स्पेसएक्स
स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कार्पोरेशन (Space Exploration Technologies Corp.) स्पेसएक्स (SpaceX) के नाम से व्यवसाय करता है. यह एक अमेरिकी एयरोस्पेस निर्माता है, जो अंतरिक्ष परिवहन सेवाएं देता है और एक संचार निगम है (American Aerospace Manufacturer, Space Transportation Services, and communications corporation). इसका मुख्यालय हॉथोर्न, कैलिफोर्निया में है (SpaceX Headquarters). स्पेसएक्स की स्थापना 2002 में एलन मस्क ने मंगल ग्रह का उपनिवेशीकरण करने के लिए अंतरिक्ष परिवहन लागत को कम करने के लक्ष्य के साथ की थी (SpaceX founded in 2002 by Elon Musk). स्पेसएक्स फाल्कन 9 और फाल्कन हेवी लॉन्च व्हीकल, कई तरह के रॉकेट इंजन, कार्गो ड्रैगन, क्रू स्पेसक्राफ्ट और स्टारलिंक संचार उपग्रह बनाता है (SpaceX Businesses).
स्पेसएक्स की उपलब्धियों में पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में पहुंचने वाला पहला निजी रूप से वित्त पोषित तरल-प्रणोदक वाला रॉकेट शामिल है. यह पहली निजी कंपनी है, जो स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक लॉन्च करती है, ऑरबिट में पहुंचती है, और अंतरिक्ष यान को फिर से पृथ्वी पर रिकवर करती है. यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक अंतरिक्ष यान भेजने वाली पहली निजी कंपनी है. यह ऑर्बिटल रॉकेट के लिए पहला वर्टिकल टेक-ऑफ और वर्टिकल प्रोपल्सिव लैंडिंग और ऑर्बिटल रॉकेट को पहली बार दोबारा उपयोग में लाने वाली प्राइवेट कंपनी है. साथ ही, यह अंतरिक्ष यात्रियों को ऑर्बिट और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजने वाली पहली निजी कंपनी भी है. स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 सीरीज के रॉकेटों को एक सौ से अधिक बार उड़ाया है (SpaceX Milestones).
स्पेसएक्स वाणिज्यिक इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए स्टारलिंक नामक एक उपग्रह इंटरनेट समूह विकसित कर रहा है (SpaceX Starlink). जनवरी 2020 में, स्टारलिंक तारामंडल अब तक का सबसे बड़ा उपग्रह तारामंडल बन गया, और अप्रैल 2022 तक यह ऑर्बिट में 2,100 से अधिक छोटे उपग्रहों को शामिल कर चुका है (SpaceX Largest Satellite Constellation). यह कंपनी इंटरप्लानेटरी और ऑर्बिटल स्पेसफ्लाइट के लिए निजी तौर पर वित्त पोषित, पूरी तरह से रियूजेबल, सुपर हेवी-लिफ्ट लॉन्च सिस्टम, स्टारशिप भी विकसित कर रही है (SpaceX Launch Vehicles). मौजूदा फाल्कन 9, फाल्कन हेवी और ड्रैगन फ्लीट की जगह लेते हुए स्टारशिप का उद्देश्य स्पेसएक्स का प्राथमिक प्राइमरी ऑर्बिटल स्पेसफ्लाइट बनना है (SpaceX Starship).
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा (एक्सिओम मिशन 4) फिर टल गई है. तारीख पर तारीख मिल रही है. नासा ने 22 जून का लॉन्च स्थगित किया, क्योंकि ISS के ज़्वेज़्दा मॉड्यूल में मरम्मत के बाद जांच बाकी है. फाल्कन 9 में लिक्विड ऑक्सीजन लीक और खराब मौसम भी देरी का कारण बने. चालक दल क्वारंटाइन में है, और नई तारीख जल्द घोषित होगी.
