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Karnataka Crime: ठिकाने लगाई थीं सैकड़ों लाशें! कोर्ट में पूर्व सफाईकर्मी ने किया सनसनीखेज दावा, दिल दहला देगी ये कहानी

अमूमन कोर्ट में जब किसी को पेश किया जाता है तो बस उसका चेहरा ढका होता है. पर आखिर ये कौन है जिसकी इस कदर पर्दादारी है. जिसके चेहरे और असलियत को इस अंदाज में छुपा कर कोर्ट में पेश किया गया. इस शख्स के दावे ने सबके होश उड़ा दिए.

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नकाबपोश के दावे ने सनसनी फैला दी है (फोटो- ITG)
नकाबपोश के दावे ने सनसनी फैला दी है (फोटो- ITG)

Karnataka Dharmasthala Temple Murder Mystery: दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट में मौजूद है बेल्थांगडी कोर्ट. जहां शुक्रवार यानी 11 जुलाई को एक अजीब मंजर देखने को मिला. भारी पुलिस सुरक्षा घेरे में सिर से पैर तक नकाब से ढके एक शख्स को कोर्ट में पेश किया गया. नकाब ऐसा कि कोर्ट में पेश होने वाले उस शख्स की आंखे तक कोई नहीं देख पा रहा था. आंखों के ठीक सामने नकाब में एक छोटा सा सुराख था जिससे ये शख्स देख सकता था. आखिर क्या है नकाबपोश का राज? क्या उसकी कहानी? चलिए आपको बताते हैं. 

क्या है हैरान करने वाला दावा?
अमूमन कोर्ट में जब किसी को पेश किया जाता है तो बस उसका चेहरा ढका होता है. पर आखिर ये कौन है जिसकी इस कदर पर्दादारी है. जिसके चेहरे और असलियत को इस अंदाज में छुपा कर कोर्ट में पेश किया गया. तो जब आप इस शख्स के दावे के बारे में सुनेंगे और अगर इसका ये दावा सच साबित हो गया तो यकीन मानिए हाल के वक्त का ये देश का सबसे दहला देने वाला खुलासा होगा.

नकाबपोश के परिवार को क्यों है खतरा?
कोर्ट में पेशी के बाद इस नकाबपोश शख्स ने मजिस्ट्रेट के सामने बाकायदा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया. बयान दर्ज कराने के बाद इसे कड़ी सुरक्षा में किसी गुप्त स्थान पर ले जाया गया. फिलहाल कर्नाटक पुलस इसकी और इसके परिवार की पहचान और इसके ठिकाने के बारे में जबरदस्त गोपनियता बरत रही है. आखिर इस शख्स ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने ऐसा कौन सा खुलासा किया है जिसको लेकर इसके और इसके परिवार की जान को खतरा है.

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कौन है नकाबपोश?
तो पहले नकाब के पीछे मौजूद इस शख्स के बारे में बस इतना बता देते हैं कि इसके दावे के हिसाब से ये 19 सालों तक कर्नाटक और देश और दुनिया भर में मशहूर धर्मस्थला मंदिर में एक सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करता था. और इन्हीं 19 सालों में इसने वहां कुछ ऐसी चीजें देखी जिसका सच सामने आने से पहले ही अभी से पूरे कर्नाटक में उथल पुथल शुरु हो चुकी है. 

क्या है लाशों को लेकर दावा?
इसका दावा है कि इसने 19 सालों में धर्मस्थला के गांव में सैकड़ों लाशों को अपने हाथों से दफनाया या जलाया है. इनमें ज्यादातर लाशें लड़कियों और महिलाओं की थी. इनमें से भी ज्यादातर लड़कियां औऱ महिलाएं वो थी जिनका रेप करने के बाद कत्ल किया गया और फिर खुद इसने धर्मस्थल मंदिर प्रशासन के हुक्म पर उन लाशों को जलाकर या दफना कर ठिकाने लगा दिया.

