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L-70 एयर डिफेंस गन जिससे राजनाथ सिंह ने की शस्त्र पूजा, उसका ऑपरेशन सिंदूर में क्या रोल था?

विजयादशमी पर राजनाथ सिंह ने भुज में एल-70 एयर डिफेंस गन की शस्त्र पूजा की. यह अपग्रेडेड 40 एमएम गन ऑपरेशन सिंदूर में पाक ड्रोनों का सफाया करने में अहम रही. प्रति मिनट 300 गोलियां चलाकर 3.5 किमी दूर के ड्रोनों को गिराया.

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ये है L-70 एयर डिफेंस गन जिसकी पूजा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की. (Photo: ITG)
ये है L-70 एयर डिफेंस गन जिसकी पूजा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की. (Photo: ITG)

विजयादशमी के पावन पर्व पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज सैन्य स्टेशन में शस्त्र पूजा की. इस दौरान उन्होंने L-70 एयर डिफेंस गन की विशेष पूजा की, जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की घुसपैठ को नाकाम करने में अहम भूमिका निभा चुकी है. यह गन भारतीय सेना की पुरानी लेकिन अपग्रेडेड हथियार है, जिसने दुश्मन के ड्रोनों को आसमान से गिराकर सबको हैरान कर दिया. 

एल-70 गन क्या है? एक पुरानी योद्धा की नई ताकत

एल-70 एक 40 एमएम की एंटी-एयरक्राफ्ट गन है, जो मूल रूप से स्वीडन की बोफोर्स कंपनी ने बनाई थी. भारत ने इसे 1960 के दशक में खरीदा और अब यह पूरी तरह भारतीय तकनीक से अपग्रेड हो चुकी है. यह गन प्रति मिनट 240 से 330 गोलियां चला सकती है. 3.5 से 4 किलोमीटर दूर तक के निशाने साध सकती है. 

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इसमें रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और ऑटो-ट्रैकिंग सिस्टम लगे हैं, जो ड्रोनों और हवाई खतरों को जल्दी पकड़ लेते हैं. भारतीय कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने इसे आधुनिक बनाया, ताकि यह ड्रोन युद्ध में सबसे आगे रहे.

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान की साजिश नाकाम

ऑपरेशन सिंदूर मई 2025 में शुरू हुआ था. इसमें पाकिस्तान ने लेह से सिर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली में सेंध लगाने की कोशिश की. पाकिस्तानी वायुसेना ने ड्रोन स्वार्म (समूह में ड्रोन) से हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने इसे रिकॉर्ड समय में नाकाम कर दिया. 

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इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा की कमजोरियां उजागर कर दीं. दुनिया को दिखा दिया कि भारत कहीं भी, कभी भी जोरदार जवाब दे सकता है. सेना, नौसेना और वायुसेना का संयोजन इतना मजबूत था कि दुश्मन का हर प्लान फेल हो गया.

L-70 Anti-Aircraft Gun Operation Sindoor

L-70 की खासियत

  • रेंज: 4 किलोमीटर
  • लक्ष्य: ड्रोन, हेलीकॉप्टर, और निम्न-उड़ान वाले विमान
  • गति: 300 राउंड प्रति मिनट
  • मार्गदर्शन प्रणाली: रडार-आधारित फायर कंट्रोल सिस्टम
  • तैनाती: स्थिर और मोबाइल दोनों
  • योगदान: L-70 ने पाकिस्तानी ड्रोनों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से पंजाब और जम्मू-कश्मीर क्षेत्रों में. इसकी सटीकता और तेजी से फायरिंग ने इसे प्रभावी बनाया.

एल-70 की भूमिका: ड्रोनों का सफाया

ऑपरेशन सिंदूर में एल-70 गन ने मुख्य भूमिका निभाई. पाकिस्तान ने ड्रोन से हमला किया, लेकिन एल-70 ने ज्यादातर ड्रोनों को मार गिराया. यह गन ड्रोन स्वार्म अटैक को रोकने में बेहद कारगर साबित हुई. प्रति मिनट 300 गोलियां चलाकर इसने 3,500 मीटर दूर के ड्रोनों को निशाना बनाया. 

जम्मू में पाकिस्तानी ड्रोन अटैक को भी इसी गन ने नाकाम किया. एल-70 के साथ Zu-23, शिल्का और एस-400 जैसी अन्य हथियारों ने भी मदद की, लेकिन एल-70 ने ड्रोन युद्ध में नई मिसाल कायम की. इसकी वजह से भारत ने बिना ज्यादा नुकसान के जीत हासिल की.

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