राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) एक राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता (BJP Leader) हैं. वर्तमान में वह भारत के रक्षा मंत्री हैं. वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही, भारत के गृह मंत्री (2014-2019) के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. राजनाथ सिंह दो बार (2005 से 2009 और 2013 से 2014 तक) भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्हें पीएम मोदी के तीसरे (2024) कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
इनका जन्म 10 जुलाई, 1951 को (Date of birth) उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के चकिया अनुमंडल में राम बदन सिंह और गुजराती देवी के घर हुआ था. राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. वे 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) (RSS) से जुड़ गए.
राजनाथ सिंह की शादी (Rajnath Singh’s Marriage) 5 जून, 1971 को सावित्री सिंह (Savitri Singh) से हुई और उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. उनके बेटे पंकज सिंह (Pankaj Singh) नोएडा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक (Noida MLA) हैं.
राजनाथ सिहं ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1975 में मिर्जापुर से यूपी के भारतीय जनसंघ (Bhartiya Jansangh) के जिला अध्यक्ष के रूप में की थी. वह 1991 में उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री (Education Minister) के रूप में नियुक्त किए गए. साल 1994 में वे राज्यसभा सांसद (Member of Rajya Sabha) के रूप में चुने गए, जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (UP BJP President) बना दिया गया. उन्होंने वाजपेयी सरकार के दौरान 2003 में केंद्रीय कृषि मंत्री (Agriculture Minister) का पद भी संभाला और 2004 में उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (BJP General Secretary) के रूप में नियुक्त किया गया.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @rajnathsingh है और फेसबुक पेज का नाम Rajnath Singh है. वह rajnathsinghbjp यूजरनेम के से इंस्टाग्राम पर भी एक्टिव हैं.
ERASR का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता और स्वदेशी तकनीक में एक नया मील का पत्थर है. INS कवरत्ती से किए गए 17 सफल परीक्षणों ने इस रॉकेट की सटीकता, विश्वसनीयता और मारक क्षमता को साबित किया है. यह हथियार न केवल भारतीय नौसेना को और शक्तिशाली बनाएगा बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा.
operation सिंदूर के करीब दो महीने बाद डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने शुक्रवार को 1.05 लाख करोड़ के मिलिट्री हार्डवेयर खरीदने के 10 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी.
बिहार चुनाव से पहले राजनाथ सिंह ने नीतीश कुमार को एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा बताया है, लेकिन अमित शाह के संसदीय बोर्ड वाले बयान के बाद संशय के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं - आखिर बिहार में महाराष्ट्र फॉर्मूले की आशंका खत्म क्यों नहीं हो रही है?
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से तैयारी में जुटे हैं. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने आज पटना के ज्ञान भवन में प्रदेश कार्यसमिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है.
चुनावी राज्य बिहार में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक पटना में हो रही है. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. विधानसभा चुनावों की दृष्टि से यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है. बैठक में केंद्रीय मंत्री, बिहार सरकार के बीजेपी मंत्री, प्रदेश के सांसद और विधायक शामिल हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पटना पहुंच गए हैं. पटना में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें कई प्रमुख नेता शामिल होंगे. राजनाथ सिंह का स्वागत करने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद वहां मौजूद थे. यह बैठक आज होने वाली है और इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की संभावना है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से फोन पर बात की. इस बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री ने पाकिस्तानी आतंकवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी समर्थन की सराहना की. रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद का पाकिस्तान का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड दुनिया जानती है. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान सुरक्षित पनाहगाह बन गया है.
दोनों पक्षों ने सैन्य आदान-प्रदान, रक्षा उद्योग साझेदारी और लॉजिस्टिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में रक्षा सहयोग को गहरा करने की अपनी इच्छा जाहिर की. दोनों नेताओं ने ट्रेनिंग और सैन्य आदान-प्रदान सहित रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग से लेकर इंडस्ट्री के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने तक के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय बातचीत की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान रक्षा मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के दोबारा शुरू होने पर खुशी जताई, जो लगभग 6 साल बाद फिर से शुरू हुई है.
जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि SCO की स्थापना का उद्देश्य ही आतंकवाद से लड़ना था. जब राजनाथ सिंह SCO की रक्षा मंत्रियों की बैठक में गए और अंतिम दस्तावेज़ पर चर्चा हुई, तो एक देश- आप अनुमान लगा सकते हैं कौन सा देश था, उस देश ने कहा कि 'नहीं नहीं, हम इसका जिक्र नहीं चाहते'.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के उस फैसले का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के संयुक्त बयान पर साइन करने से इनकार कर दिया था.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन में आतंकवाद पर भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और भारत उन्हें निशाना बनाने से नहीं हिचकेगा. चीन ने संयुक्त राष्ट्र में कई बार मसूद अजहर जैसे आतंकियों को बचाने के लिए वीटो का इस्तेमाल किया है, और पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकवाद के मुद्दे को कमजोर करने का प्रयास किया, जिसे भारत ने अस्वीकार कर दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात में कहा कि भारत चीन के संबंधों में पाकिस्तान का दखल नहीं होना चाहिए. उन्होंने भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने के लिए चार सूत्री फॉर्मूला भी सुझाया, जिसमें डिसएंगेजमेंट, तनाव कम करना, सीमा निर्धारण और विशेष प्रतिनिधि व्यवस्था का उपयोग शामिल है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव की किंगदाओ में हुई बैठक S-400 प्रणाली की आपूर्ति, Su-30 MKI के अपग्रेड और अन्य सैन्य उपकरणों की त्वरित खरीद की बात हुई. रूस 2026-2027 में S-400 के दो यूनिट और देगा. इससे भारत अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत करेगा.
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में SCO समिट के दौरान रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की मीटिंग में S -400 की बाकी यूनिट्स की डिलीवरी पर भी चर्चा हुई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन में अपने चीनी समकक्ष से द्विपक्षीय बैठक की, जो गलवान के बाद चीन की जमीन पर भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की पहली मुलाकात थी. राजनाथ सिंह ने शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक में आतंकवाद का जिक्र न होने पर घोषणापत्र पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया.
एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने चार सूत्री फॉर्मूला पेश किया जिससे दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आए और भविष्य में गलवान जैसी स्थिति पैदा न हो.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री के बीच मुलाकात हुई है. इस बैठक में राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने साफ किया है कि आतंकवाद के खिलाफ़ भारत का अब एक ही सिद्धांत है. रक्षा मंत्री ने सीमा विवाद के मुद्दों पर भी चीन के रक्षा मंत्री से चर्चा की है. यह गलवान की घटना के बाद पहला मौका था जब भारत के रक्षा मंत्री चीन की जमीन पर थे.
चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून के साथ मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "चीन के चिंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून के साथ बातचीत हुई. हमने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया."
राजनाथ सिंह ने एससीओ के साझा बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए। भारत ने आतंकवाद पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि "कुछ देश क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को नीति के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं।"
मीटिंग हॉल में भारत और पाकिस्तान के रक्षा मंत्रियों ने अलग-अलग एंट्री ली और सदस्य देशों के ग्रुप फोटो सेशन में शामिल दिए. लेकिन राजनाथ सिंह और ख्वाजा आसिफ के बीच किसी तरह बातचीत की नहीं हुई. यहां तक कि दोनों मंत्रियों ने एक-दूसरे से कोई औपचारिक अभिवादन भी नहीं किया.