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MP: रेयर डिसऑर्डर से पीड़ित 5 साल के मासूम की मदद के लिए आगे आए CM शिवराज, ये है बीमारी

चेतन भार्गव नाम के एक शख्स ने यह मामला सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उठाया. उन्होंने बच्चे के बारे में बताया कि जन्म से उसके शरीर में मलद्वार नहीं है पेट से मल त्याग रहा है. बच्चे की स्थिति की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसका संज्ञान लेते हुए उसे भोपाल के एम्स में भर्ती करवाया.

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बच्चे को जन्म से नहीं है मलद्वार (फोटो-सोशल मीडिया)
बच्चे को जन्म से नहीं है मलद्वार (फोटो-सोशल मीडिया)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जन्म से ही बच्चे में नहीं है पॉटी (मलद्वार) का रास्ता
  • दो बार सर्जरी, लेकिन समस्या हल नहीं हुई
  • सबसे पहले ट्विटर पर मामला उठाया गया
  • CM शिवराज के दखल के बाद एम्स में भर्ती

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में रहने वाला 5 साल का एक मासूम जन्म से ही एक ऐसे डिसऑर्डर से पीड़ित है जिसकी वजह से वो सामान्य बच्चों की तरह नहीं जी पा रहा. बच्चे की दो बार सर्जरी हो चुकी है.

दरअसल, बच्चे का जन्म से ही पॉटी का रास्ता यानि एनस (Anus) नहीं है. ये बच्चा पिछले कई दिनों से भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद उसे भोपाल के एम्स (AIIMS) में लाकर भर्ती कराया गया.

राजगढ़ के रहने वाले गोपाल चौरसिया को 5 साल पहले जब बेटा हुआ तो उनके घर में खुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिकी क्योंकि बच्चे को दो-तीन दिन तक पॉटी नहीं हुई तो डॉक्टरों ने उसे चेक किया. सामने आया कि बच्चे का एनस ही नहीं है.

तब से अब तक बच्चे की दो बार सर्जरी हो चुकी है. इस बारे में बच्चे के पिता गोपाल चौरसिया ने 'आजतक' से बातचीत में बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वह बच्चे के इलाज पर ज्यादा खर्च कर सकें, इसके बावजूद बीते 5 साल में करीब ढाई लाख रुपये से ज्यादा वो खर्च चुके हैं. हर बार उन्हें उम्मीद जगती है कि बच्चा अब ठीक हो जाएगा लेकिन दो सर्जरी हो जाने के बाद भी समस्या हल नहीं हुई है.

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गोपाल ने बताया कि अपने बेटे को इस हाल में देखना वह बर्दाश्त नहीं कर सकते. बच्चे के इलाज में लगभग पूरी जमा पूंजी लग चुकी है, ऐसे में उन्हें सरकार से मदद की उम्मीद है. चौरसिया के मुताबिक वे चाहते हैं कि उनका बच्चा हर दिन की इस तकलीफ से निकले और अन्य बच्चों की तरह सामान्य जिंदगी जिए.

बच्चे की ये हालत है कि उसके पेट से आंत बाहर आ गई है, जहां से वो पॉटी करता है.

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चेतन भार्गव नाम के एक शख्स ने यह मामला सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उठाया गया. उन्होंने जब बच्चे की स्थिति की जानकारी दी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसका संज्ञान लेते हुए ट्वीट में लिखा 'चेतन जी, मेरी टीम इस मामले की सतत मॉनिटरिंग कर रही है. सर्जरी करने की एक प्रक्रिया होती है और आवश्यक तैयारियां करना होती हैं. हमीदिया अस्पताल के डीन के संज्ञान में यह केस है. बच्चे का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.' 

चेतन भार्गव ने मुख्यमंत्री के ट्वीट के जवाब में धन्यवाद लिखा और कहा कि आप ही इस बच्चे की जान बचा सकते हैं.  

बच्चे के इस डिसऑर्डर को लेकर ‘आजतक’ ने आंत रोग विशेषज्ञ डॉ अनिल जैन से बात की. डॉ जैन ने कहा, “इस विकार को एनल एट्रिसिया का एक प्रकार कह सकते हैं. यह बहुत दुर्लभ है और लाखों में से किसी एक को होता है. इसे सेंसेटिव और कॉम्पलेक्स सर्जरी के जरिए ही सही किया जा सकता है. इसमें शरीर के अंदर और बाहर एक साथ ऑपरेशन कर शरीर के निचले हिस्से में मल त्यागने के लिए रास्ता बनाया जाता है. मेडिकल चिकित्सा की तरक्की करने की वजह से अब इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है.”  

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चौरसिया परिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान के बाद सहारा मिला है. वो दिन-रात यही प्रार्थना करते हैं कि बच्चे को जल्दी ही इस कष्ट से मुक्ति मिले और वो सामान्य जीवन जी सके.

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