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जिस सीट से सांसद थे अमिताभ बच्चन, वहां 40 साल बाद खत्म हुआ कांग्रेस का सूखा

इलाहाबाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी ने कहा कि अमिताभ बच्चन के बाद कांग्रेस ने 40 साल बाद इस सीट से चुनाव जीत दर्ज की है. अमिताभ बच्चन 1984 में कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीते थे.

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इलाहाबाद सीट से उज्ज्वल रमन सिंह ने चुनाव जीता है. (Photo: X)
इलाहाबाद सीट से उज्ज्वल रमन सिंह ने चुनाव जीता है. (Photo: X)

लोकसभा चुनाव के नतीजे साफ हो गए हैं. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है. लेकिन चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद सीट एक बार फिर चर्चा में बनी हुई है. इलाहाबाद सीट से अमिताभ बच्चन की जीत के लगभग 40 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस के उम्मीदवार उज्जवल रमन सिंह ने इलाहाबाद सीट से जीत दर्ज करने के बाद इस सीट पर पार्टी का 40 सालों का सूखा खत्म कर दिया है.

चुनाव आयोग के मुताबिक, उज्जवल रमन सिंह ने बीजेपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नीरज त्रिपाठी को 58,795 वोटों के अंतर से शिकस्त दी. सिंह को 4.62 लाख से अधिक वोट मिले हैं जबकि त्रिपाठी को 4.03 लाख से अधिक वोट मिले.

इलाहाबाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी ने कहा कि अमिताभ बच्चन के बाद कांग्रेस ने 40 साल बाद इस सीट से चुनावी जीत दर्ज की है. अमिताभ बच्चन 1984 में कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीते थे. 

अमिताभ से पहले लाल बहादुर शास्त्री इलाहाबाद से जीते थे

उन्होंने कहा कि 1984 से पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 1957 और 1962 में इलाहाबाद सीट से जीत दर्ज की थी. 1966 में शास्त्री के निधन के बाद उनके बेटे हरीकिशन शास्त्री ने इसी सीट से 1967 में चुनाव जीता था.

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उन्होंने कहा कि 1984 के बाद अनिल शास्त्री, कमला बहुगुणा, सत्यप्रकाश मालवीय जैसे कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत दर्ज नहीं कर पाए थे.

2014 के बाद से ये सीट बीजेपी के खाते में ही रही है. 2014 में बीजेपी के श्यामचरण गुप्ता ने इलाहाबाद सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2019 में बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने जीत का परचम लहराया था.

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और इलाहाबाद सीट से दो बार के सांसद रेवती रमन शास्त्री के बेटे उज्जवल रमन सिंह (51) प्रयागराज जिले के करचना सीट से विधायक रहे हैं. 

इंडिया ब्लॉक के तहत इलाहाबाद सीट कांग्रेस के खाते में जाने के बाद सिंह समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इसके बाद इलाहाबाद सीट से उन्हें पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया था.

वहीं, बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल दिवंगत केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी (57) को अप्रैल महीने में बीजेपी की ओर से इलाहाबाद सीट का उम्मीदवार घोषित किया गया था. इससे पहले त्रिपाठी उत्तर प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल थे. बता दें कि इस सीट पर 25 मई को चुनाव हुआ था. 

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