एलन मस्क से दोस्ती, ट्रंप से विवाद.. फिर कैसे NASA चीफ बने जेरेड इसाकमैन?

ट्रंप ने अरबपति उद्यमी जेरेड इसाकमैन को नासा चीफ नियुक्त किया. 42 साल के जेरेड शिफ्ट4 पेमेंट्स के संस्थापक, कुशल पायलट और स्पेसएक्स के इंस्पिरेशन4 व पोलारिस डॉन मिशनों के कमांडर हैं. नियुक्ति में स्पेसएक्स से करीबी संबंधों व हितों के टकराव का विवाद रहा है.

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ये है नासा के नए चीफ जेरेड इसाकमैन. (Photo: AP) ये है नासा के नए चीफ जेरेड इसाकमैन. (Photo: AP)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को अरबपति उद्यमी और निजी अंतरिक्ष यात्री जेरेड इसाकमैन को नासा का नया चीफ नियुक्त करने की पुष्टि कर दी. 67-30 वोटों से पास हुई इस नियुक्ति में जेरेड नासा के 15वें प्रशासक बने. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है, जो अंतरिक्ष एजेंसी के लिए एक नया दौर शुरू करने का संकेत देती है.

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जेरेड इसाकमैन कौन हैं?

42 साल के जेरेड इसाकमैन एक सफल उद्यमी, कुशल पायलट और कॉमर्शियल एस्ट्रोनॉट हैं. उनका जन्म 11 फरवरी 1983 को न्यू जर्सी में हुआ. हाई स्कूल छोड़ने के बाद सिर्फ 16 साल की उम्र में 1999 में उन्होंने शिफ्ट4 पेमेंट्स कंपनी शुरू की, जो आज पेमेंट प्रोसेसिंग की बड़ी कंपनी है. यह कंपनी होटल, रेस्तरां और रिटेल बिजनेस के लिए पेमेंट हैंडल करती है. सालाना अरबों डॉलर के ट्रांजेक्शन प्रोसेस करती है. उनकी नेट वर्थ करीब 1.5-2 अरब डॉलर आंकी जाती है.

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जेरेड आइसेकमैन जुनूनी पायलट

जेरेड एक जुनूनी पायलट भी हैं. उन्होंने हजारों घंटे उड़ान भरी है. मिलिट्री जेट उड़ाने का लाइसेंस रखते हैं. 2012 में उन्होंने ड्रेकन इंटरनेशनल कंपनी शुरू की, जो अमेरिकी और नाटो देशों की एयर फोर्स को ट्रेनिंग देती है.

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स्पेसएक्स मिशनों के कमांडर

जेरेड अंतरिक्ष की दुनिया में भी बड़ा नाम हैं. उन्होंने खुद पैसे लगाकर स्पेसएक्स के साथ दो बड़े मिशन किए...

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  • इंस्पिरेशन4 (2021): दुनिया का पहला ऑल-सिविलियन ऑर्बिटल मिशन. जेरेड इसके कमांडर थे. स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल से चार आम लोग तीन दिन तक पृथ्वी की कक्षा में घूमे. इस मिशन से बच्चों के कैंसर अस्पताल को करोड़ों डॉलर दान मिला.
  • पोलारिस डॉन (2024): इस मिशन में जेरेड ने पहला प्राइवेट स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चलना) किया. यह स्पेसएक्स का हाई-ऑल्टीट्यूड मिशन था, जो भविष्य के मार्स मिशन के लिए टेस्टिंग था.

जेरेड इसाकमैन की नियुक्ति में विवाद और पूरी कहानी

यह नियुक्ति बिना विवाद के नहीं हुई – ट्रंप ने पहले नामांकन लिया था. फिर वापस लिया. फिर दोबारा नामांकित किया.

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नियुक्ति की पूरी कहानी और विवाद

  • पहला नामांकन (दिसंबर 2024): ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद जेरेड को नामांकित किया. स्पेस इंडस्ट्री में खुशी की लहर दौड़ी, क्योंकि जेरेड को इनोवेटिव लीडर माना जाता है.
  • वापसी (मई 2025): ट्रंप ने अचानक नामांकन वापस ले लिया. वजह बताई गई-पिछले संबंधों की गहन समीक्षा. असल में, यह ट्रंप और एलन मस्क के बीच सार्वजनिक झगड़े के दौरान हुआ. मस्क ट्रंप के करीबी थे, लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी और अन्य मुद्दों पर विवाद हुआ. जेरेड मस्क के करीबी माने जाते हैं, इसलिए नामांकन प्रभावित हुआ.
  • दोबारा नामांकन (नवंबर 2025): ट्रंप-मस्क संबंध सुधरने के बाद जेरेड को फिर नामांकित किया गया.

मुख्य विवाद: हितों का टकराव 

नियुक्ति का सबसे बड़ा विवाद जेरेड के एलन मस्क और स्पेसएक्स से गहरे संबंध हैं...

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  • जेरेड ने दोनों स्पेस मिशन स्पेसएक्स से किए, खुद पैसे लगाए (रकम गोपनीय).
  • उनकी कंपनी शिफ्ट4 स्पेसएक्स की स्टारलिंक के लिए पेमेंट प्रोसेस करती है.
  • स्पेसएक्स को नासा से 15 अरब डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट मिले हैं (आर्टेमिस प्रोग्राम में स्टारशिप लैंडर).
  • डेमोक्रेट सीनेटरों एडवर्ड मार्के जैसे कई नेताओं ने कहा कि स्पेसएक्स को जेरेड जैसे दोस्ताना चीफ से फायदा हो सकता है. कितने पैसे दिए गए, यह गोपनीय रखना संदिग्ध है. 
  • कुछ का डर: नासा मार्स मिशन (मस्क की प्राथमिकता) पर ज्यादा फोकस करेगा, जबकि चांद पर लौटना (आर्टेमिस) पीछे रह जाएगा.
  • जेरेड ने हियरिंग में कहा कि स्पेसएक्स ही एकमात्र कंपनी है जो अंतरिक्ष यात्रा करा सकती है. मैं अपनी कंपनियों से इस्तीफा दूंगा और निष्पक्ष रहूंगा. 
  • जेरेड ने ट्रंप के सुपर PAC को 2 मिलियन डॉलर दान दिए, जिस पर भी सवाल उठे.

अब आगे क्या?

जेरेड का फोकस: 2028 तक चांद पर वापसी. चीन से आगे रहना. प्राइवेट कंपनियों की मदद से स्पेस इकोनॉमी बढ़ाना. ट्रंप प्रशासन नासा का बजट काट रहा है, जिससे चुनौतियां हैं. जेरेड की नियुक्ति नासा के लिए नया दौर ला सकती है, लेकिन स्पेसएक्स से संबंधों का विवाद अभी भी चर्चा में है. कई विशेषज्ञ कहते हैं कि प्राइवेट सेक्टर का अनुभव नासा को तेजी देगा, जबकि आलोचक निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं.

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