क्या है 19 साल की कहानी?
मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने से पहले धर्मस्थला संस्थान के इस पूर्व सफाई कर्मचारी ने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट के एसएसपी के नाम एक कंप्लेन लेटर भी लिखा था. इस कंप्लेन लेटर में कायदे से धर्मस्थला में एक सफाई कर्मचारी के तौर पर गुजारे इसके पूरे 19 सालों की कहानी है. उस शिकायत पत्र या कंप्लेन लेटर के बाद 11 जुलाई यानि शुक्रवार को नकाब में छुपाकर इस सफाई कर्मचारी को बेल्थांगडी कोर्ट में पेश किया गया था.

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इंसानी खोपड़ी लेकर क्यों आया था गवाह?
जब ये नकाबपोश सफाई कर्मचारी पुलिस के पास अपनी शिकायत पत्र लेकर गया था. तब साथ में उसके हाथ में एक बोरी थी. उस बोरी में एक इंसानी खोपड़ी थी. सफाई कर्मचारी का दावा है कि जिन सैकड़ों लाशों को उसने दफनाया ये उन्हीं में से एक इंसानी खोपड़ी थी. वो सिर्फ पुलिस को यकीन दिलाने के लिए अपने साथ ये सबूत लेकर आया था. 

धर्मस्थला छोड़कर क्यों भागा था परिवार?
तो इस नकाबपोश शिकायतकर्ता या गवाह के मुताबिक 19 साल की नौकरी के बाद जब इसके परिवार की एक लड़की के साथ यही सब कुछ हुआ, तब डर की वजह से 2014 में एक रात ये अपने पूरे परिवार के साथ धर्मस्थला से भाग गया. इसके बाद कर्नाटक के पड़ोसी राज्यों में ये छुप-छुप और डर-डर कर अपनी जिंदगी बिताता रहा. एसएसपी को दिए शिकायतपत्र के मुताबिक, 19 सालों का वो जख्म उसे परेशान करने लगा. 

एसपी लिखे शिकायती पत्र में क्या लिखा?
उसे पता था कि वो लोग कभी भी इसे ढूंढ लेंगे और मार डालेंगे. बस इसी के बाद इसने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट एसपी को लेटर लिखा और फिर अपनी मर्जी से 11 जुलाई को कोर्ट पहुंच कर मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया. इतना ही नहीं इसने अपने शिकायतपत्र के आखिर में ये भी लिखा है कि वो इस मास मर्डर में शामिल तमाम लोगों के नाम सबूत के साथ दे सकता है.

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कहां से आई थी लाशों की तस्वीरें?
कोर्ट और पुलिस को यकीन दिलाने के लिए इस गवाह ने धर्मस्थला के गांव में खुदाई कर वहां से दो लाशें निकाल कर उनकी तस्वीरें भी बतौर सबूत पेश की हैं. शिकायत पत्र में वो ये भी कहता है कि अगर उसे कुछ हो गया तो भी सच्चाई ना मरे, इसीलिए उसने सारे सबूत सुप्रीम कोर्ट के एक वकील केवी. धनंजय को भी सौंप दी है.

क्या बोले कर्नाटक के गृहमंत्री?
पर कमाल ये है कि इस गवाह की शिकायत पर कर्नाटक पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली लेकिन अभी तक तहकीकात शुरु नहीं की. ना ही उन जगहों की खुदाई शुरु की जहां पर इस गवाह के मुताबिक सैकड़ों लाशें दफ्न हैं. कर्नाटक के होम मिनिस्टर से जब पूछा गया कि पुलिस जांच शुरु क्यों नहीं कर रही है तो उनका जवाब था कि पहले कोर्ट का डायरेक्शन आ जाए.

क्या हुआ था सुजाता के साथ?
इस एक गवाह के सामने आने भर से अब अचानक वो लोग भी सामने आने लगे हैं जिनका कोई ना कोई अपना गायब है या फिर रहस्यमयी तौर पर उसकी जान गई. 2003 में एक मेडिकल स्टूडेंट सुजाता भी इसी धर्मस्थला से रहस्यमयी तौर पर गायब हो गई थी. तब उसकी मां दर दर भटकती रही पर पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की थी.

