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जब स्टार के फेक अकाउंट से हुए Tweet, देखें 2021 के टॉप Fact Check

साल 2021 अब जबकि विदा होने वाला है. इस साल कई ऐसे ट्रेंड भी सामने आए, जिन्‍होंने भ्रामक सूचनाओं के मामले में देश में सुर्खियां बटोरीं. इस साल फेक इन्‍फॉरमेशन फैक्‍ट्री की भी बाढ़ आ गई.

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साल 2021 में कई फर्जी सूचनाएं फैलीं
साल 2021 में कई फर्जी सूचनाएं फैलीं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साल 2021 में कई फर्जी सूचनाएं फैलाई गईं
  • साल 2021 में फेक इन्‍फॉरमेशन की आई बाढ़

फेक ट्विटर हैंडलर तो फर्जी सूचना के प्रचार प्रसार में आगे रहते हैं. लेकिन साल 2021 में तो कुछ वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से भी कई ऐसी सूचनाएं  प्रसारित की गईं. वहीं कई वेबसाइट भी फर्जी सूचनाओं के प्रसार में आगे रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाकर भी कई जगह फर्जीवाड़ा किया गया. आपको हम हालिया ऐसी ही कुछ खबरों और ट्रेंड से रूबरु करवाने जा रहे हैं. जो फर्जी होने के बाद भी सुर्खियों में रही.  

मुस्लिमों पर लगे आरोप 
चाहें हत्‍या, दुष्‍कर्म हो या अपहरण से लेकर कोरोना तक.... भ्रामक सूचना देने वालों ने एक ही चीज प्रचारित की. उनके अनुसार हर गलत चीज का रंग 'हरा' है. इसकी शुरुआत कोरोना को सांप्रदायिक रंग देकर हुई. इसके बाद तालिबान ने अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा किया, फिर बांग्‍लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा हुई.

इन सारी घटनाओं के माध्‍यम से मनगढ़ंत सूचनाएं देने वाले लोगों को सांप्रदायिक घटनाओं को खूब बढ़ावा दिया. इस दौरान एक ऐसी ही फोटो इस तरह प्रचारित की गई कि जिस लड़के को हिंदू लड़की ने राखी बांधी, उसी ने बाद में उसका रेप कर दिया. 

इसी तरह मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर में हुए पुरोहितों के आपसी झगड़े को भी सांप्रदायिक रंग दिया गया. इस खबर में बताया गया कि मुस्लिमों ने पुरोहितों पर हमला दिया. जबकि ऐसा बिल्‍कुल नहीं था. 
 
फ्री में उपहार, रिस्‍क है आपका 
वैसे इस दुनिया में ऐसा कौन है, जिसे फ्री में पुरस्‍कार पसंद न हो. लेकिन ऐसे इनाम और पुरस्‍कारों पर संदेह जरूर करते रहना चाहिए. लोग अक्‍सर फ्री के इन जालों में फंस जाते हैं. चाहें वह केबीसी  के नाम की लॉटरी हो, अमेजन का कूपन हो या फिर टाटा की मुफ्त कार हो.  वहीं कई फर्जी वेबसाइट तो ऐसी भी बन गईं, जिन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का का फोटो यूज कर फर्जी वेबसाइट बना डाली. 

वहीं जिन लोगों ने इस फर्जी वेबसाइट के साथ अपना डाटा शेयर किया. उन सभी का डाटा स्‍पैमर्स को बेच दिया गया. यानि पहले वेबसाइट बनाई, इस पर कई लोगों ने बेरोजगारी भत्‍ते के नाम पर फॉर्म भरा. फिर इस पर अपना डाटा शेयर कर दिया. 

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ट्विटर के बाजीगर 
ट्विटर पर इस साल एक और फर्जीवाड़ा बड़ी संख्‍या मे हुआ. कैसे, ये समझ लीजिए, मतलब जो स्‍टार ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. उसके नाम पर अपना अकाउंट बना लो, पहले के ट्वीट डिलीट करो. इंटरनेट से फोटो उठाओ, उसको डीपी बना लो. फिर फर्जी अकाउंट से अपने फॉलोवर्स बढ़ा लो. यहां तक की ओलंपिक गोल्‍ड मेडलिस्‍ट नीरज चोपड़ा के फर्जी अकाउंट से किसान समर्थन में ट्वीट कर डाले. 

हाल में मिस यूनिवर्स हरनाज कौर संधू बनीं थी. इसके बाद इंटरनेट पर लोग यही तलाश रहे थे कि वह ट्विटर पर किस नाम से हैं. ट्विटर पर मौजूद कई लोगों ने भी @harnaazsandhu03 गलत अकाउंट को टैग कर बधाई दे डाली. वहीं हद तो ये रही कि ट्विटर ने इस अकाउंट को कुछ देर के लिए वैरिफाई कर दिया.  

वहीं नसीरुद्दीन शाह और पाकिस्‍तान जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम भी फर्जी पहचान के शिकार हुए. नसीरुद्दीन शाह के नाम पर अकाउंट बनाने वाले ने तो पहले राकेश टिकैत के नाम पर अकाउंट बना दिया था. 

वहीं पाकिस्तानी जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा की तारीफ में कोई ट्वीट नहीं किया था. ये ट्वीट जांच में फेक पाया गया. 


काल्‍पनिक वीडियो को दिया गया सांप्रदायिक रंग 
कई बार स्क्रिप्‍ट वीडियो में अगर डिस्‍क्‍लेमर न दिया गया हो तो इसका दूसरा ही मतलब निकाल सकते हैं. एक ऐसा ही छेड़छाड़ वाला वीडियो वायरल हो गया. जिसको बाद में सांपद्रायिक रंग दिया गया. 

वहीं धोखाधड़ी से बना एक एक ऐसे ही काल्‍पनिक वीडियो को लोगो ने सच मान लिया, जिसमें एक्‍ट्रेस को ही चोर समझ लिया. 

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फर्जी तस्‍वीरों ने खींचा ध्‍यान 
फर्जी तस्‍वीरों को भी लोग कई बार सच समझ लेते हैं, इस साल ऐसे ही कई तस्‍वीरों की बाढ़ आई. जिनका हकीकत से कोई वास्‍ता नहीं था. हाथी का पहाड़ जैसा एडिटेट फोटो किसी ने वायरल किया. 

वहीं मुंबई में मौजूद आसमान को असली बताया गया, जबकि ये बादल एक आर्टवर्क थे. और उन्‍हें अलग तरह से पेश किया गया. वहीं एक एके-47 नुमा राइफल की तस्‍वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल की गई. 

लोगों की बात को अलग तरह किया गया पेश 
कई बार बड़े लोगों की बातों को अलग तरह पेश किया जाए तो उसका मतलब दूसरा निकलता है. लेकिन इस साल कुछ ऐसे मामले भी सामने आए जहां लोगों ने वैसी कुछ कहा नहीं था, लेकिन उसको दूसरी तरह पेश किया गया. रतन टाटा की कही बात को भी दूसरे तरह वायरल कर दिया गया. ये  अफवाह फैलाई गई कि रतन टाटा ने कहा है कि शराब की बिक्री आधार कार्ड से होगी, जो खबर बाद में फेक निकली.  


वहीं बिल गेट्स भी एंटी वैक्‍सीन से जुड़े लोगों के निशाने पर रहे. नसीरुद्दीन शाह के बारे में भी ये अफवाह फैली कि वह यूपी में ओवैसी के लिए प्रचार करेंगे, जबकि ये बात बात अफवाह निकली. 

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