चीन (China) के साथ सीमा पर हालात से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को सरकार पर 'डीडीएलजे' नीति अपनाने का आरोप लगाया- "इनकार करो, ध्यान भटकाओ, झूठ बोलो और सही ठहराओ." कांग्रेस नेता ने कई तीखे सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार का रवैया जवाबदेही और जांच से बचने पर केंद्रित है.
उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "15 जून 2020 को गलवान में 20 बहादुर सैनिकों के शहीद होने के बाद से, हर देशभक्त भारतीय कुछ सवालों के जवाब मांग रहा है. फिर भी, जवाब देने के बजाय, मोदी सरकार पिछले पांच साल से अपनी डीडीएलजे- Deny, Distract, Lie, and Justify यानी इनकार, ध्यान भटकाना, झूठ बोलना और हर बात जस्टिफाइ करना - की नीति के साथ सच्चाई के असर को कम करने और छिपाने का विकल्प चुनती रही है."
यह बयान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके इस दावे के लिए फटकार लगाने के बाद आई है कि चीन ने 2,000 किलोमीटर से ज़्यादा भारतीय ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है. राहुल के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने तीखा हमला बोल दिया.
कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछे कई सवाल...
जयराम रमेश ने बीजेपी सरकार से आठ तीखे सवाल पूछे हैं, जिनमें प्रधानमंत्री के 2020 के उस बयान के बीच कथित विरोधाभासों को उजागर किया गया है. इन सवालों में सीमा पर जारी तनाव के बावजूद भारत की चीन पर निरंतर आर्थिक निर्भरता और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीजिंग द्वारा पाकिस्तानी सेना को कथित समर्थन की ओर भी इशारा किया गया है.
जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने 19 जून 2020 को, हमारे सैनिकों द्वारा गलवान में देश के लिए वीरतापूर्वक अपने प्राणों की आहुति देने के केवल चार दिन बाद, यह कहते हुए चीन को क्लीन चिट क्यों दी कि 'न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है?'"
उन्होंने पूछा कि क्या 21 अक्टूबर, 2024 को साइन किया गया वापसी समझौता सच में अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करता है, जैसा कि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था. कांग्रेस नेता ने आगे यह भी स्पष्ट करने की मांग की है कि क्या भारतीय गश्ती दल को अब सीमावर्ती इलाकों में गश्ती चौकियों तक पहुंचने के लिए चीन की सहमति की जरूरत है, जहां वे पहले भारत के क्षेत्रीय अधिकारों के तहत स्वतंत्र रूप से पहुंच सकते थे.

कांग्रेस लीडर जयराम रमेश ने 2020 की उन रिपोर्ट्स की ओर भी इशारा किया, जिनमें दावा किया गया था कि पूर्वी लद्दाख में करीब 1,000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन चीन के कब्जे में आ गई है, और इसके लिए जवाबदेही की मांग की. इन जमीनों में देपसांग में 900 वर्ग किलोमीटर ज़मीन भी शामिल है.
सरकार पर आगे हमला करते हुए उन्होंने सवाल उठाया, "क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार एक ऐसे देश के साथ 'नॉर्मलाइजेशन' की कोशिश कर रही है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य अभियानों में अहम भूमिका निभाई थी, जे-10सी लड़ाकू विमान और पीएल-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियां मुहैया कराई थीं? इस दौरान उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 4 जुलाई 2025 को उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा था कि भारतीय सैन्य अभियानों में 'लाइव इनपुट' दिए थे"
राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार...
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को इस दावे के लिए फटकार लगाई कि चीन ने 2,000 किलोमीटर से ज़्यादा भारतीय ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है. कोर्ट ने कहा कि एक 'सच्चा भारतीय' ऐसा बयान नहीं देगा. हालांकि, कोर्ट ने इस बयान को लेकर उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर रोक लगा दी.
उनके बयान पर दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सवाल किया, "आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2,000 किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है? अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते."
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
साल 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, राहुल गांधी ने चीन द्वारा 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कथित कब्ज़ा और भारतीय सेना के खिलाफ उसकी आक्रामकता पर भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाया था.
उन्होंने कहा था, “लोग भारत जोड़ो यात्रा, इधर-उधर, अशोक गहलोत और सचिन पायलट वगैरह के बारे में पूछेंगे, लेकिन वे चीन द्वारा 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा करने, 20 भारतीय सैनिकों को मारने और अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक भी सवाल नहीं पूछेंगे. भारतीय मीडिया उनसे इस बारे में एक सवाल भी नहीं पूछता. क्या यह सच नहीं है? देश यह सब देख रहा है. ऐसा दिखावा न करें कि लोगों को पता नहीं है."
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राहुल गांधी पर बीजेपी का 'राष्ट्र-विरोधी' कटाक्ष
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और सांसद को 'सर्टिफाइड एंटी-नेशनल' करार दिया. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, "कोर्ट की टिप्पणी राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है."
उन्होंने कहा, "जब हमारी सेना ने बहादुरी दिखाई और चीनी सेना को पीछे धकेला, तो राहुल गांधी ने कहा कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश में 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और 20 भारतीय सैनिकों को मार डाला. इससे राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है. कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में वे कितने परिपक्व हैं?"
बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता को 'सर्टिफाइड एंटी-नेशनल' करार दिया और दावा किया कि राहुल गांधी 2024 के चुनावों के लिए विदेशी सपोर्ट मांग रहे हैं.
अमित मालवीय ने कहा, "गलवान में झड़प के दौरान, जब भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा कर रहा था, राहुल गांधी ने भारतीय राजनयिकों के बजाय चीनी अधिकारियों से जानकारी लेना चुना. वह अक्सर भारतीय सेना के बारे में निराधार और मनोबल गिराने वाले बयान देते रहते हैं. ऐसे बयान, जिन्हें विरोधियों द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है."
अरुणाचल प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में दिए अपने पहले के भाषण को दोहराया, जिसमें बीजेपी नेता ने राहुल गांधी की टिप्पणी को 'झूठा नैरेटिव' बताया था और कहा था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक इंच भी जमीन नहीं ली है.