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World Leaders in Israel: जर्मनी, अमेरिका और अब फ्रांस... जंग के बीच इजरायल में क्यों जुटने लगे हैं वर्ल्ड लीडर्स?

हमास के हमलों के खिलाफ ये वैश्विक नेता इजरायल के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए तेल अवीव पहुंच रहे हैं. जर्मनी के चांसलर स्कॉल्ज के सलाहकार ने बताया कि स्कॉल्ज मंगलवार शाम को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलेंगे. इस दौरान इजरायल के वॉर कैबिनेट सदस्य बेनी गांट्स भी स्कॉल्ज से मुलाकत करेंगे.

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मैक्रों, बाइडेन और ओलाफ स्कॉल्ज
मैक्रों, बाइडेन और ओलाफ स्कॉल्ज

इजरायल और हमास की जंग समय के साथ-साथ और आक्रामक होती जा रही है. दोनों ओर से मरने वालों की संख्या 4200 का आंकड़ा पार कर चुकी है. इस बीच दुनियाभर के नेता इजरायल पहुंचने लगे हैं. जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज इजरायल पहुंच चुके हैं. वह मंगलवार शाम को नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों भी इजरायल पहुंचेंगे.

हमास के हमलों के खिलाफ ये वैश्विक नेता एकजुटता (Solidarity) दिखाने के लिए इजरायल पहुंच रहे हैं. जर्मनी के चांसलर स्कॉल्ज के सलाहकार ने बताया कि स्कॉल्ज मंगलवार शाम को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलेंगे. इस दौरान इजरायल के वॉर कैबिनेट सदस्य बेनी गांट्स भी स्कॉल्ज से मुलाकत करेंगे.

इजरायल के कट्टर समर्थक हैं मैक्रों

फ्रांस के राष्ट्रपति इजरायल के कट्टर समर्थक हैं. सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से ही मैक्रों इजरायल का समर्थन कर रहे हैं. इस हमले में उस समय 1400 इजरायलियों की मौत हो गई थी और हमलावरों ने लगभग 200 लोगों को बंधक बना लिया था और उन्हें गाजा ले गए थे.

हम हमेशा इजरायल के साथ हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को इजरायल पहुंच रहे हैं. अमेरिका और इजरायल के मधुर संबंध किसी से छिपे नहीं है. अमेरिका हथियारों से लेकर अन्य जरूरी सामान तक इजरायल को मुहैया कराता आया है. ऐसे में इजरायल पहुंचने से पहले ही बाइडेन सरकार कह चुकी है कि जब तक अमेरिका का अस्तित्व है, वह इजरायल के साथ खड़ा रहेगा. 

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बाइडेन ने कहा था कि मैं हमास के क्रूर आतंकवादी हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायल की यात्रा करूंगा. फिर मैं गंभीर मानवीय जरूरतों को संबोधित करने के लिए जॉर्डन की यात्रा करूंगा. वहां नेताओं से मिलूंगा और स्पष्ट करूंगा कि हमास, फिलिस्तीनियों के अधिकार के लिए नहीं खड़ा है.

इससे पहले बाइडेन से पूछा गया था कि क्या वो इस समय गाजा पर इजरायली कब्जे का समर्थन करेंगे? इस पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह एक बड़ी गलती होगी. देखिए, मेरे विचार से गाजा में जो हुआ, वह हमास की वजह से हुआ और हमास के चरमपंथी सभी फिलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. मुझे लगता है कि इजरायल के लिए गाजा पर दोबारा कब्जा करना एक गलती होगी. लेकिन हम अंदर जा रहे हैं. चरमपंथियों को बाहर निकाल रहे हैं. हिजबुल्लाह उत्तर में है लेकिन हमास दक्षिण में है. बाइडेन से पूछा गया कि क्या आप मानते हैं कि हमास को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए? इस पर उन्होंने कहा, हां, मैं समर्थन करता हूं. लेकिन वहां एक फिलिस्तीनी अथॉरिटी की जरूरत है. फिलिस्तीनी राज्य के लिए एक मार्ग की आवश्यकता है.

ट्रूडो ने भी की अपील

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गाजा पट्टी में मानवीय कॉरिडोर खोलने का आह्वान करते हुए कहा कि 23 लाख लोगों की तत्काल मदद का आह्वान किया. मालूम हो कि इजरायली सेना आईडीएफ लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रही है. 

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कैसी शुरू हुई जंग?

इजरायल और हमास के बीच युद्ध का मंगलवार को 11वां ॉदिन है. बीते सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आर्म्स ग्रुप हमास ने गाजा पट्टी से रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी. ये हमले इजरायल पर किए गए थे. हमास ने हमलों की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया. हमास ने गाजा पट्टी से करीब 20 मिनट में 5,000 रॉकेट दागे थे. इतना ही नहीं, इजरायल में घुसपैठ की और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया था. इस जंग में दोनों ओर से सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई है. 

इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी पर लगातार बमबाजी की जा रही है. वहीं, फिलिस्तीन में हमास के लड़ाके भी शांत नहीं पड़े हैं. वो इजरायल पर अभी भी तीन मोर्चे से अटैक कर रहे हैं. लेबनान, समंदर से सटे इलाके और इजिप्ट से सटे साउथ गाजा से रॉकेट और मिसाइलें दागी जा रही हैं. गुरुवार को सेंट्रल इजरायल के वेस्ट बैंक की तरफ भी रॉकेट दागे गए हैं.

सात अक्टूबर को शुरू हुए इस युद्ध के बाद अब तक सात दिनों के भीतर गाजा में 22 हजार से ज्यादा इमारतें तबाह हो गई हैं. 10 अस्पतालों और 48 स्कूलों पर इजरायल ने बमबारी की है. गाजा में अब तक मरने वालों की संख्या 1400 से अधिक हो गई है. इनमें 447 से अधिक बच्चें शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गाजा में तीन लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.

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