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बस हाईजैक कर यात्रियों को बनाया बंधक, पुलिस ने अपहरणकर्ता को किया गिरफ्तार

ब्राज़ील की राजधानी रियो डी जनेरियो में अपहरणकर्ता ने एक बस को सरेआम हाईजैक कर 17 यात्रियों को बंधक बना लिया. इस घटना से आसपास में अफरा-तफरी मच गई. लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और बंधकों को रिहा करा लिया.

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ब्राज़ील की राजधानी रियो डी जनेरियो में बस हाईजैक की सनसनीखेज घटना...
ब्राज़ील की राजधानी रियो डी जनेरियो में बस हाईजैक की सनसनीखेज घटना...

ब्राजील की राजधानी रियो डी जनेरियो में एक बस के हाईजैक करने का मामला सामने आया है. एक अपहरणकर्ता ने रियो के मुख्य बस स्टेशन पर सरेआम एक बस को हाईजैक कर लिया. बस में सवार सभी 17 लोगों को बंधक बना लिया. कुछ घंटे तक सभी बंघकों को दहशत में गुज़ारना पड़ा.

राहत की बात ये है कि ब्राजील की पुलिस ने आरोपी अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया. वो अब जेल की सलाखों के पीछे है. बस से सभी बंधकों को रिहा करा लिया गया है. सभी आज़ाद हैं और राहत की सांस ले रहे हैं. अपहरणकर्ता द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में बुज़ुर्ग और बच्चे भी शामिल थे.

बस को हाईजैक करने वाला आरोपी कौन है. इसका क्या मकसद था? पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया है. 

वारदात मंगलावर की दोपहर की है. बस में सवार सभी लोग मिनस गेरैस राज्य के जुइज़ डे फोरा शहर के लिए रवाना होने वाले थे. तभी आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया. पहले अपहरणकर्ता ने बस स्टेशन पर खड़ी बस के बाहर दो लोगों को गोली मार कर घायल कर दिया.

इसके बाद बस के अंदर घुसकर सभी यात्रियो को बंधक बना लिया. हालांकि रियो के मुख्य बस स्टेशन पर इस तरह की घटना कोई नई नहीं है. इन दिनों में ऐसी वारदातों में यहां और इज़ाफा हुआ है. आए दिन यहां बस को निशाना बनाकर चोरी और अपहरण की घटना आम हो गई है.

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बताते चलें कि साल 2019 में भी बस को हाईजैक करने की एक बड़ी घटना हुई थी. ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में एक शख्स ने बस को बंदूक की नोक पर कब्जे में कर लिया था. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने बंधकों की रिहाई की बातचीत की, जिसके बाद छह लोगों को अपहरणकर्ता ने रिहा किया था.

इसके बाद सेना के जवानों और कंमाडो ने बस को चारों ओर से घर लिया. अपहरणकर्ता बार बार बस में आग लगाने की धमकी दे रहा था. लेकिन समय रहते जवानों ने उसे गोली मार दी. इसके बाद उसके चंगुल से सभी बंधकों को मुक्त करा लिया गया. इससे पहले साल 2000 में भी ऐसी ही घटना हुई थी.

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