आजकल रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है, खासकर यूक्रेन युद्ध और पनडुब्बी तैनाती के बाद. दोनों देशों के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का जखीरा है, जो किसी भी वक्त तबाही मचा सकता है. आइए, समझते हैं कि इनके हथियार क्या हैं? उनकी ताकत क्या है? अगर परमाणु युद्ध हुआ तो कौन जीतेगा?
रूस और अमेरिका के पास कितने हथियार हैं?
दोनों देशों के पास दुनिया के ज्यादातर परमाणु हथियार हैं. हाल के अनुमानों के मुताबिक...
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दोनों देशों के पास हथियारों की संख्या लगभग बराबर है, लेकिन इस्तेमाल के लिए तैयार हथियारों में मामूली अंतर है. रूस के पास थोड़ा ज्यादा जखीरा है, लेकिन अमेरिका ने अपने हथियारों को मॉडर्न करने पर ज्यादा ध्यान दिया है.
मिसाइलों की ताकत: कौन आगे?
मिसाइलें किसी भी परमाणु युद्ध की रीढ़ होती हैं. आइए, देखते हैं दोनों के पास क्या है...
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रूस की मिसाइलें

अमेरिका की मिसाइलें

दोनों देशों की मिसाइलें एक-दूसरे के देशों तक आसानी से पहुंच सकती हैं, लेकिन अमेरिका की नई मिसाइलें और सटीकता रूस से बेहतर मानी जाती हैं.
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बम: कौन सा सबसे खतरनाक?
परमाणु बमों की ताकत को मेगाटन (मिलियन टन TNT) में मापा जाता है. देखते हैं दोनों के पास क्या है...

परमाणु युद्ध में कौन जीतेगा?
अब सवाल यह है कि अगर ये दोनों देश परमाणु युद्ध लड़ें, तो कौन जीतेगा? इसका जवाब आसान नहीं है, क्योंकि...
तबाही दोनों तरफ होगी: दोनों देशों के पास इतने हथियार हैं कि एक-दूसरे को पूरी तरह नष्ट कर सकते हैं. अगर सारे हथियार इस्तेमाल हुए, तो लाखों लोग मरेंगे. धरती का माहौल सालों तक खराब रहेगा (न्यूक्लियर विन्टर).
रूस का फायदा: रूस के पास थोड़ा ज्यादा हथियारों का जखीरा है. उसकी मिसाइलें तेजी से हमला कर सकती हैं. अगर वह पहले हमला करे, तो शुरुआत में बढ़त ले सकता है.
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अमेरिका का फायदा: अमेरिका की तकनीक, सैटेलाइट और डिफेंस सिस्टम (जैसे एयर डिफेंस) रूस से बेहतर हैं. उसकी नई मिसाइलें और पनडुब्बियां रूस के लिए खतरा बन सकती हैं. साथ ही, नाटो देशों का समर्थन भी अमेरिका को मजबूत करता है.
ज्यादातर विशेषज्ञ मानते हैं कि परमाणु युद्ध में कोई जीत नहीं होगी. दोनों देशों को इतना नुकसान होगा कि जीतने वाला भी हार मान लेगा.
और क्या-क्या मायने रखता है?
भारत के लिए क्या मायने?
भारत रूस से तेल और हथियार खरीदता है. अमेरिका से तकनीक. अगर ये युद्ध हुआ, तो भारत की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर असर पड़ेगा. हमें निष्पक्ष रहकर शांति की कोशिश करनी होगी.