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Doctor Rape Murder Case: कोलकाता के नए CP का पहला एक्शन, SHO अभिजीत मंडल सस्पेंड

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में गिरफ्तार ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया है. कोलकाता के नए सीपी मनोज वर्मा की न्यूक्ति के बाद ये पहला बड़ा एक्शन हुआ है.

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ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया.
ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया.

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में गिरफ्तार ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया है. कोलकाता के नए सीपी मनोज वर्मा की न्यूक्ति के बाद ये पहला बड़ा एक्शन हुआ है. अभिजीत मंडल इस वक्त सीबीआई की गिरफ्त में हैं. उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के सेवा नियमों के अनुसार अभिजीत मंडल को निलंबित किया गया है. इसके तहत कोई सरकारी किसी कानून के तहत 48 घंटे से अधिक की अवधि के लिए हिरासत में है, तो उसे उसकी सेवाओं से निलंबित कर दिया जाता है. अभिजीत मंडल को 14 सितंबर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. 

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल की सीबीआई हिरासत मंगलवार को तीन दिन के लिए बढ़ा दी गई. सीबीआई ने अदालत को बताया कि दोनों पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि उसे लेडी डॉक्टर के साथ गैंगरेप का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है.

सीबीआई के वकील ने कहा था कि उनके अधिकारियों को अभी तक डॉक्टर के बलात्कार या हत्या में संदीप घोष और अभिजीत मंडल की कोई प्रत्यक्ष संलिप्तता साबित करने वाला कोई सबूत नहीं मिला. दोनों ने डॉक्टर का शव बरामद होने वाले दिन कई बार एक-दूसरे से बात की थी. दोनों के कॉल डिटेल से सीबीआई को पता चला कि उन्होंने कुछ खास नंबरों पर कई कॉल किए थे.

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इसके बाद अदालत ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल की सीबीआई रिमांड अवधि 20 सितंबर तक कर दी गई. सीबीआई ने कहा था कि ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ करने, केस दर्ज करने में देरी करने और अन्य आरोपों के लिए गिरफ्तार किया गया. सीबीआई द्वारा पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने के बाद उनको हिरासत में लिया गया. 

कोर्ट में अभिजीत मंडल के वकील ने कहा था, ''मेरे मुवक्किल के खिलाफ धाराएं जमानती हैं. उन पर घटनास्थल पर देर से एफआईआर दर्ज करने जैसे आरोप हैं. उनके खिलाफ विभागीय जांच हो सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. जब भी सीबीआई ने उन्हें नोटिस देकर बुलाया, उन्होंने पूरा सहयोग किया. अस्पताल में भर्ती होने बावजूद दोबारा पेश हुए.''

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