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मोबाइल ऐप के जरिए इंस्टैंट लोन, 2000 लोगों से जबरन वसूली, 300 करोड़ से अधिक लूटे, दिल्ली में पकड़ाया गैंग

दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन यूनिट ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को लोन देता था और फिर बढ़ी हुई ब्याज दरों पर जबरन वसूली करता था.

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इंस्टैंट लोन के नाम पर दो हजार लोगों से ठगी (सांकेतिक फोटो)
इंस्टैंट लोन के नाम पर दो हजार लोगों से ठगी (सांकेतिक फोटो)

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है, जो फर्जी कंपनियां बनाकर इंस्टैंट लोन देता था और उसके बाद लोगों से जबरन वसूली करता था. दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (IFSO) ने लोन देने के बहाने करीब दो हजार लोगों से ठगी करने का खुलासा किया है.

पुलिस ने कहा कि इसके छह सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से गिरोह का संचालन कर रहे थे. आरोपियों ने फर्जी कंपनियां दर्ज कराकर बैंक खाते खुलवाए थे. उन्होंने कहा कहा कि पता चला है कि इन खातों में करीब 350 करोड़ रुपये की राशि सर्कुलेट की गई थी.  

आरोपियों की पहचान गुजरात के रहने वाले मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला (32), अनीसभाई अशरफभाई विंची (51), पश्चिम बंगाल के रहने वाले गोकुल विश्वास (53), दिल्ली के रहने वाले अशोक (36), बलवंत (39) और नितिन (24) के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने देशभर में 1,977 लोगों से ठगी की है. 

'कैश एडवांस' नाम का है मोबाइल ऐप 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ठगी के शिकार हुए जय गोयल ने आरोप लगाया कि कुछ लोग 'कैश एडवांस' नाम के लोन मोबाइल एप के जरिए अवैध रूप से लोगों के मोबाइट डेटा तक पहुंच बनाकर लोन देने के बहाने ब्लैकमेल कर रहे थे और उनसे पैसे वसूल रहे थे.  

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पुलिस उपायुक्त (IFSO) प्रशांत गौतम ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर आरोपियों का पता लगाया और छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी ने कहा कि गैंग उपयोगकर्ताओं को बहुत कम ब्याज दरों पर अल्पकालिक ऋण की पेशकश करता था और फिर इसकी स्थापना के दौरान उनके डेटा तक पहुंच प्राप्त करता था. 

धमकी देकर करते थे उगाही 

पुलिस ने कहा कि हालांकि, डिजिटल माध्यम से पैसे देने के बाद ब्याज दरों को बहुत बढ़ा देते थे. लोन चुका देने के बाद भी वे उधारकर्ताओं या उनके रिश्तेदारों से उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों का उपयोग कर उन्हें धमकी देकर और पैसों की मांग करते थे. पुलिस के मुताबिक, गोकुल, मुस्तजाब, अनीसभाई, अशोक और बलवंत ने कंपनियों को रजिस्टर्ड किया और बैंक खाते खोले. पुलिस ने कहा कि इन खातों में लगभग 350 करोड़ रुपये सर्कुलेट किए गए, जिसमें से 83 करोड़ रुपये कमीशन काटकर फिर से कई लोगों को माइक्रो लोन के रूप में दिए गए थे.  

चीनी कंपनी में टीम लीड कर चुका था नितिन 

नितिन, जो एक चीनी लोन कंपनी में एक टीम लीडर के रूप में काम कर चुका था, उसे लोन देने और वसूली करने के बारे में अच्छी तरह जानकारी थी. पुलिस ने बताया कि इन लोगों से 7 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 15 डेबिट कार्ड और अलग-अलग बैंक खातों में धोखाधड़ी के कुल 60 लाख रुपये मिले हैं. 

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