
क्या देश के दिग्गज व्यवसायी रतन टाटा ने कहा है कि शराब खरीदने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य कर देना चाहिए? सोशल मीडिया पर उनके इस कथित बयान की बड़ी चर्चा हो रही है.
वायरल पोस्ट में पूरा बयान कुछ इस तरह है, “शराब की बिक्री सिर्फ आधार कार्ड के जरिये होनी चाहिए. शराब खरीदने वालों को कोई भी सरकारी सब्सिडी या सुविधाएं नहीं देनी चाहिए. अगर किसी के पास शराब खरीदने के लिए पैसे हैं, तो वो राशन खरीदने में भी सक्षम है. यहां हम लोगों को मुफ्त का राशन दे रहे हैं, वहीं वो शराब में पैसे उड़ा रहे हैं. -रतन टाटा.”
फेसबुक पर बहुत सारे लोग इसे रतन टाटा का बयान बताते हुए शेयर कर रहे हैं.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर एक मनगढ़ंत बात को रतन टाटा का बयान बताते हुए शेयर किया जा रहा है. रतन टाटा ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि ये बयान उन्होंने नहीं दिया.
बहुत सारे लोगों ने तमिल भाषा में भी रतन टाटा के नाम पर वायरल इस बयान को शेयर किया है.
क्या है सच्चाई
3 नवंबर, 2021 को रतन टाटा ने अपने नाम से वायरल हो रहे बयान का स्क्रीनशॉट इंस्टाग्राम स्टोरी में शेयर किया. साथ ही, उन्होंने लिखा, “फर्जी खबर, ये मैंने नहीं कहा था, धन्यवाद”.
दरअसल, हाल ही में आंध्र प्रदेश में दसारी इमैनुअल नाम के व्यक्ति ने एक पीआईएल दायर की है जिसमें शराब खरीदने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने की गुजारिश की गई है. इमैनुअल का मानना है कि ऐसा करने से नाबालिगों को शराब बेचे जाने की समस्या पर लगाम कसी जा सकेगी.
रतन टाटा के नाम पर वायरल हो रहा बयान इस खबर से प्रेरित हो सकता है. अगर रतन टाटा ने इस तरह का कोई बयान दिया होता तो इसे लेकर मीडिया में चर्चा जरूर होती.
हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि शराब खरीदने के लिए आधारकार्ड अनिवार्य करने की बात रतन टाटा ने नहीं कही है.