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सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा, फिलहाल कैलाश-राजकुमार को मिले विभाग, नए मंत्रियों की एंट्री में लगेगा वक्त!

मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. दरअसल उन्होंने सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी के विरोध में SC में याचिका दाखिल की थी. वहीं सिसोदिया के साथ सत्येंद्र जैन ने भी मंत्री पद छोड़ दिया. आम आदमी पार्टी ने दोनों की जगह पर कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को उनके विभागों की जिम्मेदारी सौंप दी है.

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मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा (फाइल फोटो)
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा (फाइल फोटो)

मनीष सिसोदिया की सीबीआई गिरफ्तारी के केस में मंगलवार को आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा. कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते हैं. उन्हें पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए.

कोर्ट का फैसला आने के बाद मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं आम आदमी पार्टी ने इस्तीफे के बाद बिना देरी दोनों मंत्रियों के विभागों की जिम्मेदारी विधायक राजकुमार आनंद और कैलाश गहलोत को सौंप दी. फिलहाल नए मंत्रियों की नियुक्त तक दोनों नेताओं के पास ये विभाग रहेंगे.

केजरीवाल ने किसे कौन से दिए विभाग

जानकारी के मुताबिक AAP ने कैलाश गहलोत को वित्त, योजना, लोक निर्माण विभाग, शक्ति, आवास, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और जल विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.

वहीं राज कुमार आनंद को शिक्षा, भूमि और भवन, विजिलेंस, सेवाएं, पर्यटन, कला संस्कृति और भाषा, श्रम, रोजगार, स्वास्थ्य और इंडस्ट्रीज विभाग सौंपा गया है.

AAP विधायक कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद (बाएं से)
AAP विधायक कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद (बाएं से)

इस्तीफे, नियुक्ति की प्रक्रिया आसान नहीं 

भले ही सिसोदिया और जैन ने इस्तीफा दे दिया हो लेकिन नए चेहरों की मंत्रिमंडल में एंट्री दिलाने के लिए फिलहाल समय लग सकता है. दरअसल दोनों के इस्तीफे सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया है. अब ये इस्तीफे दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को भेजे जाएंगे, जिसे LG और गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति की फाइल LG से CM तक वापस आएगी और तब जाकर इस्तीफा स्वीकार करने का अधिकारिक एलान होगा.

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हालांकि इस्तीफा स्वीकार करने की प्रक्रिया जितनी लंबी है, उतनी ही लंबी प्रक्रिया नियुक्ति की होती. जब दिल्ली कैबिनेट में दो मंत्रियों की पोस्ट खाली हो जाएगी तब इन पोस्ट को भरने के लिए एलजी दफ्तर से एक नोटिफिकेशन निकाला जाएगा फिर दिल्ली सीएम मंत्री पदों के लिए नए नाम एलजी को भेजेंगे. इसके बाद वे नए मंत्रियों के नियुक्ति की फाइल गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजेंगे. वहां से अनुमति मिलने के बाद नए मंत्रियों की नियुक्ति होगी.

जानकारी के मुताबिक मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे की प्रक्रिया और दो नए मंत्रियों के नियुक्ति की प्रक्रिया में संभावित 20 से 30 दिन का समय लग सकता है. 

नए मंत्रियों के लिए इनकी हो रही चर्चा

अब सवाल यह है कि दो नए चेहरे कौन होंगे जिन्हें मंत्री पद मिल सकता है. हालांकि नए चेहरों को लेकर अभी चर्चा और अंतिम फैसला होने में बेहद समय है, लेकिन दिल्ली में सरकार का पुरजोर तरीके से पक्ष रखने वालों में विधायक सौरभ भारद्वाज, आतिषी, दिलीप पाण्डेय, दुर्गेश पाठक, और कुलदीप कुमार जैसे नाम प्रमुख हैं.

पहले ही हो गई थी इस्तीफे की प्लानिंग

जानकारी के मुताबिक मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद ही यह तय हो गया था कि उनके साथ-साथ सत्येंद्र जैन भी इस्तीफा दे देंगे. पार्टी के आपसी राय विमर्श और कानूनी सलाह लेने के बाद यह तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती दी जाएगी. अगर कोर्ट से राहत मिलती तो दोनों ही मंत्रियों का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाता. AAP दोनों ही परिस्थितियों और परिणाम के लिए तैयार थी.

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SC के फैसले पर AAP कर रही मंथन

ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेताओं में फिलहाल मायूसी है लेकिन बैकफुट की बजाय वह इस मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रहेंगे. AAP ने तय किया कि वह इस मुद्दे पर अपना आंदोलन जारी रखेंगे. सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद अगले कानूनी कदम पर आम आदमी पार्टी विचार कर रही है.

अगले 4 दिनों तकAAP वेट एंड वॉच की स्थिति में है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी में यह भी चर्चा हुई है कि पहले निचली अदालत में अगली पेशी के दौरान जमानत याचिका लगाई जाए और उस पर अदालत के फैसले के बाद ही अगली अदालतों का रुख किया जाए.

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