बेंजामिन 'बीबी' नेतन्याहू (Benjamin 'Bibi' Netanyahu) एक इजराइली राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने 1996 से 1999 तक और 2009 से 2021 तक इजराइल के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. वह वर्तमान में विपक्ष के नेता और लिकुड - नेशनल लिबरल मूवमेंट के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. माना जाता है कि वह फिर से प्रधानमंत्री बन सकते हैं. नेतन्याहू देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने कुल 15 सालों तक इस पद पर रहे हैं. वह स्वतंत्रता की घोषणा के बाद इजराइल में पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री भी हैं (Benjamin Netanyahu Former Prime Minister of Israel).
इनका जन्म 21 अक्टूबर 1949 को तेल अवीव में हुआ था (Benjamin Netanyahu Age). नेतन्याहू का पालन-पोषण यरुशलम में और संयुक्त राज्य अमेरिका के फिलाडेल्फिया में हुआ था. वह 1967 में इजराइल रक्षा बलों में शामिल होने के लिए इजराइल लौट आए. बेंजामिन Sayeret Matkal विशेष बलों में एक टीम लीडर बने और कई मिशनों में भाग लिया (Benjamin Netanyahu joined Army).
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद, नेतन्याहू बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के लिए एक आर्थिक सलाहकार बन गए (Benjamin Netanyahu Education).
वह 1978 में योनतन नेतन्याहू आतंकवाद-रोधी संस्थान को खोजने के लिए वापस इजराइल चले गए. 1984-1988 तक, नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के स्थायी प्रतिनिधि रहें. 1993 में, वे विपक्ष के नेता बनें और लिकुड के अध्यक्ष चुने गए. वह 1996 के चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री शिमोन पेरेज को हराकर इजराइल के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बनें. नेतन्याहू और लिकुड को 1999 के चुनाव में एहुद बराक की वन इजराइल पार्टी से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद, नेतन्याहू ने पूरी तरह से राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया. कई सालों बाद, एरियल शेरोन के प्रधानमंत्री बनने के बाद, नेतन्याहू ने राजनीति में वापसी की. उन्हें विदेश मामलों के मंत्री और वित्त मंत्री बनाया गया. बाद में नेतन्याहू और शेरोन के रिश्ते बिगड़ गए और उन्होंने गाजा से वापसी योजना के संबंध में असहमति पर इस्तीफा दे दिया (Benjamin Netanyahu Political Career).
परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान एक्शन में है.मिस्र के राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है
आज की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 22 जून, 2025 की खबरें और समाचार: अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अपने सबसे तेज़ और खतरनाक सैन्य अभियान 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में महज 25 मिनट में ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया. वहीं, रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कई देश ईरान को अपने परमाणु हथियार सीधे देने के लिए तैयार है.
मिडिल ईस्ट में ईरान के आसपास बड़े पैमाने पर अमेरिका के एयरबेस हैं. ये एयरबेस 15 साल पुराने हैं. ईरान, इराक, कुवैत, बहरीन, कतर, सऊदी अरब, जॉर्डन, सीरिया, साइप्रस और तुर्किए के आसपास अमेरिका के एयरबेस की भरमार हैं.
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों नतांज, फोर्दो और इस्फहान पर सीधा अटैक कर दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने अटैक के बाद देश को संबोधित कर ईरान से कहा कि वह या तो शांति की ओर लौटे या फिर और तबाही के लिए तैयार रहे.
इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने बताया कि ये हमला इजरायली खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी के आधार पर किया गया, जिसमें उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां ईरान ने मिसाइल लॉन्चर रखे थे. IDF के अनुसार इनमें से कुछ लॉन्चर पहले इज़रायल पर हमले में इस्तेमाल किए जा चुके हैं.
पाकिस्तान की शहबाज सरकार की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी नागरिकों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और यहां तक कि पूर्व राजनयिकों ने तीखा विरोध दर्ज कराया. सामाजिक कार्यकर्ता रिदा राशिद ने लिखा कि गाज़ा में नरसंहार ट्रंप की वजह से जारी है. एक और युद्ध उन्हीं की वजह से भड़क रहा है और पाकिस्तान का यह पपेट शासन उन्हें नोबेल के लिए नामांकित करता है. जीरो डिग्निटी.
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के करीबी अली शामखानी ने दावा किया कि वह इजरायली हमले में बाल-बाल बचे. उन्होंने कहा कि मुझे ज़िंदा रहना था ताकि दुश्मन की नफरत का कारण बना रहूं. वहीं, इजरायल ने दावा किया कि उसने ईरान की कुद्स फोर्स के फिलिस्तीन कॉर्प्स के चीफ सईद इजादी को ईरान के क़ोम शहर में एक हवाई हमले में मार गिराया है.
