scorecardresearch
 

वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ रहा जोखिम: मूडीज

क्रेडिट रेंटिग एजेंसी मूडीज ने बाजार से जुड़े लोगों और निवेशकों के बीच एक सर्वे कराया. इस सर्वे में करीब 75 फीसदी ने माना कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट अगले 12 से 18 महीने में 6.5 से 7.5 फीसदी के दायरे में रहने की संभावना है.

Advertisement
X
क्रेडिट रेंटिग एजेंसी मूडीज ने कराया सर्वे
क्रेडिट रेंटिग एजेंसी मूडीज ने कराया सर्वे

भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक क्षेत्र में जारी उथल-पुथल है जिसमें अमेरिका में ब्याज दर बढ़ोतरी और चीन में सुस्ती शामिल है. इसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पिछले एक साल से बढ़ा है. मूडीज ने एक सर्वे में यह बात कही.

अगले 12 से 18 महीने में ग्रोथ रेट 6.5 से 7.5
बाजार से जुड़े लोगों और निवेशकों के बीच किए गए सर्वे के अनुसार करीब 75 फीसदी ने माना कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट अगले 12 से 18 महीने में 6.5 से 7.5 फीसदी के दायरे में रहने की संभावना है.

सर्वे में बड़े निवेशक शामिल
यह बात 110 बाजार से जुड़े लोगों के बीच किए गए सर्वे में सामने आई है. इसमें भारत के कुछ बड़े निवेशक शामिल हैं. यह सर्वे मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने इस महीने की शुरुआत में किया.

Advertisement

वैश्विक स्तर पर उठा-पटक सबसे बड़ी चुनौती
सर्वे में 35 प्रतिशत लोगों ने माना कि वैश्विक स्तर पर उठा-पटक अर्थव्यवस्था के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है जबकि पिछले साल मई में किए गए इसी तरह के सर्वे में 10 फीसदी लोगों ने ऐसी राय जाहिर की थी. वहीं 32 फीसदी का मानना है कि सुधार की गति धीमी है और 19 फीसदी बुनियादी ढांचे को बाधा मानते हैं. 2015 के सर्वे में ऐसे मानने वाले क्रमश: 47 फीसदी और 38 फीसदी थे.

रफ्तार से बढ़ेगी जीडीपी ग्रोथ
मूडीज ने हर्ड फ्रॉम द मार्केट: 'इंडियन नॉट इम्यून टू एक्सटर्नल रिस्क' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा है, भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट की संभावना को लेकर लोग आशावादी हैं. सर्वे में यह बात सामने आई है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट अगले 12 से 18 महीने में 6.5 से 7.5 फीसदी के दायरे में रहेगी. मई 2015 में किए गए पिछले सर्वे की तुलना में 14 फीसदी प्रतिभागियों को अब लगता है कि ग्रोथ रेट 7.5 से 8.5 फीसदी के बीच रहेगी.

इस बात को लेकर चिंता
रिपोर्ट के अनुसार, बाजार प्रतिभागियों में अब अमेरिका में ब्याज दर में बढ़ोतरी और चीन में सुस्ती के भारत पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ रही है. उनका मानना है कि इससे देश की ग्रोथ पर असर पड़ेगा.

Advertisement

उभरते बाजारों में बेहतर स्थिति में है 'भारत'
इसमें यह भी कहा गया है कि हालांकि भारत अभी भी उभरते बाजारों में बेहतर स्थिति में है. निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी लाने के लिए मूडीज ने सुझाव दिया है कि सरकार को प्रमुख सुधार पहल को आगे बढ़ाना चाहिए और जीएसटी जैसे प्रमुख विधेयकों को पारित किया जाना चाहिए.

Advertisement
Advertisement