टेक्सास के मैसी में एलन मस्क की कंपनी के स्टारशिप की टेस्टिंग साइट पर जोरदार विस्फोट हो गया है. विस्फोट के बाद स्टारशिप के अगले लॉन्च की तैयारियों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है
ISRO, पोलैंड और हंगरी की टीमें Axiom-4 मिशन के लिए तैयार हैं. SpaceX की Falcon 9 और Crew Dragon की मरम्मत के बाद 22 जून 2025 को लॉन्च हो सकता है. शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्री ISS पर 14 दिन तक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे.
ISRO, Axiom Space और SpaceX की मेहनत से Ax-04 मिशन फिर पटरी पर आ गया है. 19 जून 2025 को होने वाला यह लॉन्च न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि होगी, बल्कि भारत के लिए भी गर्व का पल होगा. Zvezda मॉड्यूल की जांच जारी है, लेकिन सुरक्षा के साथ मिशन को आगे बढ़ाया जा रहा है.
शुभांशु शुक्ला का एक्स-4 मिशन 30 जून तक या मिड-जुलाई में लॉन्च हो सकता है. नासा के डाना वैगल के अनुसार ISS पर ट्रैफिक और तकनीकी समस्याएं लॉन्च विंडो को प्रभावित कर रही हैं. मौसम और LOX लीकेज की वजह से देरी हुई. यह मिशन भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए बड़ा कदम है.
LOX (लिक्विड ऑक्सीजन) रॉकेट इंजनों के लिए जरूरी है, लेकिन लीकेज से लॉन्च डिले हो सकता है. एक्स-4 मिशन 11 जून 2025 को LOX लीकेज की वजह से टला. लीकेज तापमान, मैकेनिकल फेल्योर या कॉरोशन से हो सकता है. जुलाई 2024 में स्टारलिंक मिशन भी लीकेज से फेल हुआ था. इसका लीकेज खतरनाक होता है.
भारत के शुभांशु शुक्ला तीन विदेशी अंतरिक्षयात्रियों के साथ बुधवार शाम को फ्लोरिडा, अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे. लेकिन अंतरिक्ष में वे क्या करेंगे?
शुभांशु शुक्ला का एक्स-4 मिशन 11 जून 2025 को लॉन्च होगा. भारत को इससे कई तरह के फायदे मिलेंगे. गगनयान की तैयारी, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, शिक्षा, प्रौद्योगिकी विकास और आर्थिक लाभ मिलेंगे. 2030 में नया स्पेस स्टेशन बनेगा. भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ेगी.
भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए स्पेस एक्स के साथ उड़ान भरने को तैयार हैं. शुभांशु शुक्ला 10 जून को फ्लोरिडा के कैनिडी स्पेस सेंटर से स्पेस एक्स के फाल्कन - 9 राकेट पर सवार होकर अंतरिक्ष यात्रा की शुरूआत करेंगे. यान 11 जून रात 10 बजे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से जुड़ेगा.
एक्स-4 क्रू ने व्यापक आपातकालीन ट्रेनिंग ली, जिसमें पानी के नीचे की ड्रिल्स (14,000 फीट), आग बुझाने और स्पेससूट प्रैक्टिस शामिल हैं. मार्च 2025 से 3 महीने चली ट्रेनिंग में 60 से ज्यादा सिमुलेशंस हुए. यह ISS पर सुरक्षा और सफलता सुनिश्चित करेगी. नासा और स्पेसएक्स ने ट्रेनिंग दी.
शुभांशु शुक्ला और Ax-4 मिशन 10 जून 2025 को लॉन्च होगा. ISS पर 14 दिनों में 60 प्रयोग (31 देशों से) होंगे. यह अगले स्पेस स्टेशन (2027 में) की नींव रखेगा. भारत-नासा सहयोग से गगनयान की तैयारी करेगा. 2030 में ISS समुद्र में गिराया जाएगा. उसके पहले अगले स्पेस स्टेशन का काम शुरू हो जाएगा.