यमन के हूती विद्रोहियों ने शनिवार को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका, ईरान पर हमले में इज़रायल का साथ देता है, तो वे रेड सी (लाल सागर) में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाएंगे. वहीं, ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष काफी भीषण हो गया है. इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के परमाणु संयंत्र पर हमला किया है. साथ ही एक वरिष्ठ ईरानी कमांडर को मार गिराया है.
Former US President Bill Clinton का बड़ा आरोप, बोले- 'नेतन्याहू हमेशा सत्ता में बने रहने के लिए ईरान से जंग लड़ रहे’
आज की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 21 जून, 2025 की खबरें और समाचार: इजरायली रक्षा बल (IDF) ने शनिवार को पुष्टि की है कि ईरान में एक इजरायली हवाई हमले में आईआरजीसी कुद्स फोर्स में फिलिस्तीन कोर के प्रमुख सईद इजादी की मौत हो गई. उधर, राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक चौंकाने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने सोनम और राज कुशवाहा की साजिश की एक और परत उजागर कर दी है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नेतन्याहू लंबे समय से ईरान से युद्ध करना चाहते हैं, ताकि वह हमेशा सत्ता में बने रह सकें.
इजरायल ने ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की कुद्स फोर्स की वेपंस ट्रांसफर यूनिट (यूनिट 190) के कमांडर बहनाम शाहरियारी का खात्मा कर दिया गया.
सोनिया गांधी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना करते हुए कहा कि शांति को कमजोर करने और उग्रवाद को बढ़ावा देने का उनकी सरकार का लंबा इतिहास रहा है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 17 जून के बयान को भी "निराशाजनक" बताया.
इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर 12 जून को धावा बोल दिया था. इस हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत अंजाम दिया गया. लेकिन इससे बौखलाए ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव सहित उसके रिहायशी इलाकों पर अटैक करना शुरू कर दिया. इससे दोनों ओर लगातार हमले हो रहे हैं.
तेल अवीव के एक शेल्टर में मौजूद लोगों से आजतक ने बात की. उन्होंने बताया कि हालात भले ही तनावपूर्ण हों, लेकिन इज़राइल के लोग इस संघर्ष को अपने बच्चों के भविष्य के लिए जरूरी मानते हैं. लोगों ने कहा कि अगर दिन में 10 बार भी शेल्टर में आना पड़े तो भी हमें कोई परेशानी नहीं है. हम जानते हैं कि यह युद्ध हमारे आने वाले कल के लिए है.
इजरायल और ईरान के बीच आठ दिनों से जारी संघर्ष ने दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी है. इजरायल के हवाई हमलों और ईरान के मिसाइल हमलों के बीच विश्व समुदाय युद्ध के विस्तार को लेकर सतर्क है. फिलहाल अमेरिकी सरकार अभी सीधे युद्ध में शामिल नहीं हुई है, इसके पीछे भारी आर्थिक खर्च और कूटनीतिक पहल बताया जा रहा है.
राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप के लिए कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है. टैरिफ वॉर, यूक्रेन वॉर, इंडो-पाक वॉर, और अब इजरायल-ईरान वॉर. ट्रंप ने जैसा-जैसा सोचा, हुआ उसका उलटा. दुनिया में सबसे बड़े सूरमा कहे जाने वाले अमेरिका को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐसे दांव में फंसाया है कि ट्रंप का उससे निकलना नामुमकिन है.
ट्रंप को पता है कि ईरान से अगर युद्ध में फंसे तो वहां से निकलना मुश्किल होगा. अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका ने काफी कुछ गंवाया है. दूसरे ट्रंप खुद को शांति के मसीहा के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की तलब हो गई है. यही कारण है कि भारत-पाक में सीजफायर का श्रेय लेने के लिए करीब बीसियों बार बयान दे चुके हैं. फिर भी दुनिया उन्हें घास नहीं डाल रही है.
ईरान की राजधानी तेहरान के गिशा इलाके में आज सुबह हुए एक जोरदार धमाके में एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हो गई. इजरायली मीडिया Kan News के मुताबिक एक इजरायली अधिकारी ने दावा किया है कि ये हमला इजरायल की सेना IDF (इजरायल डिफेंस फोर्सेस) ने किया था. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक इज़रायल के हमले जारी रहेंगे, अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी.
युद्ध के सांतवें दिन इजरायल को ईरान ने बुरी तरह से दहला दिया. इजरायल को सबसे बडा झटका उसके बीरशेवा के सोरोका अस्पताल पर हुए हमले से लगा. इजरायल इस अस्पताल को ईरान की मिसाइलों से नहीं बचा पाया और भयानक तबाही मच गई.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ईरान को पूरा नैतिक समर्थन देता है और उस पर किए गए इज़राइली हमलों की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि ईरान को अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाने का अधिकार है और यह अधिकार उसे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत प्राप्त है.