8 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया. यह घटना ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद हुई, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था.
भारतीय रक्षा प्रणालियों जैसे एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (UAS) ग्रिड, S-400 सुदर्शन, बराक-8, आकाश और DRDO की एंटी-ड्रोन तकनीकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दूसरी ओर, पाकिस्तान ने JF-17, J-10, F-16 जेट्स, PL-15 AAM, AMRAAM, HATF, HQ-9 और DJI सैन्य ड्रोन का उपयोग किया.
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भारतीय वायु रक्षा प्रणालियां
1. एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (UAS) ग्रिड
एकीकृत काउंटर-UAS ग्रिड एक उन्नत रक्षा नेटवर्क है, जो अनधिकृत ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने और निष्प्रभावी करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह 1,800 किमी हवाई क्षेत्र में सक्रिय है.
विशेषताएं
2. S-400 (सुदर्शन चक्र)
रूस द्वारा निर्मित S-400 , जिसे भारत में “सुदर्शन चक्र” कहा जाता है, विश्व की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणालियों में से एक है. भारत ने 2018 में 5.43 बिलियन डॉलर के सौदे में पांच स्क्वाड्रन खरीदे.
विशेषताएं
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3. बराक-8 (MRSAM)
भारत और इज़राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित बराक-8 मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है, जो सेना, नौसेना, और वायुसेना में तैनात है.
विशेषताएं
4. आकाश सतह-से-हवा मिसाइल
DRDO द्वारा विकसित आकाश एक स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है, जो भारत की निचले स्तर की रक्षा का आधार है.
विशेषताएं
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5. DRDO की एंटी-ड्रोन तकनीकें
DRDO ने ड्रोन खतरों से निपटने के लिए कई उन्नत तकनीकों को विकसित किया है, जिनमें D4 काउंटर-ड्रोन सिस्टम और मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम (MPCDS) शामिल हैं.
D4 सिस्टम
MPCDS (मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम)
6. SCALP और HAMMER मिसाइलें
SCALP (स्टॉर्म शैडो): 250 किमी से अधिक रेंज वाली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल, जो आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में उपयोगी.
HAMMER: 70 किमी रेंज वाली स्टैंडऑफ स्मार्ट बम, जो बंकरों और इमारतों को निशाना बनाती है.
योगदान: ऑपरेशन सिंदूर में इनका उपयोग लश्कर और जैश के प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करने के लिए किया गया.
पाकिस्तानी सैन्य हथियार जिनका उन्होंने इस्तेमाल किया
1. लड़ाकू जेट्स: JF-17, J-10, F-16
पाकिस्तान ने अपने हमलों में JF-17 थंडर, J-10C, और F-16 फाइटिंग फाल्कन जेट्स का उपयोग किया.
JF-17 थंडर: चीन-पाकिस्तान द्वारा विकसित, मल्टीरोल, 1.6 मैक गति, KLJ-7A AESA रडार.
हथियार: PL-15 AAM, AMRAAM, 23 मिमी ऑटोकैनन.
कमज़ोरी: सीमित रेंज और पेलोड, S-400 और बराक-8 के सामने कम प्रभावी.
J-10C : चीनी मल्टीरोल जेट, 2 मैक गति, PL-15 और PL-10 AAM.
कमज़ोरी: भारतीय रडार और मिसाइलों के खिलाफ कम अनुभव.
F-16 : अमेरिकी मल्टीरोल जेट, 2 मैक गति, AIM-120C AMRAAM.
2. मिसाइलें: PL-15 AAM, AMRAAM, HATF
PL-15 AAM: चीनी लंबी दूरी की हवा-से-हवा मिसाइल, 145 किमी रेंज, JF-17 और J-10C पर तैनात.
AMRAAM (AIM-120C): अमेरिकी हवा-से-हवा मिसाइल, 105 किमी रेंज, F-16 पर तैनात.
HATF: हवा-से-ज़मीन मिसाइल, विभिन्न रेंज और पेलोड के साथ.
3. ज़मीन-से-हवा मिसाइल: HQ-9
विशेषताएं: चीनी लंबी दूरी की SAM, 100-200 किमी रेंज, मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग.
4. ड्रोन: DJI सैन्य संस्करण
विशेषताएं: चीनी DJI ड्रोन का सैन्य संस्करण, निगरानी और हल्के हमलों के लिए.
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सामरिक महत्व
भारतीय श्रेष्ठता: S-400 और बराक-8 की लंबी रेंज और मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग ने पाकिस्तानी जेट्स और मिसाइलों को बेकार कर दिया. आकाश और D4 सिस्टम ने निम्न-ऊंचाई वाले ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट कर बहुस्तरीय रक्षा को मजबूत किया. SCALP और HAMMER ने आतंकी ठिकानों को सटीकता से नष्ट किया, जिससे पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता कमजोर हुई.
पाकिस्तानी कमज़ोरियां: JF-17 और F-16 की सीमित रेंज और पुरानी तकनीक भारतीय S-400 और बराक-8 के सामने अप्रभावी थी. HQ-9 भारतीय ड्रोन और मिसाइलों को रोकने में विफल रही, और लाहौर में नष्ट हो गई.DJI ड्रोन भारतीय काउंटर-ड्रोन तकनीकों के सामने असहाय थे.
क्षेत्रीय प्रभाव: भारत की रक्षा प्रणालियों ने दक्षिण एशिया में उसकी सैन्य श्रेष्ठता को रेखांकित किया, जबकि पाकिस्तान की चीनी तकनीक की विश्वसनीयता पर सवाल उठे. इस घटना ने पाकिस्तानी सेना के मनोबल को कमजोर किया और भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूत किया.