10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, जब पाकिस्तान ने श्रीनगर से नलिया तक 26 स्थानों पर ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू जेट्स से हमले किए. इन हमलों में फतेह-1 मिसाइल, JF-17, F-16 और DJI सैन्य ड्रोन का उपयोग किया गया. भारतीय आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हवाई खतरों को हवा में ही नष्ट कर पाकिस्तानी हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया.
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
आकाश भारत की स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. इसे भारतीय सेना और वायुसेना में 2014 से तैनात किया गया है. इसका उन्नत संस्करण आकाश-NG (नेक्स्ट जेनरेशन) 2021 में शामिल हुआ. यह प्रणाली कम और मध्यम ऊंचाई पर हवाई खतरों, जैसे फाइटर जेट्स, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है.
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विशेषताएं
आकाश मिसाइल से पिछले साल ही चार टारगेट को ध्वस्त किया गया था. इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया था, जो एक ही मिसाइल यूनिट से चार एरियल टारगेट बर्बाद कर सकता है. आकाश मिसाइल सिस्टम की सिंगल यूनिट में चार मिसाइलें होती हैं. जो अलग-अलग टारगेट्स को ध्वस्त कर सकती हैं.
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पाकिस्तानी हमलों को नाकाम करना
पाकिस्तान द्वारा 7-10 मई 2025 को किए गए हवाई हमले ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में थे, जिसमें भारत ने 7 मई को PoK और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी.
7-8 मई: 15 शहरों (श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, चंडीगढ़, आदि) पर ड्रोन और मिसाइल हमले.
9 मई: तड़के 1:40 बजे, पंजाब के वायुसेना अड्डे पर फतेह-1 मिसाइल से हमला.
10 मई: श्रीनगर से नलिया तक 26 स्थानों (बारामूला, अवंतीपुरा, जम्मू, फिरोजपुर, जैसलमेर, भुज, आदि) पर JF-17, F-16, J-10, PL-15 AAM, AMRAAM, और DJI सैन्य ड्रोन से हमले.
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आकाश की भूमिका
फतेह-1 का विनाश: 9 मई को पंजाब में दागी गई फतेह-1 मिसाइल को आकाश-NG ने हवा में ही नष्ट कर दिया. मिसाइल जैसे ही आकाश की रेंज (70 किमी) में आई, उसे ट्रैक और इंटरसेप्ट कर लिया गया.
JF-17 और F-16: 10 मई को जम्मू और पठानकोट में तैनात आकाश प्रणालियों ने एक JF-17 जेट को नष्ट किया. एक F-16 भी क्षतिग्रस्त हुआ.
ड्रोन स्वार्म्स: आकाश ने DJI सैन्य ड्रोन और अन्य ड्रोन स्वार्म्स को निष्प्रभावी किया, जो श्रीनगर, बारामूला और भुज में हमले की कोशिश कर रहे थे. इसके लिए आकाश की ECCM क्षमता और रडार सटीकता महत्वपूर्ण थी.
मिसाइल हमले: PL-15 और AMRAAM मिसाइलों को आकाश ने पंजाब और राजस्थान में नष्ट किया.
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इस मिसाइल में कई चीजों को अपग्रेड किया गया
आकाश मिसाइल के ग्राउंड सिस्टम को अपग्रेड किया गया है. इसके अलावा राडार, EOTS और टेलीमेट्री स्टेशन, मिसाइल ट्रैजेक्टरी और फ्लाइट पैरामीटर्स को सुधारा गया है. इससे ज्यादा जानकारी अभी तक सेना, सरकार या डीआरडीओ की तरफ से दी नहीं गई है.
आकाश मिसाइल के तीन वैरिएंट्स मौजूद
देश में इसके 3 वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके-2 - रेंज 40KM है. तीसरा आकाश-एनजी - रेंज 80KM है. आकाश-एनजी 20 km की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को नष्ट कर सकती है.
गति ही इसकी सबसे बड़ी ताकत
इसकी गति 2.5 मैक यानी 3087 km/hr है. आकाश-एनजी यानी आकाश न्यू जेनरेशन मिसाइल जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 40 से 80 km है. साथ ही इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार लगा है जो एकसाथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है.
आकाश-एनजी मिसाइल को मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च कर सकते हैं. आकाश-एनजी का कुल वजन 720 kg है. इसकी लंबाई 19 फीट और व्यास 1.16 फीट है. ये अपने साथ 60 kg वजन का हथियार ले जा सकता है.
आकाश-एनजी मिसाइल के पुराने संस्करण को पिछले साल चीन के साथ हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख स्थित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भी तैनात किया गया था. इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है.