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पुडुचेरी में लगा राष्ट्रपति शासन, बहुमत साबित नहीं करने पर गिर गई थी कांग्रेस की सरकार

पिछले दिनों कांग्रेस के पांच और डीएमके के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी. उपराज्यपाल ने तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था.

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पुडुचेरी में लगा राष्ट्रपति शासन
पुडुचेरी में लगा राष्ट्रपति शासन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुडुचेरी में लगाया गया राष्ट्रपति शासन
  • अल्पमत में होने की वजह से गिर गई थी सरकार

पुडुचेरी में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक संकट के बीच गुरुवार को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. पिछले दिनों पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल को सौंप दिया था. कांग्रेस की विदाई के बाद विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. इस वजह से उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी.

पिछले दिनों कांग्रेस के पांच और डीएमके के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी. उपराज्यपाल ने तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था.

इस्तीफे के कारण विधानसभा में विधायकों की संख्या 26 है, जिसमें से कांग्रेस सरकार के पास सिर्फ 11 विधायक (स्पीकर को लेकर 12) हैं. जबकि, विपक्ष के पास 14 विधायक हैं. इसमें एआईएनआरसी के 7 विधायक और एआईडीएमके के 3 विधायक शामिल हैं. इसके अलावा तीन विधायक बीजेपी के मनोनित हैं. 

नारायणसामी ने मांग की थी कि निर्वाचित विधायकों में ही फ्लोर टेस्ट हो, यानी 23 विधायकों में, लेकिन स्पीकर ने इस मांग को खारिज कर दिया था. बहुमत गंवाने के बाद सीएम वी. नारायणसामी, उपराज्यपाल के पास पहुंचे और उन्हें अपना, अपने पूरे मंत्रिमंडल और कांग्रेस-डीएमके के साथ निर्दलीय विधायक का इस्तीफा सौंप दिया. 

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उपराज्यपाल ने उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया था.

 

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