महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान पर सियासी घमासान मच गया है, जिसमें उन्होंने भगवा आतंकवाद की जगह सनातनी या हिंदू आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल करने के सुझाव दिया था तो एनसीपी (एसपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के सनातनी आतंकवाद वाले बयान ने इस विवाद को और हवा दे दी है. बीजेपी ने इन बयानों की कड़ी आलोचना की है और इसे हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश करार दिया है. साथ ही महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने निशाना साधा है.
इस विवाद को और बढ़ाते हुए एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने रविवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों के बीच समानताएं बताईं.
क्या बोले चव्हाण
दरअसल, 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट द्वारा सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए चव्हाण ने कहा, 'मैं अनुरोध करता हूं कि 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल न करें. अगर करना ही है तो 'सनातनी आतंकवादी' या 'हिंदू आतंकवादी' कहें.' हालांकि, उन्होंने ये भी जोड़ा कि आतंकवाद का कोई जाति या धर्म नहीं होता.'
आव्हाड ने किया चाव्हाड के बयान का समर्थन
चव्हाण के बयान को दोहराते हुए आव्हाड ने शनिवार को कहा कि 'सनातनी आतंकवाद को स्वीकार करना होगा.'
उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि ये कोई नई घटना नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है. आव्हाड ने ऐतिहासिक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा, 'जिन्होंने भगवान बुद्ध को परेशान किया, बौद्ध भिक्षुओं की हत्या की, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का विरोध किया और छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ साजिश रची, वे सभी सनातनी आतंकवादी थे.'
आव्हाड ने आगे आरोप लगाया, 'जिन लोगों ने सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंका, महात्मा फुले का बहिष्कार किया, गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, एम.एम. कलबुर्गी और गौरी लंकेश पर हमला किया और उत्पीड़ितों को पानी तक नहीं पीने दिया, वे सनातनी आतंकवादी थे.'
उन्होंने ये भी दावा किया कि जिन लोगों ने महात्मा गांधी को प्रार्थना के लिए जाते वक्त गोली मारी थी और जो लोग मनुस्मृति को डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखे संविधान से अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं, वे भी सनातनी आतंकवादी हैं.
क्या बोले रोहित पवार
रविवार को रोहित पवार ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए. पवार ने एक्स पर लिखा, 'चाहे महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे हो या पहलगाम हमले के अपराधी, आतंकवाद की जड़ चरमपंथी विचारधारा में निहित है. आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता, केवल कट्टरपंथी विचार ही इसका आधार है.'
पवार ने कहा कि हिंदू धर्म हमेशा समानता, मानवता और संतों की शिक्षाओं का समर्थन करता है और मनुस्मृति पर आधारित परंपरा हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा, 'हमने अतीत में मनुस्मृति जलाई, आज जलाते हैं और भविष्य में भी जलाएंगे.'
शरद पवार के भतीजे रोहित पवार ने तथाकथित हिंदुत्व नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा, "आज किसान संकट में हैं, महिलाओं की सुरक्षा और बेरोजगारी गंभीर मुद्दे हैं. तथाकथित हिंदुत्व नेता इन पर आवाज क्यों नहीं उठाते? क्या उन्हें हिंदू किसानों की आत्महत्या या नौकरी की तलाश में भटकते हिंदू युवा नहीं दिखते?."
महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने रविवार शाम को आव्हाड और पवार पर "हिंदू से नफतर" और "तुष्टिकरण की राजनीति" करने का आरोप लगाया.
उन्होंने एक्स पर लिखा, 'पवार और आव्हाड की हिंदू घृणा और तुष्टिकरण की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. वे जो उदाहरण देते हैं, उनका हिंदू समुदाय समर्थन नहीं करता. दरअसल, उन लोगों को अपराधी माना जाता था. लेकिन आव्हाड ही थे, जिन्होंने कभी इशरत जहां जैसी आतंकवादियों का महिमामंडन किया था. क्या आप बाटला हाउस को भूल गए हैं, जहां एक मुठभेड़ में आतंकवादी मारे गए थे और सोनिया गांधी कथित तौर पर रो पड़ी थीं?.'
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आतंकवाद को भगवा रंग से जोड़ने की कोशिश की जो बलिदान का प्रतीक है. 'ये हिंदुओं को आतंकवादी करार देने की कोशिश थी.'
'क्या आप पहलगाम हमले की कर सकते हैं निंदा?'
बीजेपी नेता ने आव्हाड से पूछा कि आप बार-बार सनातनी आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल कर रह हैं. क्या आप मुस्लिम आतंकवादियों का जिक्र कर सकते हैं और पहलगाम में हिंदुओं की क्रूर हत्या की निंदा कर सकते हैं?. आप सनातन धर्म को बदनाम करने में तो तत्पर रहते हैं, लेकिन मुस्लिम आतंकवादियों का नाम लेने से हिचकिचाते हैं. इशरत जहां का महिमामंडन करने वालों को सनातन धर्म के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
उपाध्ये ने रोहित पवार पर हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, 'क्या आपको हिंदुओं की याद तब आई जब दौंड (पुणे ज़िले का एक कस्बा) में उनके पूजा स्थल को अपवित्र किया गया? जब आपकी सरकार (एमवीए) ने हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए नवनीत राणा को जेल में डाल दिया, तब क्या आपको हिंदुओं की याद आई? अब आपको हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव फैलाने के लिए हिंदू किसानों और युवाओं की याद आ रही है. लोग इस पाखंड में नहीं फंसेंगे. हिंदू समुदाय आपका असली चेहरा देख रहा है.'
नितेश राणे ने आव्हाड पर साधा निशाना
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने अमरावती में मीडिया से बात करते हुए आव्हाड पर पलटवार किया और उन्होंने एनसीपी नेता पर सनातन धर्म का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है. राणे ने कहा, 'जितू उद्दीन (जितेंद्र आव्हाड) जिस विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आते हैं, वो जिहादियों का हेडक्वार्टर है. जिहादियों का अड्डा है, उनको खुश करने के लिए ही उन्हें सनातन धर्म को गाली देनी पड़ती हैं. वो जानबूझकर हमारे धर्म को बदनाम करते हैं.'
उन्होंने कहा कि क्या कभी किसी मुस्लिम नेता को इस्लाम को गाली देते सुना है? क्या किसी ईसाई ने अपने धर्म को अपमानित किया?, लेकिन कुछ लोग जो हिन्दू धर्म में जन्म लेते हैं. वही, उसे नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. फिर ये जितू उद्दीन (जितेंद्र आव्हाड) किस हक से सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हैं?.'
'ये दुखद है'
मंत्री ने शरद और सुप्रिया सुले से सवाल करते हुए कहा, 'ये दुखद है कि ऐसे लोग हमारे ही धर्म में जन्म लेकर, हमारे ही धर्म को अपशब्द कहते हैं. क्या शरद पवार और सुप्रिया सुले जितेंद्र आव्हाड के इन विचारों से सहमत हैं?'
बीजेपी ने मालेगांव बम विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों के बरी होने को कांग्रेस के लिए करारा तमाचा बताया, जिसने 'भगवा आतंकवाद' शब्द गढ़कर हिंदुओं को बदनाम करने की कोशिश की थी. इस मामले में बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोग आरोपी थे, जिन्हें विशेष NIA कोर्ट ने बरी कर दिया.