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चिराग पासवान और संजय झा ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- बिहार में SIR पर 'दोहरा रवैया' अपना रहे

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर विपक्ष की आलोचना की है.

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बिहार में 22 साल बाद SIR प्रक्रिया की जा रही है- (File Photo: ITG)
बिहार में 22 साल बाद SIR प्रक्रिया की जा रही है- (File Photo: ITG)

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर विपक्ष की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि विपक्ष पहले इस प्रक्रिया की मांग करता रहा है और अब जब चुनाव आयोग ने कार्रवाई शुरू की है, तो वही दल इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इसे विपक्ष का 'दोहरा रवैया बताया.

चिराग पासवान ने संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा, 'जब समस्या होती है तो शिकायत करते हैं और जब समाधान होता है तो उस पर भी सवाल उठाते हैं. ये समझ से परे है.' उन्होंने यह भी याद दिलाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष ने मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर आवाज उठाई थी.

चिराग पासवान ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि अब जब चुनाव आयोग बिहार में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए विशेष पुनरीक्षण कर रहा है, तो विपक्ष को इसमें भी आपत्ति है. पासवान ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया पहले भी चार बार हो चुकी है और इसमें अब डिजिटल तकनीक के कारण ज्यादा पारदर्शिता और सहूलियत आ गई है. उन्होंने आगे कहा, 'कोई भी असली मतदाता बाहर नहीं होगा, लेकिन घुसपैठिए को अवैध अधिकार नहीं मिलेंगे.'

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क्या बोल गए संजय कुमार झा?
इस बीच, जदयू के राज्यसभा सांसद और कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने भी विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें हार का डर सता रहा है, इसलिए वे इस तरह के बहाने बना रहे हैं.

झा ने कहा, 'अगर कोई व्यक्ति मर चुका है, तो क्या वह वोट दे सकता है? अगर किसी का नाम दो जगह है, तो क्या वह दो बार वोट करेगा? यही वजह है कि यह अभियान ज़रूरी और स्वागत योग्य है.'

उन्होंने चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 98% मतदाताओं ने पहले ही अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं और आश्वासन दिया कि किसी भी वास्तविक मतदाता को सूची से नहीं हटाया जाएगा. बिहार में 22 साल बाद SIR प्रक्रिया की जा रही है जिसका मकसद नकली, दोहरे या अवैध मतदाताओं को सूची से हटाना और पात्र नागरिकों को जोड़ना है.

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