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भारत की ग्रोथ स्टोरी से विश्व बैंक गदगद, कहा- 2018 में चीन को पछाड़ने का है दम

बजट पेश करने से पहले मोदी सरकार के अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और खुशखबरी मिली है. विश्व बैंक ने 2018 में भारत की विकास दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.  बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसके अगले दो सालों में भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है.

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विश्व बैंक ने मोदी सरकार के काम को सराहा
विश्व बैंक ने मोदी सरकार के काम को सराहा

बजट पेश करने से पहले मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और खुशखबरी मिली है. विश्व बैंक ने 2018 में भारत की विकास दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. बैंक ने अपनी रिपोर्ट में इसके अगले दो सालों में भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी की दर से बढ़त का अनुमान लगाया है. अगले 10 सालों में भारत की विकास दर 7 फीसदी के आसपास रहेगी. विश्व बैंक ने कहा है कि 2018 में भारत चीन को पीछे छोड़ देगा.  

खत्म होगा जीएसटी का असर

विश्व बैंक ने 'ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रोस्पेक्ट' रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसने कहा है कि भारत में क्षमता है. नोटबंदी और जीएसटी के शुरुआती झटकों से इस साल भारत उभरेगा और अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ेगी. विश्व बैंक ने कहा कि मौजूदा सरकार नये-नये बदलाव कर रही है. इसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले तेजी से बढ़ने की क्षमता रखती है.

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सबसे आगे निकलेगा भारत

विश्व बैंक के डेवलपमेंट प्रोस्पेक्ट ग्रुप के निदेशक अह्यान कोसे ने कहा कि अगले दशक में आने वाले सालों में सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था साबित होगा. इसलिए मैं लघु अवध‍ि के आंकड़ों पर ध्यान नहीं दूंगा. मैं भारत को बड़े स्तर पर देखूंगा और बड़े स्तर पर देखने के बाद पता चलता है कि भारत में काफी ज्यादा क्षमता है.

चीन से आगे निकलेगा भारत

कोसे ने चीन से भारत की तुलना करते हुए कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है. ऐसे में समय के साथ भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. कोसे ने कहा कि पिछले तीन सालों के विकास दर के आंकड़ों को देखें तो वे काफी अच्छे हैं.

घटेगी चीन की रफ्तार

चीन 2017 में 6.8 फीसदी की दर से बढ़ा. इस दौरान चीन की वृद्धि दर भारत से 0.1 फीसदी ज्यादा थी. हालांकि 2018 में चीन की रफ्तार घटने का अनुमान लगाया गया है. 2018 में इसके 6.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है. वहीं, अगले दो सालों में इसकी रफ्तार और भी कम हो सकती है और यह 6.3 व 6.2 फीसदी के आसपास रहेगी. इस तरह चीन भारत से पिछड़ जाएगा.

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आगे भी रहेंगे भारत के अच्छे दिन

कोसे ने कहा कि अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने के लिए भारत को निवेश को बढ़ावा देना होगा. उन्होंने कहा कि एनपीए आौर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने जैसी कई चुनौतियां भारत के सामने हैं. उन्होंने कहा कि भारत के आगे भी अच्छे  दिन रहने का अनुमान है  और ऐसा अन्य अर्थव्यवस्थाओं में कम ही दिखता है.

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