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अचानक तुर्की में बन गए 700 गड्ढे... पाताल में समाता जा रहा पूरा इलाका, Photos

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST
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तुर्की के मध्य इलाके कोन्या प्लेन में एक डरावनी समस्या बढ़ रही है. यहां करीब 700 बड़े-बड़े ओब्रुक (सिंकहोल) बन चुके हैं. नए-नए बनते जा रहे हैं. ये विशाल गड्ढे खेतों को निगल रहे हैं, जिससे किसान डर के साए में जी रहे हैं. मुख्य वजह है लंबे समय से चल रहा भयंकर सूखा और भूजल का ज्यादा इस्तेमाल. Photo: AFP

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दिसंबर 2025 की ताजा रिपोर्ट्स में यह संख्या 684 बताई गई है, जो देश की 'अनाज की टोकरी' कहे जाने वाले इलाके के लिए बड़ा खतरा है. ओब्रुक जमीन के नीचे की चट्टानों में पानी घुलने से बनते हैं. जब भूजल का स्तर बहुत गिर जाता है, तो ऊपर की मिट्टी सहारा खोकर अचानक धंस जाती है. Photo: AFP
 

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कोन्या का इलाका कार्स्ट क्षेत्र है, जहां चूना पत्थर की चट्टानें हैं – ये पानी में आसानी से घुलती हैं. 2000 के दशक से ये गड्ढे तेजी से बनने लगे. कुछ तो 200 फीट से ज्यादा गहरे हैं. अगस्त 2025 में करमान प्रांत के सुदुरागी गांव में 15 मीटर चौड़ा और 5 मीटर गहरा ओब्रुक बना. सितंबर में करापिनार में 40 मीटर गहरा इनोबा ओब्रुक देखा गया. Photo: AFP
 

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तुर्की क्लाइमेट चेंज से बुरी तरह प्रभावित है. बारिश कम हो रही है, गर्मी बढ़ रही है. कोन्या में पानी की झीलें और जलाशय सूख रहे हैं. किसान अनाज, चुकंदर और मक्का जैसी फसलें उगाने के लिए भूजल पर निर्भर हैं. हजारों वैध और अवैध कुएं खोदे गए, जिससे भूजल स्तर तेजी से गिरा. Photo: AFP

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नासा के मुताबिक, 2021 में जलाशय 15 साल के सबसे निचले स्तर पर थे. अवैध कुओं पर रोक लगाने की कोशिश हो रही है, लेकिन सूखा इतना भयंकर कि किसान मजबूर हैं. कोन्या तुर्की का सबसे बड़ा अनाज उत्पादक इलाका है – गेहूं का 36% और चुकंदर का 35% यहीं से आता है. लेकिन अब खेत बर्बाद हो रहे हैं. Photo: AFP

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कुछ किसानों ने जोखिम वाले इलाकों को छोड़ दिया. किसान फतिह शिक जैसे लोग ट्रैक्टर चलाते वक्त डरते हैं कि कहीं जमीन धंस न जाए. कई खेतों में दो-दो ओब्रुक बन चुके हैं. गांवों के पास भी ये बन रहे हैं. घरों और जानवरों को खतरा है. तुर्की की डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कोन्या, करमान और अक्सराय में 684 ओब्रुक गिने हैं. Photo: AFP

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सबसे ज्यादा करापिनार जिले में – 534. ये अब शहरों और घरों के करीब पहुंच रहे हैं. सरकार और कोन्या टेक्निकल यूनिवर्सिटी मिलकर रिस्क मैप बना रहे हैं. अवैध कुओं पर सख्ती, मॉनिटरिंग बढ़ाई गई है. लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज और पानी की खराब मैनेजमेंट के बिना समस्या नहीं रुकेगी. Photo: Getty

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ज्यादा बारिश न हुई तो और ओब्रुक बनेंगे. कोन्या का यह संकट क्लाइमेट चेंज की बड़ी चेतावनी है. अगर भूजल बचाने और पानी का सही इस्तेमाल नहीं किया, तो तुर्की का अनाज उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा. किसान कहते हैं – काम करना पड़ता है, वरना परिवार भूखा मरेगा, लेकिन जमीन खुद उन्हें निगलने को तैयार है. Photo: Getty

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