फतेहपुर मंदिर vs मकबरा... प्रशासन ने भगवा झंडा हटाया, अधिकारियों ने रात भर में मजार की तोड़फोड़ ठीक कराई

यूपी के फतेहपुर जिले में उस समय तनाव फैल गया जब एक मकबरे को मंदिर मानकर पूजा करने पहुंचे हिंदू संगठनों के लोग सुरक्षा बैरिकेडिंग तोड़ते हुए अंदर घुस गए और मजारों पर तोड़फोड़ कर भगवा झंडा फहरा दिया. तोड़फोड़ के तुरंत बाद अब प्रशासन ने रातभर में क्षतिग्रस्त मजारों और दरवाजे की मरम्मत करवाई. वहां त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है.

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फतेहपुर में हिंदू संगठनों द्वारा मजार तोड़ने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. (Photo: Screengrab) फतेहपुर में हिंदू संगठनों द्वारा मजार तोड़ने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. (Photo: Screengrab)

संतोष शर्मा

  • फतेहपुर ,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

यूपी के फतेहपुर जिले में उस समय तनाव फैल गय जब एक मकबरे को मंदिर मानकर पूजा करने पहुंचे हिंदू संगठनों के लोग सुरक्षा बैरिकेडिंग तोड़ते हुए अंदर घुस गए और मजारों पर तोड़फोड़ कर भगवा झंडा फहरा दिया. तोड़फोड़ के तुरंत बाद अब प्रशासन ने रातभर में क्षतिग्रस्त मजारों और दरवाजे की मरम्मत करवाई. वहां त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है.

विवाद की शुरुआत और घटनाक्रम

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सोमवार सुबह हिंदू महासभा के प्रांत उपाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी, भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता लगभग 300 लोगों के साथ अबू नगर स्थित मकबरे की ओर बढ़े. इससे पहले भाजपा नेताओं ने प्रशासन को ज्ञापन देकर जन्माष्टमी के अवसर पर ‘ठाकुरद्वारा मंदिर’ में साफ-सफाई और पूजा करने की अनुमति मांगी थी. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल कभी ठाकुर विराजमान का मंदिर था, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सरकारी दस्तावेजों में इसे मकबरे के रूप में दर्ज करवा दिया. प्रशासन ने इलाके में बैरिकेडिंग लगाकर प्रवेश रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल की संख्या कम होने से भीड़ ने बैरिकेडिंग और घेराबंदी तोड़ दी. अंदर घुसते ही भीड़ ने धार्मिक नारे लगाए, दो मजारों को डंडों से क्षतिग्रस्त किया और मकबरे के ऊपरी हिस्से पर भगवा झंडा लगा दिया. पुरानी मजार में तोड़फोड कर उस पर भी झंडा फहराया गया.

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ऐसे बनाई सुरक्षा की परत:

- मकबरे के चारों ओर बने चबूतरे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

- बाहर दोहरी बैरिकेडिंग में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हो गए हैं.

- ड्रोन और सीसीटीवी से लगातार निगरानी की जा रही है.

इसके अलावा बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ जैसे आसपास के जिलों से पुलिस बल बुलाकर तैनात किया गया. डीजीपी के आदेश पर एडीजी जोन प्रयागराज संजीव गुप्ता और आईजी रेंज प्रयागराज अजय मिश्रा मौके पर पहुंच चुके हैं.

FIR और आरोपियों की सूची

थाना कोतवाली नगर में सब इंस्पेक्टर विनीत कुमार उपाध्याय की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया. 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं के तहत केस हुआ.

नामजद आरोपी:

- भाजपा जिला महामंत्री पुष्पराज पटेल

भाजपा युवा मोर्चा जिला महामंत्री प्रसून तिवारी

बजरंग दल जिला सह संयोजक धर्मेंद्र सिंह

सभासद विनय तिवारी

अभिषेक शुक्ला, आशीष त्रिवेदी, पप्पू सिंह चौहान, ऋतिक पाल, अजय सिंह उर्फ रिंकू लोहारी, देवनाथ धाकड़े आदि पर केस दर्ज किया गया है. एसपी फतेहपुर अनूप सिंह ने कहा, अभी जांच जारी है. कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं.

राजनीतिक बयानबाजी तेज 

विधानसभा में इस मुद्दे को कानपुर छावनी विधायक मोहम्मद हसन ‘रूमी’ ने नियम 56 के तहत उठाया. उनका आरोप है कि नवाब अब्दुल समद का मकबरा सरकारी रिकॉर्ड में राष्ट्रीय संपत्ति है (गाटा संख्या 753), लेकिन हिंदू संगठन इसे मंदिर बताकर तनाव फैला रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सम्भल की शाही जामा मस्जिद विवाद में पुलिस ने गोली चलाकर मुस्लिम युवकों की जान ली, लेकिन यहाँ खुलेआम तोड़फोड़ के बावजूद कठोर कार्रवाई नहीं हो रही.

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भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने घटना को ‘सनातन धर्मियों का जनाक्रोश’ बताया. उनका कहना है कि हम सिर्फ अपने ठाकुरद्वारा में पूजा करने गए थे. कुछ साल पहले तक हिंदू बस्ती के लोग यहां पूजा करते थे, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने दस्तावेजों में बदलाव करवा दिया. प्रशासन ने हमें रोका, जबकि यह हमारा धार्मिक अधिकार है.

दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे

हिंदू पक्ष का कहना है कि यह स्थल ठाकुर विराजमान का मंदिर था, जहाँ नियमित पूजा होती थी. समय के साथ मुस्लिम पक्ष ने दस्तावेजों में बदलाव करवा दिया और पूजा बंद करा दी.

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह नवाब अब्दुल समद का मकबरा है, जो राष्ट्रीय संपत्ति है और मोहम्मद अनीस इसके मुतवल्ली हैं. मंदिर का दावा ऐतिहासिक रूप से गलत है.

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