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पुलिस कप्तान ने क्या कहा?
अब इस नकाबपोश गवाह के सामने आने से जैसे ही पूरे मामले के खुलने की उम्मीदें बढ़ने लगी हैं. सुजाता की मां इंसाफ की आस लिए फिर से धर्मस्थला पुलिस के पास फरियाद लेकर पहुंची. इस बार फर्क साफ नजर आया. धर्मस्थला के एसपी ने सुजाता मिसिंग केस में एफआईआर दर्ज कर जांच का भरोसा दिया है.

अब सामने आएंगे नए मामले
सौजन्या, अनन्या, नारायण और यमुना, वेदावल्ली, पद्मलता, यूडीआर फॉरेस्ट और लॉड्ज डेथ केस. उन सैकड़ों रेप, मर्डर, गुमशुदगी के केसों में से हैं जिनका सच आजतक बाहर नहीं आया. तो क्या अब इस एक गवाह के सामने आने से तमाम गड़े मुर्दे अब बाहर आएंगे? 

SIT बनाने की मांग
कर्नाटक में इसे लेकर आवाज उठनी शुरु हो चुकी है. कर्नाटक सरकार से इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम बनाने की मांग की जा रही है. आने वाले दिनों में इस मांग के और जोर पकड़ने की उम्मीद है.

क्या है धर्मस्थला?
जिस धर्मस्थला और उसके आसपास के गांव के बारे में इस सफाई कर्मचारी ने जो सनसनीखेज खुलासा किया है, वो धर्मस्थला मंदिर मैंगलुरु के पास नेत्रावदी नदी के किनारे बसा एक बेहद प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर की जो सबसे खास बात है वो ये कि इस मंदिर में पूजा तो हिंदू पंडित करते हैं लेकिन मंदिर का संचालन जैन धर्म के लोगों के पास है. 

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मंदिर पर जैन बंधुओं का राज
उस मंदिर के प्रमुख को धर्माधिकारी कहा जाता है. इस वक्त इस मंदिर के प्रमुख यानि धर्माधिकारी वीरेंद्र हेग्गाड़े जैन हैं. जबकि मंदिर के सीईओ वीरेंद्र के छोटे भाई हर्षेंद्र कुमार जैन हैं. इन दोनों के दो और भाई हैं राजेंद्र और सुरेंद्र जैन. इन्हीं चार भाइयों और उनका पूरा परिवार इस मंदिर के प्रबंधन से किसी ना किसी तौर पर जुड़े हुए हैं. 

पत्र में क्यों नहीं मुख्य आरोपियों के नाम? 
नकाबपोश चश्मदीद ने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट एसपी को जो शिकायत पत्र दिया है, उस पूरे शिकायत पत्र में किसी का नाम नहीं है. लेकिन उसी शिकायती पत्र में उसने ये लिखा है कि जो लोग इस पूरी साजिश में शामिल हैं और किन-किन लोगों की इस क्राइम में क्या क्या भूमिका रही है. उन सबके नाम उसने अलग से पुलिस को दे दिए हैं.

क्यों मारे जाते हैं विरोध करने वाले?
हालांकि इसी शिकायत में इस नकाबपोश चश्मदीद ने बिना नाम लिए साफ-साफ ये लिखा है कि इस पूरी साजिश में जो लोग शामिल हैं वो सभी धर्मस्थला मंदिर एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े हैं या दूसरे स्टाफ हैं. यही वो लोग हैं जो उसे लगातार धमकी देते हैं. शिकायती पत्र में इसलिए उनके नाम उजागर नहीं कर रहा है क्योंकि इनमें से कुछ लोग ना सिर्फ बेहद प्रभावशाली हैं बल्कि उनका इतिहास रहा है कि जिन लोगों ने भी उनका विरोध किया वो मारे गए.

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धर्मस्थला का अपना स्कूल और कॉलेज भी है. इसके अलावा मंदिर में मुफ्त खाना भी खिलाते हैं. ये देश के ना सिर्फ प्राचीन मंदिरों में से एक है बल्कि देश के सबसे अमीर मंदिरों में से भी एक.

(धर्मस्थला से सगाय राज का इनपुट)

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