शुभांशु शुक्ला 10 जून को स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे. Ax-4 मिशन स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन मिशन है. भारत ने 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. शुभांशु 7 भारतीय और 5 नासा के प्रयोग करेंगे. यह मिशन गगनयान की तैयारी में मदद करेगा. यह पल हमें पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा की याद दिलाता है.
स्पेसएक्स ने फ्लोरिडा के केप केनाविरल से एसएसएम 10 उपग्रह का प्रक्षेपण किया, यह फाल्कन नाइन की आठवीं उड़ान थी और उपग्रह रेडियो सेवा को मजबूत करेगा. स्पेसएक्स के 22 अरब डॉलर के सरकारी अनुबंध खतरे में हैं क्योंकि एलन मस्क और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच विवाद बढ़ रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम में भविष्य में कई बदलाव देखे जा सकते हैं.
एलन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस Starlink को भारत में जरूरी लाइसेंस मिल गया है..ये एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है जिसकी मदद से दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाया जा सकता है.
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ट्रंप से विवाद के बीच एलॉन मस्क ने ऐलान किया कि उनकी कंपनी SpaceX अब अपने 'ड्रैगन' स्पेसक्राफ्ट को बंद करना शुरू करेगी. मस्क ने X पर लिखा कि तुरंत प्रभाव से हम 'ड्रैगन प्रोग्राम' को बंद कर रहे हैं. अब स्पेसएक्स राजनीति के रहमोकरम पर कोई सिस्टम नहीं चलाएगा.
स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल, जो सुनीता विलियम्स को धरती पर लेकर आया, अब वही शुभांशु शुक्ला को 8 जून 2025 को ISS ले जाएगा. यह पुन: उपयोग योग्य, स्वचालित डॉकिंग और सुपरड्रैको इंजन वाला यान है. यह 7 यात्रियों या 6000 किग्रा सामान ले जा सकता है. लागत ₹550 करोड़ है. यह भारत के गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण है.
इस मिशन को 'स्टारशिप फ्लाइट 9' (Starship Flight 9) नाम दिया गया था. इसमें सुपर हेवी बूस्टर (Super Heavy Booster) और शिप 35 (Ship 35) का उपयोग किया गया. सुपर हेवी बूस्टर इससे पहले फ्लाइट 7 में उड़ान भर चुका है और यह उसकी दूसरी उड़ान थी. पहले की कुछ उड़ानों में तकनीकी गड़बियों के कारण मिशन असफल रहे थे, लेकिन इस बार उड़ान ने कई अहम पड़ाव पार किए.
Ax-4 मिशन एक ऐतिहासिक कदम है जो मानव अंतरिक्ष यात्रा को आगे बढ़ाएगा. वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा देगा. चालक दल की कड़ी मेहनत और तैयारी के बाद, वे जल्द ही अपनी यात्रा शुरू करेंगे. दुनिया बड़ी उम्मीदों के साथ इस मिशन का इंतजार कर रही है. क्वारंटाइन अवधि और विदाई समारोह जैसे कदम इस मिशन की सफलता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.
Ax-4 मिशन 8 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए लॉन्च होगा. एक्सिओम स्पेस का यह चौथा मिशन स्पेसएक्स के फाल्कन 9 से फ्लोरिडा से उड़ेगा. कमांडर पेगी व्हिटसन के साथ भारत के शुभांशु शुक्ला, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. 14 दिन के मिशन में 31 देशों के 60 प्रयोग होंगे.
स्टारलिंक सर्विस सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के जरिए दुनिया भर में हाई-स्पीड और लो-लेटेंसी ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करती है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने अब स्टारलिंक को यह लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया है. इससे पहले सरकार ने Eutelsat OneWeb और Jio Satellite Communications को सैटकॉम सर्विस के लिए लाइसेंस जारी किए थे.