दिया,इसके बाद शुकवार की सुबह रामबन जिले में स्थित बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के गेट सुबह 8:15 बजे खोले गए. इससे पहले भारत ने कुछ दिन पहले ही इन डैमों के गेट बंद कर दिए थे, जिससे पाकिस्तान में चिनाब नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से घट गया था. अब भारी बारिश और डैम के भर जाने से जब गेट खोले गए, ऐसे में वहां बाढ़ आने का खतरा हो गया है. इसके बाद पाकिस्तान की पहले से डांवाडोल अर्थव्यवस्था पर और ज्यादा दबाव बन जाएगा. 

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पाकिस्तान की हिमाकत, भारत की तत्परता

गुरुवार शाम पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट, उधमपुर, जैसलमेर, पोखरण, जालंधर और भुज जैसे रणनीतिक सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाने की कोशिश की. इन हमलों में पाकिस्तान के इरादे बेहद खतरनाक थे, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने अपनी ताकत और मुस्तैदी से हर कोशिश को नाकाम कर दिया. भारतीय सेना ने तीन पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को भी मार गिराया, जिनमें दो जेएफ-17 और एक एफ-16 शामिल थे. ये फाइटर जेट भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें सतर्क रडार सिस्टम और फाइटर स्क्वाड्रन की मदद से हवा में ही निशाना बनाया गया.

जम्मू-कश्मीर में मिसाइल और ड्रोन हमला नाकाम

जम्मू-कश्मीर के उरी, अखनूर और पुंछ जैसे सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों के साथ फायरिंग भी शुरू कर दी. कई घरों को नुकसान हुआ, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता से हालात नियंत्रण में रहे. जम्मू के सतवारी में सुबह आसमान में संदिग्ध गतिविधि दिखने पर भारतीय जवानों ने तुरंत फायरिंग कर फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को नष्ट कर दिया.

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S-400 की ताकत से थर्राया पाकिस्तान

भारत की रक्षा प्रणाली में शामिल रूस निर्मित एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों में अहम भूमिका निभाई. जम्मू हवाई अड्डे, सांबा, आरएस पुरा, अरनिया, उधमपुर और पठानकोट के सैन्य ठिकानों पर आ रहे पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को इस सिस्टम ने हवा में ही खत्म कर दिया. राजौरी और पुंछ की नियंत्रण रेखा पर जोरदार धमाकों की आवाज सुनी गई, लेकिन भारत की तरफ से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. जम्मू यूनिवर्सिटी के पास एक पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया गया.

पानी का प्रहार: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर वार

भारत ने पाकिस्तान को सिर्फ हथियारों से ही नहीं, पानी के जरिए भी करारा जवाब दिया. जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते चिनाब नदी पर बने सलाल और बगलिहार डैम के कई गेट खोल दिए गए हैं. इससे पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी का बहाव अचानक तेज हो गया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. रामबन जिले में स्थित बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के गेट सुबह 8:15 बजे खोले गए. इससे पहले भारत ने कुछ दिन पहले ही इन डैमों के गेट बंद कर दिए थे, जिससे पाकिस्तान में चिनाब नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से घट गया था. अब भारी बारिश और डैम के भर जाने से जब गेट खोले गए, तो पाकिस्तान की पहले से डांवाडोल अर्थव्यवस्था पर और ज्यादा दबाव बन गया है.

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भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को विश्व बैंक ने मध्यस्थता के जरिए लागू कराया था. इस संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों (सतलुज, रावी, ब्यास) का और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का अधिकार मिला था, लेकिन हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने इस संधि को रद्द करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं.

भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमलों के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल जैसे संगठनों के ठिकानों को सटीक हमलों से ध्वस्त किया गया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को विफल कर दिया.
 

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